इस प्राइवेट बैंक में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, 4000 करोड़ रुपये की होगी कमाई
सरकार ने पिछले साल मई में एसयूयूटीआई के जरिये एक्सिस बैंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची थी. उस समय बैंक की 1.95 फीसदी हिस्सेदारी बेची गई थी. इससे सरकार की झोली में लगभग 4,000 करोड़ रुपये आए थे.
प्राइवेट सेक्टर के एक्सिस बैंक (Axis Bank) में से सरकार अपनी बची हुई हिस्सेदारी बेचने जा रही है. केंद्र सरकार के तहत स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ द यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (SUUTI) की एक्सिस बैंक में 1.55 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
एक्सिस बैंक में 1.55 फीसदी की हिस्सेदारी के तहत सरकार के बैंक में 4.65 करोड़ शेयर हैं. शेयर बाजारों में फाइल किए गए कागज में यह जानकारी दी गई है. इस बिक्री के साथ की सरकार निजी क्षेत्र के इस बैंक से अपनी पूरी हिस्सेदारी निकाल लेगी.
इस साल सितंबर तक एसयूयूटीआई के पास एक्सिस बैंक में 1.55 फीसदी की हिस्सेदारी थी. इसे शेयरों में देखें तो सरकार के पास इस बैंक के 4,65,34,903 शेयर थे. मौजूदा बाजार भाव पर इन शेयरों की बिक्री से सरकार को करीब 4,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. एक्सिस बैंक के शेयर बुधवार को बीएसई पर पिछले बंद के मुकाबले 0.17 प्रतिशत बढ़कर 874.35 रुपये पर बंद हुए.
10 और 11 नवंबर को लगेगी बोली
एक्सिस बैंक के 4.65 करोड़ शेयर 10 और 11 नवंबर को 830.63 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर बोली के लिए रखे जाएंगे. ऑफर के पहले दिन 10 नवंबर को केवल नॉन-रिटेल इंवेस्टर्स को ही अपनी बोली लगाने की अनुमति होगी. 11 नवंबर को, केवल रिटेल इंवेस्टर्स को बोलियां जमा करने की अनुमति दी जाएगी.
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एक हफ्ते पहले, अमेरिका स्थित एक प्रमुख प्राइवेट इक्विटी हिस्सेदार बैन कैपिटल ने ओपन मार्केट ट्रांजैक्शन के माध्यम से एक्सिस बैंक में 0.54 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,487 करोड़ रुपये में बेच दी थी.
सितंबर में शुद्ध लाभ 70 फीसदी बढ़ा
एक्सिस बैंक ने, विशेष रूप से सितंबर 2022 की तिमाही में एक काफी अच्छा प्रदर्शन दर्ज किया, जिसका शुद्ध लाभ 70 प्रतिशत बढ़कर 5,330 करोड़ रुपये हो गया. 9 नवंबर को बैंक के शेयर BSE पर 874.35 रुपये पर बंद हुए, जो पिछले दिन के बंद की तुलना में 0.17 प्रतिशत अधिक था.
सरकार ने पिछले साल भी बेची थी हिस्सेदारी
सरकार ने पिछले साल मई में एसयूयूटीआई के जरिये एक्सिस बैंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची थी. उस समय बैंक की 1.95 फीसदी हिस्सेदारी बेची गई थी. इससे सरकार की झोली में लगभग 4,000 करोड़ रुपये आए थे.
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Edited by Vishal Jaiswal