Green Peas Farming: बस 4 महीने में दोगुना मुनाफा, किसानों की कमाई बढ़ाने वाला Business Idea
अगर आप भी एक किसान हैं तो मटर की खेती से तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. यह खेती सिर्फ 4 महीने में ही आपको दोगुना मुनाफा देने की ताकत रखती है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
ठंड के मौसम की शुरुआत हो चुकी है और लोगों के घरों में पंखे बंद हो गए हैं. अब बस कुछ ही हफ्तों में बाजार में हरी मटर आने लगेगी. इसके बाद कोई हरी मटर के पराठे बनाकर खाएगा तो हरी मटर की दाल बनाएगा. हरी मटर एक ऐसी सब्जी है जिसका इस्तेमाल कर के तमाम तरह की डिश बन सकती है. इसे आप भुजिया सब्जी में भी डाल सकते हैं और ग्रेवी में भी. अगर आप एक किसान हैं और हरी मटर की खेती करने की सोच रहे हैं तो यही सही समय है. बहुत सारे किसानों ने तो अब तक मटर के बीजों की बुआई भी कर दी है. मटर की खेती से आप महज 4 महीने में ही तगड़ा मुनाफा (profit in Green Peas Farming) कमा सकते हैं. आइए जानते हैं मटर की खेती कैसे (how to do Green Peas Farming) की जाती है.
कब की जाती है मटर की खेती?
मटर की खेती का सही समय मानसून खत्म होने के बाद होता है. अक्टूबर का पूरा महीना ही मटर की खेती के लिए शानदार होता है. हालांकि, अगर मानसून देर तक रुकता है तो मटर की खेती के लिए रुकना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर बुआई के बाद बारिश होती है तो खेत की मिट्टी सख्त हो जाएगी, जिससे मटर के जर्मिनेशन में देरी होगी. वहीं अगर बारिश ज्यादा हुई या पानी रुक गया तो फसल बर्बाद भी हो सकती है.
कैसे की जाती है मटर की खेती?
मटर की खेती से आपको सबसे पहले खेत को अच्छे से जोतना होगा और मिट्टी भुरभुरी करनी होगी. इसके बाद दो बीज की दूरी 4-5 सेंटीमीटर रखें और लाइन से लाइन की दूरी 25-30 सेंटीमीटर रखें. खैर, आजकल तो बुआई की मशीन आती है, जिसमें आपको बस बीज डालना है और वह बुआई करती चली जाएगी. कई लोग मटर की बुआई छिड़काव कर के भी करते हैं, यानी वह लाइन से बीज नहीं लगाते.
मटर की खेती में सिंचाई बहुत ध्यान से करनी चाहिए. मटर में पहली सिंचाई तब की जाती है जब मटर के पौधों में फूल आने लगते हैं. अगर आपको उससे पहले लगे कि पानी की जरूरत है तो स्प्रे से पानी का छिड़काव करें, खेत में ज्यादा पानी ना लगाएं. मटर की फसल 70-80 दिन में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है और 35-40 दिनों तक उत्पादन देती रहती है. एक हेक्टेयर में खेती से आप करीब 100 क्विन्टल तक का उत्पादन पा सकते हैं.
कितनी लागत और कितना मुनाफा?
अगर एक हेक्टेयर (करीब 2.5 एकड़) के हिसाब से देखें तो आपको मटर की बुआई में ही करीब 50 हजार रुपये तक के बीज लगाने होंगे. वहीं खेत की जुताई, बुआई, तुड़ाई, निराई, मंडी तक ले जाने का खर्च और लेबर चार्ज में आपका करीब 50 हजार रुपये तक का खर्च आ सकता है. यानी आपको एक हेक्टेयर में मटर की खेती करने में करीब 1 लाख रुपये तक खर्च करने होंगे. वहीं दूसरी ओर बाजार में आपकी मटर की फसल आसानी से 15-30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक जाएगी. अगर हम औसत भी ले लें तो आपकी फसल 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक ही जाएगी. यानी 100 क्विन्टल हरी मटर 20 रुपये के हिसाब से भी बिकती है तो आपकी 2 लाख रुपये की कमाई होगी. यानी लागत से दोगुना मुनाफा, वो भी सिर्फ 4 महीनों में. अगर आप रिटेल में मटर बेचते हैं तो 30-50 रुपये प्रति किलो तक बेच सकते हैं. यानी इस तरह आप और अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
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