सरकार ने मार्च 2026 तक बढ़ाई GST Compensation Cess की समयसीमा
सरकार ने जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर (GST Compensation Cess) लगाने की समयसीमा करीब चार साल के लिए बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक कर दी है.
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) द्वारा अधिसूचित माल एवं सेवा कर (उपकर की अवधि और संग्रह की अवधि) नियम, 2022 के अनुसार एक जुलाई 2022 से 31 मार्च 2026 तक क्षतिपूर्ति उपकर का आरोपण जारी रहेगा.
उपकर लगाने की समयसीमा 30 जून को ही समाप्त होने वाली थी लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद (GST Council) ने इसकी समयसीमा को मार्च 2026 तक विस्तार देने का फैसला किया. बीते दो वित्त वर्षों में लिए गए कर्जों के पुनर्भुगतान के लिए इस समयसीमा को बढ़ाने का फैसला किया गया है.
इससे पहले यह भी ख़बर आई थी कि इस बैठक में सरकार मासिक कर भुगतान फॉर्म (monthly tax payment form) ‘जीएसटीआर-3बी’ (GSTR-3B) में बदलाव करने संबंधी प्रस्ताव पर विचार कर सकती है. इसमें स्वत: बिक्री रिटर्न से संबंधित आपूर्ति आंकड़ें और कर भुगतान तालिका शामिल होगी जिसमें बदलाव नहीं किया जा सकेगा.
इसके अलावा, सरकार ई-इनवॉइसिंग (e-invoicing) रजिस्टर करने के लिए पोर्टलों की संख्या केवल एक से बढ़ाकर छह कर रही है.
महंगी वस्तुओं और गैर जरूरी सामान पर लगने वाला क्षतिपूर्ति उपकर मार्च 2026 तक लिया जाएगा ताकि जीएसटी राजस्व (GST Revenue) में हुए नुकसान की राज्यों को भरपाई करने के लिए 2020-21, 2021-22 के दौरान लिए गए कर्जों का भुगतान हो सके.
केंद्र ने उपकर संग्रह में आई गिरावट की भरपाई के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में उधारी जुटाकर 1.1 लाख करोड़ रुपये जारी किए थे जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 1.59 करोड़ रुपये की उधारी ली थी.
कई राज्यों ने केंद्र सरकार से क्षतिपूर्ति व्यवस्था जारी रखने की मांग करते हुए कहा था कि क्षतिपूर्ति व्यवस्था बंद होने से उन्हें राजस्व की किल्लत होने लगेगी. जीएसटी लागू होने पर राज्यों को होने वाली राजस्व क्षति की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति व्यवस्था लागू की गई थी. लेकिन इसे शुरू में सिर्फ पांच साल के लिए ही लागू किया जाना था जो 30 जून, 2022 को खत्म होने वाला था.
केंद्र सरकार ने राज्यों को 31 मई, 2022 तक देय जीएसटी क्षतिपूर्ति राजस्व का भुगतान कर दिया है.
आपको बता दें कि देश में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को एक जुलाई 2017 से लागू किया गया था और राज्यों को जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के एवज में पांच साल की अवधि के लिए क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया गया था.