हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स घटा सकती है GST काउंसिल, कितना हो सकता है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक 17 दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाली है.
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) परिषद (GST Council) अपनी आगामी बैठक में दो रिपोर्टों पर विचार करेगी - अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना और अपराधों के डिक्रिमिनलाइजेशन पर. सूत्रों के मुताबिक, परिषद स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी (GST on Health Insurance) दर को मौजूदा 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने के प्रस्ताव पर भी विचार कर सकती है. यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि परिषद बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ (horse racing) और कैसीनो के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी पर छूट की समीक्षा करेगी या नहीं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक 17 दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाली है.
ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसिनो पर जीएसटी छूट पर मंत्रियों के एक समूह ने अभी तक अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है. मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा गया है, 'अगर बैठक से पहले रिपोर्ट सौंपी जाती है, तो इसे लिया जाएगा.'
जीओएम को ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कैसीनो पर 28% कर लगाने के पक्ष में समझा जाता है, लेकिन इस बात पर कोई आम सहमति नहीं है कि कर केवल शुल्क या संपूर्ण प्रतिफल पर होना चाहिए.
सूत्रों ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने के एक और प्रस्ताव पर बैठक में चर्चा होने की संभावना नहीं है क्योंकि इस मुद्दे पर अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है. एक सूत्र ने कहा, 'इस पर और चर्चा की जरूरत है क्योंकि यह एक जटिल विषय है.'
ऐसा बताया जाता है कि कुछ राज्य जीएसटी मुआवजा अवधि बढ़ाने का मुद्दा भी उठा रहे हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी 18% है. जीएसटी लागू होने से पहले, इंश्योरेंस पर सर्विस टैक्स की दर 15% थी, जिसमें 14% आधार सेवा कर, 0.5 प्रतिशत स्वच्छ भारत उपकर और 0.5% कृषि कल्याण उपकर शामिल है.
अब अगर हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST की दर कम होती है, तो इसे देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों को अपने हॉस्पिटल के पैकेज में भी बदलाव करना पड़ेगा.
इसी वर्ष जुलाई महीने में जीएसटी काउंसिल ने अस्पताल के कमरों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया है. आईसीयू को छोड़कर, 5,000 रुपये से अधिक के किराए वाले कमरों पर यह जीएसटी लगेगा. स्वास्थ्य बीमाकर्ता इस टैक्स को टोटल बिल अमाउंट के हिस्से के रूप में मान सकते हैं लेकिन जो पॉलिसीहोल्डर्स रूम रेंट सब-लिमिट का प्लान लिए हैं वो इससे प्रभावित हो सकते हैं. बीमाकर्ता आम तौर पर बीमाधारक के क्लेम (जीएसटी शुल्क सहित) का भुगतान करेगा यदि पॉलिसी में कमरे के किराए पर कोई कैपिंग नहीं है. लेकिन दूसरी तरफ से बीमाधारक पर इस टैक्स से आर्थिक बोझ बढ़ सकता है.