GST के दायरे में पेट्रोल-डीजल? क्या बोलीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण...
आपको बता दें यदि पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी आएगी. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 18 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में होगी.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance minister Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी फ्रेमवर्क (petroleum products under GST) के तहत लाने का संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि एक बार इस संबंध में सभी राज्यों के बीच एक समझौता हो जाने के बाद इसे वस्तु एवं सेवा कर (GST) फ्रेमवर्क में शामिल किया जा सकता है. (gst on petrol-diesel)
वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी कहा कि विकास को बढ़ावा देने की दृष्टि से केंद्र सरकार का वर्षों से सार्वजनिक व्यय बढ़ाने का प्रयास रहा है.
“पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को GST में लाने के लिए प्रावधान पहले से ही उपलब्ध है. मेरे से पहले वित्त मंत्री ने इस बारे में ऑप्शन खुला रखा है,” उन्होंने कहा.
इंडस्ट्री चैंबर PHDCCI के सदस्यों के साथ बजट के बाद के सत्र में बोलते हुए, वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि राज्यों के सहमत होने के बाद, केंद्र के पास GST के तहत पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स शामिल होंगे.
पांच पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स — पेट्रोलियम क्रूड, मोटर स्पिरिट (पेट्रोल), हाई स्पीड डीजल, नैचुरल गैस और एविएशन टर्बाइन फ्यूल को अस्थायी रूप से बाहर रखा गया है और जीएसटी काउंसिल (GST Council) तारीख तय करेगी, जब से उन्हें जीएसटी में शामिल किया जाएगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, “पूरी जीएसटी काउंसिल है जो हाँ कह रही है, और केवल हाँ नहीं, क्योंकि यह पहले से ही तैयार है. उन्हें एक रेट निर्धारित करनी है और एक बार जब वे मुझे रेट बता देते हैं, तो हम इसे जीएसटी में शामिल कर सकते हैं.”
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2023-24 के बजट (budget 2023-24) में पूंजीगत व्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया.
उन्होंने कहा, “पिछले तीन-चार वर्षों से लगातार, सार्वजनिक पूंजीगत व्यय पर जोर दिया गया है. हमने इस बजट में इसे ऊपर रखा है… पूंजीगत व्यय, स्पष्ट रूप से इस बजट का वास्तविक फोकस कहा जा सकता है.”
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, "कई सालों में यह पहली बार है कि पूंजीगत व्यय दो अंकों की राशि तक पहुंच गया है, जिससे यह इस बजट का स्पष्ट फोकस बन गया है."
उन्होंने कहा, "राज्यों के सहमत होने के बाद, हम पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाएंगे."
पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. पिछले दिनों सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी. इसके बाद कीमतों में गिरावट आई थी. इसके बावजूद भी कई शहरों में पेट्रोल के रेट 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर बने हुए हैं. अब कीमत में कमी लाने के मकसद से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा इशारा दिया है.
आपको बता दें यदि पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी आएगी. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 18 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में होगी.