वडोदरा स्थित इस 42 साल पुराने फार्मा ग्रुप ने क्यों किया न्यूट्रास्युटिकल्स में प्रवेश करने का फैसला
Vasu Healthcare की शुरुआत 1980 में तीन भाइयों ने की थी। 2019 में, इसने न्यूट्रास्यूटिकल्स में प्रवेश किया, लेकिन COVID-19 महामारी के बाद ही इस वर्टिकल ने रफ्तार पकड़ी।
COVID-19 महामारी ने स्वास्थ्य पर पूरी तरह से गंभीर प्रभाव डाला है और ये हाल फिलहाल नें जाने वाला भी नहीं है। इस बदलाव ने फार्मास्युटिकल और न्यूट्रास्युटिकल कंपनियों के लिए कई अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रशासन के अनुसार, भारत की न्यूट्रास्युटिकल इंडस्ट्री के 2023 तक वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का कम से कम 3.5 प्रतिशत हिस्सा होने की उम्मीद है और 2025 के अंत तक 18 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की संभावना है।
हालांकि इस क्षेत्र में कई नई कंपनियां उभरी हैं। तमाम अवसरों के कारण, कई स्थापित खिलाड़ी इस ट्रेंड का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं। इनमें वडोदरा स्थित
भी शामिल है। फार्मास्युटिकल और पर्सनल केयर प्रोडक्ट बनाने और बेचने वाली इस कंपनी की स्थापना 1980 में भाइयों वीबी उकानी, एचबी पटेल और जेबी उकानी ने की थी।2019 में, इसने एक न्यूट्रास्युटिकल वर्टिकल, वासु न्यूट्रा लॉन्च करने का फैसला किया, लेकिन यात्रा उतनी भी आसान नहीं थी क्योंकि 2020 में दुनिया में महामारी फैल गई थी। कंपनी के निदेशक और दूसरी पीढ़ी के उद्यमी सागर पटेल, जो 2005 में व्यवसाय में शामिल हुए थे, का कहना है कि व्यवसाय धीरे-धीरे ठीक हो रहा है और "तेजी से बड़े विस्तार" की राह पर है।
निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केंद्रित करना
वासु हेल्थकेयर अपने उत्पादों को 50 देशों में निर्यात करती है। इसने अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक ट्रेंड देखा: निवारक स्वास्थ्य देखभाल प्रोडक्ट का। कंपनी पहले 200 स्वास्थ्य और व्यक्तिगत देखभाल प्रोडक्ट्स की बिक्री कर रही थी, जिसमें क्रीम, मॉइस्चराइजर, हेयर ऑयल, सिरप, दर्द निवारक क्रीम आदि शामिल हैं।
लेकिन ब्रांड में ऐसी कैटेगरीज का अभाव था जो पूरी तरह से निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित हो। 2019 में वासु न्यूट्रा को लॉन्च करने के पीछे यही कारण था। सागर का कहना है कि आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स की मांग "न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी" अधिक है। सागर कहते हैं, "वासु न्यूट्रा का उद्देश्य बेहतरीन जड़ी-बूटियों और न्यूट्रास्युटिकल इनग्रेडिएंट्स से बने प्रोडक्ट्स की पेशकश करना है।"
कंपनी द्वारा लॉन्च किया गया पहला प्रोडक्ट बोंटन डीक्यू था (Bonton DQ), जो कैल्शियम और विटामिन डी3 का संयोजन है। कंपनी ने 2021 में रफ्ताप पकड़ी, क्योंकि अधिक से अधिक लोगों ने अपने स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान देना शुरू कर दिया। वे कहते हैं, "स्वास्थ्य देखभाल के बारे में जागरूकता ने अधिक मांग उत्पन्न करने में मदद की और व्यवसाय की रिकवरी के लिए भी यही कारक जिम्मेदार है।" वे कहते हैं कि सुरक्षित जड़ी-बूटियों की श्रेणी को COVID-19 के दौरान अधिकतम मांग मिली।
नए ब्रांडों के अलावा, सुप्रीम फार्मास्युटिकल्स और सिंथाइट इंडस्ट्रीज जैसी स्थापित कंपनियों ने भी इस श्रेणी में प्रवेश किया है। इस हेल्थकेयर शाखा ने एक हर्बल सप्लीमेंट रेंज भी लॉन्च की है जिसमें अश्वगंधा, आमलकी, गुडूची, हल्दी जैसे उत्पाद और कैप्सूल के रूप में और भी बहुत कुछ शामिल हैं।
सागर का दावा है कि सभी प्रोडक्ट 100 प्रतिशत वेगन और प्रिजर्वेटिव्स फ्री हैं। वे कहते हैं, "हम ऐसे उत्पादों को बेचना चाहते हैं जो प्रतिरक्षा, ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ाते हुए समग्र स्वास्थ्य और भलाई को बढ़ावा देते हैं।" वासु नुत्रा ने देश भर में युनिट्स में कॉन्ट्रैक्ट-मैन्युफैक्चरिंग की योजना बनाई है क्योंकि "इन उत्पादों को बनाने के लिए आवश्यकताएं और जरूरतें विविध हैं"।
कंपनी हर साल Bonton DQ की दो लाख यूनिट बेचने का दावा करती है। बिक्री का तीन प्रतिशत
, , और जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से आता है जबकि शेष सामान्य व्यापार और आधुनिक व्यापार जैसे ऑफलाइन चैनलों से आता है। उत्पादों को कंपनी की D2C वेबसाइट, वासु स्टोर पर भी सूचीबद्ध किया गया है।इस साल, कंपनी की योजना डेंगू, पीसीओएस, मेनोपॉज, यूरिनरी केयर आदि श्रेणियों में 10 उत्पाद लॉन्च करने की है।
सागर कहते हैं, "हमारी योजना ओरल केयर सेगमेंट में भी उतरने की है।"
Edited by Ranjana Tripathi