ये हैं दुनिया के सबसे छोटे बॉडी बिल्डर, गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर खुद को किया साबित
लंबाई कम होने के चलते एक समय लोग प्रतीक का मज़ाक बनाया करते थे लेकिन आज उन्हीं प्रतीक ने अपनी मेहनत के बल पर कुछ ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि भारत समेत दुनिया आज उन्हें सलाम कर रही है। 3 फीट और 4 इंच लंबे प्रतीक अब दुनिया के सबसे छोटे बॉडी बिल्डर बन गए हैं।
महाराष्ट्र से आने वाले प्रतीक विट्ठल मोहिते जब पैदा हुए तो उनके हाथ और पैर सामान्य से छोटे थे हालांकि आगे चलकर प्रतीक ने अपनी छोटी लंबाई को ही अपना हथियार बनाया और अब प्रतीक ने दुनिया के सबसे छोटे बॉडी बिल्डर होने का गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
दोस्त के सुझाव पर किया था अप्लाई
गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने प्रतीक का एक वीडियो यूट्यूब पर शेयर किया है जहां प्रतीक ने बताया है कि उन्होने अपने दोस्त के कहने पर वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया था और अब उन्होने यह वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम भी कर लिया है जिस पर उन्हें काफी गर्व है।
प्रतीक कहते हैं कि वर्ल्ड रिकॉर्ड को एक सपने की तरह देखते थे और अब इसे हासिल कर वे खुद को बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। प्रतीक के अनुसार यह उनके बॉडी बिल्डिंग करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
अब ये है प्रतीक का लक्ष्य
प्रतीक अपनी बॉडी को मेंटेन करने के लिए अपनी डाइट पर काफी फोकस करते हैं जिसमें वे स्पेशल डाइट फूड लेते हैं। प्रतीक हर रोज़ करीब दो घंटे जिम में बिताते हैं और दिन की शुरुआत में वे 30 मिनट की दौड़ भी लगाते हैं, इसी के साथ खाली समय में उन्हें अपने दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलना बेहद पसंद है। प्रतीक ने बताया है कि वे अब आगे चलकर अपना खुद का जिम खोलना चाहते हैं।
प्रतीक को बॉडी बिल्डिंग अपनाने की प्रेरणा अपने मामा से मिली थी। महज 16 साल की उम्र में वर्कआउट शुरू कर देने वाले प्रतीक पिछले तीन सालों में ही 30 से अधिक बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं।
प्रतीक के अनुसार जब उन्होने बॉडी बिल्डिंग शुरू की थी तब उनके परिवार को इसके बारे में कुछ नहीं पता था और वे इसे लेकर आश्वस्त नहीं थे, लेकिन प्रतीक की लगन और मेहनत को देखकर परिवार ने भी जल्द ही प्रतीक का समर्थन करना शुरू कर दिया था। विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने के बाद प्रतीक अब मिस्टर वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतना चाहते हैं।
कभी नहीं मानी हार
प्रतीक के अनुसार जब वे पैदा हुए थे तब उनके हाथ-पैर सामान्य से काफी छोटे थे और डॉक्टरों ने तब उनके माता-पिता से कहा था कि वे कुछ काम नहीं कर पाएंगे। इसी के साथ डॉक्टरों ने यह भी कहा था कि उन्हें कहीं आने-जाने के लिए भी सहारे की आवश्यकता होगी।
शुरुआती दिनों में भी कुछ लोग प्रतीक की लंबाई का मज़ाक बनाते हुए उन्हें ‘बौना’ जैसे शब्दों से संबोधित किया करते थे। प्रतीक के लिए वह समय मनोबल को तोड़ने वाला था लेकिन प्रतीक ने उस समय हार नहीं मानी और इससे प्रेरणा लेकर बॉडी बिल्डिंग पर फोकस करना शुरू कर दिया। आज प्रतीक दुनिया भर में खासकर कम लंबाई वाले लोगों के लिए एक प्रेरणाश्रोत बन चुके हैं।
Edited by Ranjana Tripathi