Zomato की मदद से बेसहारा बच्चों को डिजिटली एजुकेट करेगा DCPCR
डीसीपीसीआर इस समय 62 सीसीआई में 1000 से अधिक बच्चों के लिए फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमरेसी (FLN) प्रोग्राम चला रहा है. अब वह सरकार द्वारा वित्तपोषित और सरकार द्वारा संचालित सीसीआई में रहने वाले 10 से 18 एज ग्रुप के बच्चों के लिए एडटेक इंटरवेंशन लाकर बच्चों की सीखने की क्षमता में विस्तार कर रहा है.
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) ने सरकार द्वारा वित्तपोषित व सरकार द्वारा संचालित चाइल्ड केयर संस्थानों (CCI) के 10-18 साल के बच्चों को डिजिटली एजुकेट करने के लिए एडटेक पहल की शुरुआत की है.
डीसीपीसीआर फिलहाल 62 सीसीआई में 1000 से अधिक बच्चों के लिए फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमरेसी (FLN) प्रोग्राम चला रहा है.
यह एडटेक पहल मूलभूत साक्षरता कार्यक्रमों को सहायता देने के साथ ही सक्षम बनाएगा, जिसमें बच्चे ऐप्स, गेम और वीडियो के उपयोग के माध्यम से पढ़ऩा और मैथ सीख सकते हैं.
यह पहल एडटेक इंडिया इनिशिएटिव (Educate India initiative) का हिस्सा है जो कि फीडिंग इंडिया बाई जोमैटो एंड अनअकेडमी (Feeding India by
and ) का देशव्यापी अभियान है.यह पहल 1900 से अधिक ऐसे बच्चों को एजुकेशनल और न्यूट्रिशनल सपोर्ट मुहैया कराने के लिए है. ये ऐसे बच्चे हैं जिनके कोविड-19 के दौरान खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं रह गई, उन्होंने अपने परिजनों को खो दिया और वे पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं.
डीसीपीसीआर ने सीसीआई में बच्चों के फाउंडेशन लिटरेसी एंड न्यूमरेसी के परिणामों के लिए अपने चाइल्ड राइट्स फेलोशिप के माध्यम से अशोका यूनिवर्सिटी के साथ पार्टनरशिप की है.
26 अगस्त, 2022 को लड़कों के ऑब्जर्वेशन होम आधारशिला में दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने सरकार के 9 सीसीआई के बच्चों को 263 टैबलेट्स, स्टेशनरी किड्स और ड्राइ फ्रूट्स के वितरण के साथ यह प्रोग्राम लॉन्च किया. फीडिंग इंडिया और डीसीपीसीआर की इस प्रोजेक्ट को सरकार द्वारा संचालित 17 सीसीआई तक बढ़ाने की योजना है, जहां 250 से अधिक टैबलेट्स बांटे जाएंगे.
गहलोत ने कहा कि दिल्ली पहला ऐसा राज्य है जहां सरकार द्वारा संचालित सीसीआई के बच्चों को सीखने के लिए टैबलेट्स मुहैया कराए जाएंगे. ऑनलाइन लर्निंग की यह पहल कोई लक्जरी नहीं बल्कि आवश्यकता है. कोविड ने हमें महसूस कराया कि भविष्य में प्रोग्रेस करने के लिए गैजेट्स बेहद जरूरी हैं. मैंने छात्रों से अनुरोध किया है कि वे टैबलेट्स का इस्तेमाल एजुकेशन और लर्निंग के लिए करें. सरकारी और प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं जो किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ-साथ चलते हैं.
डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा कि रिडिंग कैंपेन की शुरुआत के 5 महीने के अंदर ही कहानियां पढ़ सकने वाले सीसीआई के बच्चों की संख्या 24 फीसदी से बढ़कर 47 फीसदी हो गई है. इन बच्चों को अभी टैबलेट मिलना शुरू हुआ है. मुझे विश्वास है कि साल के अंत तक सीसीआई का हर बच्चा पढ़-लिख सकेगा. आजादी के 75वें साल में यह एक छोटा सा सपना है जिसे हम हासिल करेंगे.
Edited by Vishal Jaiswal