दुनिया से एक और जनजाति का खात्मा, 26 साल तक अकेले रहने वाले 'मैन ऑफ द होल' की मौत
उन्हें 'मैन ऑफ द होल' के तौर पर इसलिए जाना जाता था क्योंकि उन्होंने अपना गुजर-बसर करने के लिए गहरे गड्ढे खोदे थे. वह इन गड्ढों को छिपने और जानवरों का शिकार करने के लिए इस्तेमाल करते थे. उनका शव 23 अगस्त को उनके भूसे की झोपड़ी के बाहर एक झूले में मिला.
'मैन ऑफ द होल' (Man of the Hole) के नाम से जाने जाने वाले ब्राजील के अमेजन रेनफॉरेस्ट में रहने वाले दुनिया के सबसे अकेले आदमी की मौत के साथ ही तेजी से मॉडर्न हो रही दुनिया से एक और जनजातीय खत्म हो गई. मानवाधिकार संगठन सर्वाइवल इंटरनेशनल ने रविवार को इसकी जानकारी दी.
उन्हें 'मैन ऑफ द होल' के तौर पर इसलिए जाना जाता था क्योंकि उन्होंने अपना गुजर-बसर करने के लिए गहरे गड्ढे खोदे थे. वह इन गड्ढों को छिपने और जानवरों का शिकार करने के लिए इस्तेमाल करते थे. उनका शव 23 अगस्त को उनके भूसे की झोपड़ी के बाहर एक झूले में मिला. उनके साथ हिंसा के कोई संकेत नहीं थे. माना जाता है कि उनकी उम्र 55 से 65 साल के बीच थी.
कौन थे 'मैन ऑफ द होल'
'मैन ऑफ द होल' ब्राजील के रोन्डोनिया राज्य में तनारू स्वदेशी क्षेत्र के एकमात्र निवासी थे. आदिवासी लोगों के लिए वैश्विक आंदोलन चलाने वाले लंदन स्थित मानवाधिकार निकाय ने कहा कि उनकी जनजाति के अन्य सदस्यों को 1970 के दशक में मार दिया गया था. वहीं, कबीले के शेष बचे 6 सदस्य 1995 में मारे गए थे.
1990 के आसपास, फुयनाई (Indigenous Affairs Agency -Funai) ने ध्वस्त घरों के साक्ष्य की खोज के बाद उनकी मौजूदगी का पता लगाया था. साल 2009 से ही बंदूकधारी उन्हें निशाना बनाना चाहते थे. हालांकि, FUNAI द्वारा उनके क्षेत्र की रक्षा करने के प्रयासों के कारण वह जीवित रहने में सक्षम रहे.
आदिवासी लोगों के लिए ब्राजील की सरकारी एजेंसी, फुयनाई ने 2018 में मैन ऑफ द होल को फिल्माया था. दस्तावेजों में कहा गया है कि वह हमेशा अकेले रहने पर जोर देते थे और बाहरी दुनिया से संपर्क नहीं बनाना चाहते थे.
वह बाहरी लोगों के साथ कोई संपर्क नहीं रखते थे इसलिए उनके बारे में बहुत ही कम जानकारी मौजूद है. इस बारे में कोई जानकारी नहीं कि वह कौन सी भाषा बोलते था या उनके कबीले को क्या कहा जाता था.
ब्राजील की जनजातियों पर मंडरा रहा संकट
ब्राजील के संविधान के तहत स्वदेशी लोगों को उनकी पारंपरिक भूमि पर अधिकार दिया गया है. इसलिए जो इन लोगों की भूमि को कब्जाना या जब्त करना चाहते हैं वह इन जनजातियों को खत्म कर डालते हैं.
सबसे हाल के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 21.2 करोड़ लोगों के देश ब्राजील में रहने वाले 300 से अधिक अलग-अलग समूहों से संबंधित लगभग 8 लाख स्वदेशी लोग रहते हैं. आधे से अधिक जनजातियां अमेजन में रहती हैं और उनमें से कई प्राकृतिक संसाधनों के अवैध दोहन के कारण खतरे में हैं क्योंकि वे अपने अस्तित्व के लिए उन्हीं पर निर्भर रहते हैं. FUNAI के अनुसार, ब्राजील में अलग-थलग रहने वाले स्वदेशी समूहों के 114 रिकॉर्ड दर्ज हैं.
Edited by Vishal Jaiswal