अडानी ग्रुप ने ऑडिट के लिए Grant Thornton को हायर करने की खबरों से किया इनकार, जानिये क्यों?
बीएसई फाइलिंग में अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि ऐसी ख़बरें महज बाजार की अफवाहें हैं, और इसलिए इस पर टिप्पणी करना अनुचित होगा.
अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) ने गुरुवार को हिंडनबर्ग (Hindenburg) संकट के बाद ऑडिट के लिए ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) को हायर करने की खबरों को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया. गौतम अडानी (Gautam Adani) के अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनी ने इसे बाजार की अफवाह करार दिया.
बीएसई फाइलिंग में अडानी एंटरप्राइजेज ने कहा कि ऐसी ख़बरें महज बाजार की अफवाहें हैं, और इसलिए इस पर टिप्पणी करना अनुचित होगा. अडानी एंटरप्राइजेज ने यह भी कहा कि कंपनी इस बात की पुष्टि करना चाहती है कि इसने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सूचीकरण बाध्यताएं और प्रकटीकरण आवश्यकताएं) विनियम, 2015 और स्टॉक एक्सचेंजों के साथ फर्म के समझौतों के तहत दायित्वों के अनुपालन में खुलासे किए हैं और ऐसा करना जारी रखेगी.
पहले ये ख़बर आई थी कि अडानी ग्रुप ने शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के दावों को खारिज करने के लिए अपनी कुछ कंपनियों की स्वतंत्र ऑडिट कराने का फैसला लिया है. ग्रुप ने इसके लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) को हायर किया है.
बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप की सात सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार मूल्य आधा हो गया है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में ग्रुप के खिलाफ टैक्स और स्टॉक्स की हेराफेरी का आरोप लगाया गया था.
अडानी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया और उन्हें दुर्भावनापूर्ण, निराधार और भारत पर एक सुनियोजित हमला बताया. इसने दिवंगत फाइनेंसर और धोखेबाज बर्नी मैडॉफ का जिक्र करते हुए हिंडनबर्ग को मैनहट्टन का मैडॉफ कहा.
100 साल पुरानी Grant Thornton
Grant Thornton लगभग एक सदी पुरानी है. इसे दुनिया का सातवां सबसे बड़ा अकाउंटिंग नेटवर्क होने का तमगा हासिल है. Ernst & Ernst के लिए काम करने के बाद, जो बाद में Ernst & Young बन गयी, अकाउंटेंट अलेक्जेंडर ग्रांट (Alexander Grant) ने 1924 में 26 साल की उम्र में अपनी खुद की ऑडिट फर्म की स्थापना की. वर्षों से अलेक्जेंडर ग्रांट एंड कंपनी ऑस्ट्रेलियाई, ब्रिटिश और कनाडाई फर्मों के साथ काम कर रही है.
भारत सरकार के प्रोजेक्ट्स के साथ जुड़ाव
साल 1980 में, कंपनी ग्रांट थॉर्नटन इंटरनेशनल नेटवर्क बनाने के लिए 49 वैश्विक फर्मों के साथ यूके स्थित थॉर्नटन बेकर में शामिल हो गयी. 150 देशों में इसके लिए 60,000 लोग काम कर रहे हैं. फर्म ने भारत के स्वच्छ गंगा मिशन के लिए तकनीकी सहायता भी मुहैया की है. कंपनी नीति आयोग की रणनीतिक सलाहकार भी हैं, जो इसे अधिक कुशल सार्वजनिक निवेश के साथ मदद करती हैं.
फॉल्ट ऑडिट का इतिहास
लेकिन Big Four को चुनौती देने वाली नामचीन अकाउंटिंग फर्म का फॉल्ट ऑडिट करने का अपना इतिहास रहा है. उदाहरण के लिए, पिछले साल ब्रिटिश नियामक ने Sports Direct की फॉल्ट ऑडिट पर ग्रांट थॉर्नटन पर 1.5 मिलियन डॉलर से अधिक का जुर्माना लगाया था. कंपनी यह बताने में विफल रही कि Sports Direct के लिए एक डिलीवरी फर्म एक संबंधित पार्टी थी, जिसे फाउंडर माइक एशले के भाई द्वारा मैनेज किया गया था.
एक अन्य मामले में, पैटिसरी वैलेरी की गलत ऑडिट करने पर कंपनी पर 2.3 मिलियन पाउंड से अधिक का जुर्माना लगाया गया था. ग्रांट थॉर्नटन को फर्म के मैनेजमेंट द्वारा मुहैया की गई जानकारी पर सवाल नहीं उठाने का दोषी पाया गया. इसलिए, हाल के दिनों में दिग्गज अकाउंटिंग फर्म संकट का सामना कर रही फर्मों द्वारा किए गए दावों की जांच करने में विफल रही है.
वहीं, फैक्ट-चेकर और AltNews के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर ने एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने कई ऐसी ख़बरों का एक स्क्रीनशॉट शेयर किया, जिनमें Grant Thronton पर अलग-अलग वक्त पर लगाए गए जुर्माने की जानकारी है.
किंगफिशर संकट में भूमिका?
आपको बता दें कि ग्रांट थॉर्नटन इंडिया को 2018 में सीबीआई की जांच का सामना करना पड़ा था. कंपनी ने, अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस की वैल्यूएशन 4,100 करोड़ रुपये बतायी थी. जब उधारदाताओं ने विजय माल्या के स्वामित्व वाली फर्म की अपनी गणना की, तो उन्होंने पाया कि कंपनी की वैल्यूएशन केवल 160 करोड़ रुपये की थी. इसलिए ग्रांट थॉर्नटन एयरलाइन की बढ़ी हुई वैल्यूएशन को लेकर जांच के दायरे में थी.