Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

हिंडनबर्ग विवाद के बाद अडानी ने Grant Thornton को ऑडिट के लिए हायर किया: रिपोर्ट

हिंडनबर्ग विवाद के बाद अडानी ने Grant Thornton को ऑडिट के लिए हायर किया: रिपोर्ट

Tuesday February 14, 2023 , 3 min Read

गौतम अडानी (Gautam Adani) के स्वामित्व वाले अडानी ग्रुप (Adani Group) ने शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के दावों को खारिज करने के लिए अपनी कुछ कंपनियों की स्वतंत्र ऑडिट कराने का फैसला लिया है. ग्रुप ने इसके लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन (Grant Thornton) को हायर किया है. बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड को भारी नुकसान हुआ है.

अडानी ग्रुप द्वारा यह हायरिंग हिंडनबर्ग की 24 जनवरी की रिपोर्ट के जवाब में अपना बचाव करने के पहले बड़े प्रयास के रूप में देखी जा रही है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में ग्रुप के खिलाफ टैक्स और स्टॉक्स की हेराफेरी का आरोप लगाया गया था.

अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने आरोपों का पुरजोर खंडन किया है, लेकिन निवेशक चिंतित हैं. पिछले तीन हफ्तों में ग्रुप की सात सूचीबद्ध सहायक कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्य में कुल मिलाकर लगभग 120 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है.

अडानी ग्रुप ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कानूनी अनुपालन, संबंधित पक्ष लेनदेन और आंतरिक नियंत्रण से संबंधित मुद्दों के स्वतंत्र मूल्यांकन पर विचार कर रहा है. इसी कड़ी में ग्रांट थॉर्नटन की हायरिंग की खबर पहली बार आई है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से कहा कि अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियों की स्वतंत्र ऑडिट करने के लिए ग्रांट थॉर्नटन को हायर किया गया है.

सूत्रों में से एक ने कहा कि ग्रांट थॉर्नटन यह देखेगी कि अडानी ग्रुप में संबंधित-पक्ष लेनदेन कॉर्पोरेट प्रशासन मानकों का अनुपालन करते हैं या नहीं.

हालांकि ग्रांट थॉर्नटन और अडानी ग्रुप ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया.

अडानी ग्रुप ने सोमवार को निवेशकों को यह कहते हुए आश्वस्त करने की कोशिश की कि उनके पास नकदी है, इसकी व्यावसायिक योजनाएं पूरी तरह से फंडेड हैं और इसे "शेयरधारकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए हमारे पोर्टफोलियो की निरंतर क्षमता में विश्वास है."

लेकिन नियामक दबाव बढ़ रहा है. भारत के बाजार नियामक ने सोमवार को पुष्टि की कि वह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच कर रहा है, साथ ही साथ रिपोर्ट प्रकाशित होने से पहले और बाद में बाजार गतिविधि की जांच कर रहा है.

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने लिस्टेड और प्राइवेट अडानी कंपनियों दोनों द्वारा कई "अघोषित संबंधित पार्टी लेनदेन" की पहचान की है, यह आरोप लगाते हुए कि यह भारतीय प्रकटीकरण कानूनों का उल्लंघन है.

अपने खंडन में, अडानी ने कहा था, "सभी संबंधित पक्ष लेनदेन सामने हैं, और ऑडिटर्स द्वारा उन्हें रिव्यू/ऑडिट किया गया है."

वहीं, अडानी-हिंडनबर्ग मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश को देखते हुए केंद्र सरकार शेयर बाजार के लिए रेगुलेटरी मैकेनिज्म को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति (एक्सपर्ट पैनल) गठित करने के लिए तैयार हो गई है.

केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि शेयर बाजार के लिए रेगुलेटरी मैकेनिज्म को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के मामले की सुनवाई कर रहा था.