झोपड़ी में रहने वाले विधायक के लिए लोगों के दान से बनेगा घर
हमारे देश में ऐसे नेता ढूंढ़ने से भी शायद ही मिलें जो आर्थिक रूप से संपन्न न हों। लेकिन हाल ही में मध्य प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में एक ऐसे नेता को जनता ने विधायक चुना है जो इस बात का सबूत है कि नेता भी गरीब हो सकता है। मध्य प्रदेश की विजयपुर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक सीताराम आदिवासी (60) गरीबी के चलते अपनी पत्नी के साथ आज भी कच्चे मकान में रहते हैं।
बीते साल नवंबर में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे और इस चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत साबित कर सरकार बनाई। कांग्रेस के पक्ष में प्रदेश का माहौल था, लेकिन फिर भी सीताराम ने कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी रामनिवास रावत को हराया। इससे पहले सीताराम ने दो बार चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सीताराम बेहद सादगी से अपनी जिंदगी बिताते हैं। उनका घर अभी भी कच्चा है और वे अपने घर पर चारपाई पर बैठकर आग तापते लोगों से बात करते दिख जाएंगे।
हालांकि उनके इस अंदाज से लोग काफी प्रभावित हुए और उनके लिए एक पक्का मकान बनवाने की कोशिश शुरू की। विजयपुर विधानसभा के पिपरानी गांव के रहने वाले धनराज का कहना है कि यह अच्छी बात नहीं है कि उनका विधायक इतनी गरीबी में अपनी जिंदगी बिता रहा है। उन्होंने कहा, 'यही वजह है कि हम लोगों से मिलकर पैसे इकट्ठे कर रहे हैं ताकि उनके लिए दो कमरों का घर बनवा सकें।' धनराज ने कहा कि सीताराम हर मुश्किल में क्षेत्र के लोगों के साथ खड़े रहते हैं, इसलिए हम उनके लिए घर बनवा रहे हैं।
वहीं सीताराम का कहना है कि उनके पास इतना पैसा ही नहीं है कि वे खुद से अपने लिए घर बनवा सकें। उन्होंने कहा, 'लोग अब 100 से 1000 रुपये का दान कर रहे हैं ताकि मेरे लिए घर बनवा सकें। जब मैंने चुनाव जीता था तो लोगों ने मुझे सिक्के से तौला था। उन पैसों से मेरे लिए घर बनवाया जा रहा है। जब मुझे मेरा वेतन मिलेगा तो मैं उन पैसों को अपने क्षेत्रे के लोगों के विकास के लिए इस्तेमाल करूंगा।'
चुनाव के पहले हर प्रत्याशी को अपनी संपत्ति से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है। सीताराम ने जो जानकारी शपथ पत्र के जरिए दी उसके मुताबिक उनके पास सिर्फ 46,733 रुपये हैं, जिनमें से 25,000 नकद और 21,733 रुपये दो बैंक खातों में हैं। इसके अलावा, उनके पास 2.8 एकड़ जमीन और 600 वर्ग फुट का कच्चा मकान है, जो उन्हें विरासत में मिले हैं। इनकी अनुमानित बाजार कीमत करीब 5,00,000 रुपये है।
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