कैसे दुश्मनों की प्रोपर्टी ने सरकार को किया मालामाल, कमाए 3,400 करोड़ रुपये
ये संपत्ति भारत के पूर्व निवासियों की थी, जिन्होंने विभाजन के दौरान और 1962 और 1965 के युद्धों के बाद पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने के लिए देश छोड़ दिया था.
जहां एक ओर पड़ोसी देश पाकिस्तान, अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में अपने दूतावास की एक इमारत को बेचकर पैसे जुटा रहा है. वहीं भारत सरकार ने शेयरों और सोने सहित दुश्मनों की संपत्तियों का निपटान करके 3,400 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं. (Disposing of enemy properties) ये संपत्ति भारत के पूर्व निवासियों की थी, जिन्होंने विभाजन के दौरान और 1962 और 1965 के युद्धों के बाद पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने के लिए देश छोड़ दिया था.
निपटान की गई संपत्ति में 1699.79 ग्राम निहित सोना शामिल है जो 49,14,071 रुपये में बेचा गया था और 28.896 किलोग्राम चांदी के गहने जो जनवरी 2021 में भारत सरकार टकसाल द्वारा शुरू किए गए निपटान पर 10,92,175 रुपये में निपटाए गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs (MHA)) के एक अधिकारी द्वारा इसकी पुष्टि की गई है. इसके अलावा 2,708.9 करोड़ रुपये के शेयर भी बेचे गए.
विशेष रूप से, भारत में शत्रु संपत्तियों के प्रभावी ढंग से संरक्षण, प्रबंधन और कुशलता से निपटान के लिए शत्रु संपत्ति सूचना प्रणाली (Enemy Property Information System) है. यह प्रणाली ऐसी चिंता से निपटने वाले सभी हितधारकों के लिए उपलब्ध है. यह प्रणाली शत्रु संपत्ति अधिनियम (Enemy Property Act) के तहत बनाए गए एक प्राधिकरण CEPI के साथ शत्रु संपत्तियों की पहचान और निहित करने में तेजी लाने में भी मदद करती है.
महत्वपूर्ण रूप से, अब तक सरकार द्वारा केवल चल शत्रु संपत्तियों का ही मुद्रीकरण (enemy properties monetized) किया गया है. हालांकि, ऐसा लगता है कि वह दिन दूर नहीं है. सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अचल शत्रु संपत्तियों पर एक ताजा सर्वे और मूल्यांकन रिपोर्ट का अनुरोध किया है.
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, "प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, उपरोक्त मामले में समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. गृह मंत्रालय नोडल अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेटों या संबंधित उपायुक्तों के माध्यम से राज्यों के साथ इस मुद्दे को उठा रहा है."
दिलचस्प बात यह है कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, त्रिपुरा, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में शत्रु संपत्तियों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है.
बता दें कि पाकिस्तान, अमेरिका में अपने दूतावास की जो इमारत बेच रहा है, दरअसल वह जर्जर हो चुकी एक. वहीं, इस इमारत के बोली दाताओं में एक भारतीय भी है जिसने इमारत को खरीदने के लिए कथित तौर पर 5 मिलियन डॉलर (₹41.42 करोड़) की बोली लगाई है.