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पढ़ाई में कितनी कारगर साबित होगी 5G टेक्नोलॉजी

पढ़ाई में कितनी कारगर साबित होगी 5G टेक्नोलॉजी

Sunday October 30, 2022 , 4 min Read

हमारे जीवन यापन के लिए रोटी, कपड़ा और मकान सबसे मूलभूत जरूरतें हैं. इन जरूरतों को पूरा करने करने में आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति की पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है. हर व्यक्ति इन जरूरतों को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश करता है. इन सभी जरूरतों को पूरा करने का एक सॉलिड तरीका है, और वो है शिक्षा. जब समाज के लोग शिक्षित होंगे, तब इन जरूरतों को बड़ी आसानी से हासिल किया जा सकेगा. शिक्षा को गांव के आखिरी कोने तक पहुँचाने का सबसे सार्थक तरीका है इन्टरनेट. तेजी के बढ़ती विकास की रफ़्तार को बरकरार रखने में इन्टरनेट एक अहम भूमिका निभा रहा है.

भारत में 5G तकनीक लॉन्च हो चुकी है. हालांकि अभी पूरे देश में इसका रोल आउट नहीं किया गया है. 5G कनेक्टिविटी शुरूआती दौर में केवल कुछ राज्यों के लिए ही उपलब्ध होगी. आईटी कंपनीयों का मानना है कि 2022 के अंत तक लगभग 75% भारतीय 5G ब्रॉडबैंड सेवा का लाभ उठा सकेंगे. 5G तकनीक शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार सहित अन्य  महत्वपूर्ण क्षेत्रों को गति प्रदान करने का काम करेगी.

कोरोना महामारी ने शिक्षा के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बुरी तरह से प्रभावित किया. महामारी ने ऑनलाइन शिक्षा को एक विकल्प से एक आवश्यकता में बदल दिया. छात्रों की शिक्षा जारी रखने के लिए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने डिजिटल तरीकों को लागू करदिया. टीचर्स ने ऑनलाइन पढ़ना शुरू करदिया, स्टूडेंट्स ने भी ऑनलाइन शिक्षा के तरीके को अपनाकर खुद को इसके लिए तैयार करलिया. 

इंटरनेट कनेक्शन की बेहतर सेवाओं के अभाव के बावजूद भी ई-लर्निंग को भारतीयों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली. हालांकि यह लंबे समय तक नहीं चल सका. जैसे ही सरकार ने कोविड प्रतिबंध हटाने की घोषणा की, अधिकांश आबादी शिक्षा ग्रहण करने की पारंपरिक पद्धति में वापस आ गई.

टियर 2 और टियर 3 शहरों में रहने वाले छात्रों को महामारी के दौरान कमजोर इंटरनेट कनेक्शन  के कारण बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि 5G सर्विस के लॉन्च के बाद टियर 2 और टियर 3 शहरों के लोग भी बेहतर इन्टरनेट सुविधा का लाभ उठा सकेंगे.

शिक्षा के सेक्टर में 5G के फायदे 

ऑनलाइन क्लासेज

ऑनलाइन क्लासेज अपनी शिक्षा ग्रहण करने की प्रक्रिया को निरंतर जारी रखने का एक बहुत ही कारगर माध्यम है. आप देश के किसी भी कोने में रहकर देश और विदेश के बेहतरीन टीचर्स की क्लासेज अटेंड कर सकते हैं. ऑनलाइन डाउट क्लीयरिंग सेशन के दौरान आप अपनी सब्जेक्ट से जुड़ी डाउट भी पूछ सकते हैं. क्लासेज को रिकॉर्ड करके उन्हें बाद भी देखा जा सकता है. बेहतर इन्टरनेट सेवाओं के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन क्लासेज करने में बहुत मदद मिलेगी.

EdTech कंपनियां 

ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफार्म बहुत तेजी से बड़ रहे हैं. हर विषय, हर एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के साथ-साथ कई जरुरी विषयों पर EdTech कंपनियां कोर्सेज निकालती रहती हैं.

अब स्टूडेंट्स को अच्छी कोचिंग की तलाश में घर छोड़कर दिल्ली या प्रयागराज जाने की जरुरत नहीं है. वो घर पर ही रहकर ऑनलाइन कोचिंग कोर्सेज कर सकते हैं. 5G की बेहतर इन्टरनेट सेवा EdTech सेक्टर को और बढ़ावा देगी.

स्मार्ट क्लासरूम 

5G निश्चित रूप से क्लासरूम टीचिंग को बेहतर बनाएगा. बेहतर इन्टरनेट सुविधा की मदद से स्कूल में क्लासरूम को एडवांस तकनीक के साथ डिजिटल माध्यम से शिक्षा देने के अनुरूप बनाया जाएगा, जिससे बेहतर सीखने के तरीके इजात किए जा सकें. ऑनलाइन क्लास के दौरान क्लासेज की अच्छी रिकॉर्डिंग के साथ इंटरैक्टिव क्लासरूम (Interactive Classroom), डाउट सोल्विंग सेशन (doubt solving session) , रीयल-टाइम फीडबैक (real time feedback) जैसी सुविधाएं भी दी जा सकेंगी.

ऑगमेंटेड और वर्चुअल रियलिटी 

ऑगमेंटेड रियलिटी (Augumented Reality) और वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) का इस्तेमाल करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों को अच्छी कनेक्टिविटी की आवश्यकता पड़ती है. AR और VR का उपयोग करते समय, अच्छी इंटरनेट स्पीड सबसे जरुरी होती है. किसी भी विषय को आसानी से समझाने के लिए एजुकेटर इन आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं.

टीचर्स अपने सब्जेक्ट्स को इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए ग्राफिक, ऑडियो, वीडियो का इस्तेमाल करके कठिन टॉपिक्स को भी बड़ी आसानी से स्टूडेंट्स को समझाते हैं. शिक्षकों पर पढाई के साथ-साथ बहुत सारे अतिरिक्त कार्य भी करने पड़ते हैं. आधुनिक तकनीक और नए एप्लीकेशन की मदद से टीचर्स को अतिरिक्त कामों से भी निजात मिलेगा.