सरकार की क्रेडिट स्कीम्स से महिलाओं के स्वामित्व वाले कितने MSMEs को मिली मदद, ये है डिटेल
MSME मंत्रालय दो प्रमुख क्रेडिट योजनाएं चलाता है- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) और क्रेडिट गारंटी स्कीम (CGS) फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेस.
देश में 3 अगस्त 2022 तक MSME मंत्रालय (Ministry of Micro, Small and Medium) के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर 99,58,903 MSME रजिस्टर्ड और वर्गीकृत थे. इनमें से 17,96,408 MSME महिलाओं के स्वामित्व वाले हैं. MSME मंत्रालय दो प्रमुख क्रेडिट योजनाएं चलाता है- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) और क्रेडिट गारंटी स्कीम (CGS) फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेस. 2008-09 में PMEGP की स्थापना के बाद से 2 अगस्त 2022 तक कुल 250319 महिला उद्यमियों की सहायता की गई है. वहीं क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेस को साल 2000 में स्थापना के बाद से 30 जून 2022 तक कुल 1192689 महिलाओं तक एक्सटेंड किया गया है.
क्या है क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेस
क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेस की मदद से सरकार महिलाओं सहित सूक्ष्म और लघु उद्यमों को कोलैटरल फ्री ऋण प्रदान करती है. इस योजना के तहत महिला उद्यमों को 5 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक के लोन के लिए 5 प्रतिशत का अतिरिक्त गारंटी कवरेज और गारंटी फीस में 0.15 प्रतिशत की अतिरिक्त रियायत मिलती है.
MSME सेक्टर के सपोर्ट के लिए पैकेज
यह जानकारी हाल ही में MSME राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी थी. साथ ही उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में एमएसएमई सेक्टर के सपोर्ट के लिए पैकेज की डिटेल्स भी साझा की थीं. उन्होंने बताया था कि MSME की नियमित कार्यशील पूंजी आवश्यकता को पूरा करने के लिए सरकार ने आत्मानिर्भर भारत पैकेज के तहत पहल की है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ ये उपाय भी शामिल हैं...
- MSME सहित व्यवसायों के लिए इमरजेन्सी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 5 लाख करोड़ रुपये. अब इस योजना की वैधता अवधि 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दी गई है.
- स्ट्रीट वेंडरों को कोलैटरल फ्री कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा के लिए पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वानिधि) स्कीम
इसके अलावा MSME को इन योजनाओं और उपायों द्वारा कार्यशील पूंजी सहायता के लिए भी समर्थन दिया गया है-
- क्रेडिट वितरण प्रणाली को मजबूत करने और सूक्ष्म व लघु उद्यम क्षेत्र को ऋण के फ्लो को सुविधाजनक बनाने के लिए कोलैटरल और थर्ड पार्टी की गारंटी के झंझट के बिना 200 लाख रुपये तक की क्रेडिट गारंटी स्कीम
- प्रधान मंत्री मुद्रा योजना जो व्यक्तियों को अपनी व्यावसायिक गतिविधियों को स्थापित करने या विस्तार करने में सक्षम बनाने के लिए 10 लाख रुपये तक का कोलैटरल फ्री लोन प्रदान करती है.
मंत्रालयों/विभागों/CPSU को MSE से करनी होगी खरीद
उन्होंने यह भी बताया कि 8 नवंबर 2018 की एक गजट अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों/सीपीएसयू के लिए एमएसई से अपनी वार्षिक खरीद का कम से कम 25 प्रतिशत खरीदना अनिवार्य है. इसमें एससी/एसटी एंटरप्रेन्योर के स्वामित्व वाले एमएसई से 4 प्रतिशत की खरीद और महिला उद्यमी के स्वामित्व वाले एमएसई से 3 प्रतिशत की खरीद शामिल है.