[स्टार्टअप भारत] कैसे किराना, रिटेल स्टोर, पेट्रोल पंप को वर्चुअल एटीएम में बदल रहा है PayMart
अमित नारंग द्वारा 2018 में स्थापित, चंडीगढ़ स्थित स्टार्टअप पेमार्ट (PayMart) ने कैश निकालने के लिए एटीएम, माइक्रो एटीएम या पीओएस मशीन की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।
"पेमार्ट व्यापारियों, खुदरा दुकानों, किराना स्टोर, फार्मेसियों, रेस्तरां और पेट्रोल पंपों को वर्चुअल एटीएम में परिवर्तित करता है, और उनके माध्यम से कैश निकासी को सक्षम बनाता है। 2018 में सीरियल उद्यमी अमित नारंग द्वारा स्थापित, चंडीगढ़ स्थित स्टार्टअप ने मुंबई, चंडीगढ़, अंबाला, मोहाली, इंदौर, अहमदाबाद और दिल्ली में 50,000 से अधिक व्यापारियों का नेटवर्क बनाया है और भारत के प्रतिष्ठित बैंकों के साथ करार किया है।"
भले ही महामारी के दौरान डिजिटल लेनदेन का प्रचलन तेजी से बढ़ा हो, लेकिन भारत में अभी भी अधिकांश लेनदेन कैश से ही होता है। हालांकि जहां देश में एटीएम से कैश निकासी में वृद्धि जारी है, वहीं लंबी कतारों में इंतजार करना या एटीएम तक पहुंच का न होना अभी भी चिंताजनक कारक बने हुए हैं। भारत भर में एटीएम की संख्या बेहद कम है, प्रति लाख लोगों पर केवल 17 मशीनें हैं। कुछ जगहों पर अभी भी लोगों को पैसे निकालने के लिए मीलों दूर जाना पड़ता है।
यही वह गैप है जिसे टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पेमार्ट द्वारा पाटा जा रहा है। पेमार्ट व्यापारियों, खुदरा दुकानों, किराना स्टोर, फार्मेसियों, रेस्तरां और पेट्रोल पंपों को वर्चुअल एटीएम में परिवर्तित करता है, और उनके माध्यम से कैश निकासी को सक्षम बनाता है।
2018 में सीरियल उद्यमी अमित नारंग द्वारा स्थापित, चंडीगढ़ स्थित स्टार्टअप ने मुंबई, चंडीगढ़, अंबाला, मोहाली, इंदौर, अहमदाबाद और दिल्ली में 50,000 से अधिक व्यापारियों का नेटवर्क बनाया है और भारत के प्रतिष्ठित बैंकों के साथ करार किया है।
वर्चुअल कैशपॉइंट बनाना
अनुमति प्राप्त करने, एक मजबूत मर्चेंट नेटवर्क बनाने और हितधारकों को अपने प्लेटफॉर्म से जुड़ने के लिए मनाने में अमित को लगभग तीन साल लग गए।
इसके सेटअप की बात करें तो यह एक पारंपरिक सेटअप है जिसमें, एक डेबिट कार्ड को एटीएम/प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन में डाला जाता है जो कोर बैंकिंग सिस्टम को रिक्वेस्ट भेजती है। इसके बाद रिक्वेस्ट को प्रोसेस किया जाता है और खाते से आवश्यक राशि को काट लिया (डेबिट) जाता है, और एटीएम सॉफ्टवेयर को जरूरी कैश निकालने का निर्देश देता है।
सरल शब्दों में, यह कार्डधारक, एटीएम सॉफ्टवेयर और कोर बैंक सिस्टम के बीच तीन-तरफा संचार है। एक व्यापारी का मोबाइल फोन एक फिजिकल एटीएम के रूप में काम करता है। व्यापारी के मोबाइल फोन में पेमार्ट का प्लेटफॉर्म इस तीन-तरफा संचार की सुविधा के लिए सॉफ्टवेयर के रूप में काम करता है।
जब कोई ग्राहक अपने मोबाइल बैंकिंग ऐप पर कैश निकासी की रिक्वेस्ट भेजता है, तो बैंक द्वारा एक ओटीपी जनरेट होता है। ग्राहक इस ओटीपी को किसी भी नजदीकी पार्टनर मर्चेंट के पास लेकर जा सकता है। फिर वह पार्टनर मर्चेंट उस ओटीपी को अपने मोबाइल में इंस्टॉल पेमार्ट के सॉफ्टवेयर में डालता है और रिक्वेस्ट को प्रोसेस करता है।
एक बार बैंक द्वारा अप्रूव होने के बाद, वह मर्चेंट ग्राहक को कैश सौंप देता है और पैसे उसके खाते से कट जाते हैं।
पेमार्ट प्लेटफॉर्म को बैंक से प्रति कैश निकासी पर शुल्क प्राप्त होता है जिसका 70 प्रतिशत वह व्यापारी के साथ साझा करता है। व्यापारियों को महीने के अंत तक एक समेकित कमीशन प्राप्त होती है, जबकि उनके द्वारा बांटा गया कैश नियमित रूप से उनके खातों में जमा किया जाता है। ग्राहकों के लिए सर्विस फ्री रहती है।
उद्यमिता 2.0
PayMart, अमित का दूसरा उद्यम है। 2013 में सर्विस स्टार्टअप एफएक्स मार्ट प्राइवेट लिमिटेड के साथ उद्यमशीलता की शुरुआत करने से पहले उन्होंने लगभग 30 वर्षों तक पॉल मर्चेंट्स, फॉरेन एक्सचेंज वेस्टर्न यूनियन और अन्य वित्तीय सेवा कंपनियों के साथ काम किया था।
एफएक्स मार्ट इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट, रेमिटेंस, विदेशी मुद्रा और यात्रा से संबंधित व्यवसायों में ऑपरेट करती थी। इसको 2015 में फ्लिपकार्ट द्वारा अधिग्रहित किया गया और फोनपे के रूप में इसे पुनः ब्रांडेड किया गया, जो भारत में सबसे बड़ी भुगतान कंपनियों में से एक है।
कंपनी से एक सफल एग्जिट के बाद, अमित ने वर्चुअल एटीएम अवसर तलाशना शुरू किया और 2018 में PayMart को बूटस्ट्रैप किया।
वह बताते हैं,
"हम दुनिया की सबसे बड़ी कैश अर्थव्यवस्था होने के साथ-साथ सबसे कम एटीएम वाले देश हैं। देश भर में नकदी की व्यापक मांग को पूरा करने के लिए मौजूदा नकद निकासी तंत्र अपर्याप्त हैं। एक अखिल भारतीय वर्चुअल एटीएम नेटवर्क इस मौजूदा बेमेल को ठीक करने में मदद कर सकता है।”
वर्चुअल एटीएम अवसर के अलावा, प्लेटफॉर्म को विदेशी मुद्रा लाइसेंस प्राप्त हुआ है और भविष्य में इसका संचालन शुरू होगा।
यह देश भर में बैंकों के सहयोग से नियमित डिजिटल साक्षरता शिविर भी आयोजित करता है। स्टार्टअप ने अपने मर्चेंट नेटवर्क के विस्तार के लिए शॉप किराना, अल्ट्रुइस्ट और एसआर प्लस जैसे कॉरपोरेट पार्टनर्स के साथ करार किया है।
सबसे पहले होने का फायदा
PayMart का दावा है कि उसने भारत में वर्चुअल एटीएम स्पेस में फर्स्ट-मूवर एडवांटेज (सबसे पहले होने का फायदा) हासिल किया है। अत्यधिक नकदी से चलने वाली अर्थव्यवस्था में एटीएम की कमी को देखते हुए यह एक बड़ा अवसर है। 100 करोड़ से अधिक बैंक खाते हैं और प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये से अधिक की कैश निकासी है।
बहुत सारे बैंक और फिनटेक कंपनियां जैसे Mswipe माइक्रोएटीएम (पीओएस मशीन) स्पेस में काम कर रही हैं, जबकि PhonePe जैसे प्लेटफॉर्म अपने यूजर्स को नजदीकी पार्टनर मर्चेंट के जरिए एटीएम सर्विस मुहैया कराते हैं।
अमित कहते हैं,
“हम एटीएम, पीओएस टर्मिनल्स, बायोमेट्रिक डिवाइसेस, या किसी अन्य प्रकार के हार्डवेयर की पूरी आवश्यकता को समाप्त कर देते हैं। भारत में स्मार्टफोन की पहुंच वर्तमान में 44 प्रतिशत है और 2025 तक 51 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो हमारे स्मार्टफोन-आधारित लेनदेन प्रवाह का पूरक होगा।”
नजदीकी मर्चेंट और किराना स्टोर्स के अलावा, स्टार्टअप पेट्रोल पंपों, फॉरेक्स टर्मिनल्स, फार्मेसियों, रेस्तरां और होटलों को टारगेट कर रहा है, जो भारत में कार्डलेस कैश निकासी बाजार को बाधित कर सकते हैं।
Sonect AG, Socash, और Spare CS Inc जैसी वैश्विक कंपनियां पहले से ही इस स्पेस में काम कर रही हैं और आस-पास की दुकानों और स्टोर को 'कैशपॉइंट' में बदल रही हैं।
भविष्य: एक पूर्ण-स्टैक फिनटेक मॉडल
स्टार्टअप ने किरण शेट्टी (सीईओ, स्विफ्ट इंडिया), जमील खत्री (ऑडिट के प्रमुख, केपीएमजी इंडिया), आलोक बंसल (सह-संस्थापक, पॉलिसीबाजार) और अवतार मोंगा (पूर्व सीओओ, आईडीएफसी बैंक) और एंजेल बे, चंडीगढ़ एंजेल नेटवर्क और सीआईआईई (आईआईएम अहमदाबाद) जैसे प्रमुख एंजेल नेटवर्क सहित एंजेल निवेशकों के एक समूह से 500,000 डॉलर जुटाए हैं।
आगे बढ़ते हुए, PayMart ने अगली तिमाही तक 2 मिलियन डॉलर के एक सीरीज A राउंड को क्लोज करने की योजना बनाई है।
अमित कहते हैं,
"हमारा उद्देश्य 'कैश-आउट' इंडस्ट्री के 10 प्रतिशत पर कब्जा करना और 2026 तक मर्चेंट नेटवर्क को 10 मिलियन से अधिक तक विस्तारित करना है।"
स्टार्टअप बैंकों और बिग बाजार, वीमार्ट और पेट्रोल पंप जैसी बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं के साथ भी बातचीत कर रहा है।
अमित कहते हैं,
"हम अगले तीन वर्षों के संचालन में भी लाभ की स्थिति में होंगे और एक पूर्ण-स्टैक फिनटेक प्लेटफॉर्म बनाने के लिए भुगतान, बीमा, ऋण और प्रेषण जैसी पेशकशों के लिए अपने सूट का विस्तार करेंगे।"
Edited by Ranjana Tripathi