क्यूमैथ के ग्लोबल विस्तार की कहानी: 50 देशों में 1 अरब छात्रों तक पहुंचेगी गूगल के निवेश वाली यह एडटेक स्टार्टअप, $100M आमदनी का है लक्ष्य
(क्यूमैथ) में हाल ही में बहुत कुछ हो रहा है।
पिछले वित्त वर्ष में दोगुनी गति से विकास और कई फंडिंग राउंड से पैसे जुटाने के अलावा इस आफ्टरस्कूल मैथ लर्निंग स्टार्टअप ने भारत में भी अपने बिजनेस को सुव्यवस्थित कर रही है। साथ ही ग्लोबल लेवल पर विस्तार के तहत अबू धाबी में एक कार्यालय खोल रही है और यूएस, यूके और दूसरे अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में क्रॉस-कंट्री टीमों को बना रही है।
क्यूमैथ अब एक सीरीज सी स्टार्टअप है। इसकी योजना वित्त वर्ष 2022 के अंत तक करीब 50 बाजारों (वर्तमान में 20 से ऊपर) तक विस्तार करने की है। इससे पहले सितंबर में, बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ने अपनी वैश्विक विकास रणनीति को चलाने के लिए स्विगी के पूर्व सीओओ विवेक सुंदर को अपना सीईओ नियुक्त किया।
सुंदर टेक इंडस्ट्री के एक अनुभवी शख्स है। उन्हें स्विगी की भौगोलिक पहुंच को 500 शहरों तक ले जाने का श्रेय दिया जाता है। इसलिए, वह क्षमताओं के विस्तार के बारे में काफी कुछ जानते हैं।
इससे पहले क्यूमैथ के फाउंडर मनन खुर्मा ही सीईओ की भूमिका निभाते थे। हालांकि अब इस नियुक्ति के बाद वह फाउंडर-चेयरमैन की भूमिका में होंगे और पाठ्यक्रम व पढ़ाने के तरीके से जुड़े पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेंगे। वहीं सुंदर आठ साल पुरानी इस कंपनी को एक ग्लोबल मैथ ब्रांड और वर्टिकल लर्निंग में मार्केट लीडर बनाने के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगे।
मनन ने इस नियुक्ति पर कहा, "मुझे विश्वास है कि उनका [विवेक का] शानदार ट्रैक रिकॉर्ड, कंज्यूमर ब्रांडों के निर्माण में व्यापक अनुभव और इंडस्ट्री को नई दिशा देने वाले ऑपरेशनल प्रैक्टिस पर उनका जोर क्यूमैथ को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगा और इसे एक ग्लोबल मैथ लीडर बनानेएगा।"
क्यूमैथ का प्राथमिक लक्ष्य 100 मिलियन डॉलर की आमदनी के लक्ष्य तक पहुंचना है, जो वर्तमान में 50 मिलियन डॉलर से अधिक है। संस्थापक कहते हैं, "हम अगले साल की पहली छमाही में इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।"
कोरोना महामारी में शानदार ग्रोथ
कोरोना महामारी के चलते पिछले 15 महीनों में क्यूमैथ लर्निंग से काफी संख्या में छात्र जुड़े हैं क्योंकि लॉकडाउन के चलते बारहवीं तक के बच्चों का स्कूल ऑनलाइन हो गया था और वे ऑनलाइन पढ़ाई करने लगे थे। भले ही भारत के कुछ हिस्सों में स्कूलों के फिर से खुलने की बात हो रही हो, लेकिन तीसरी लहर के आने की आशंका ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि टीचिंग के लिए अभी भी डिजिटल पहला जोर है।
क्यूमैथ ने भारत सहित 20 देशों में 200,000 से अधिक भुगतान करने वाले ग्राहकों को सेवा प्रदान करने का दावा किया है। अकेले 2021 में, इसने 4 मिलियन घंटे की लाइव गणित कक्षाएं वितरित की हैं। यह आंकड़ा मायने रखता है क्योंकि 2017 में क्यूमैथ की ऑनलाइन मैथ लर्निंग क्लास शुरू होने के बाद से अभी तक इसने कुल 10 मिलियन घंटे की लाइव कक्षाएं की है। 2017 से पहले यह मूल रूप से ऑफलाइन घर पर आधारित ट्यूशन मॉडल ऑफर करती थी।
मनन योरस्टोरी को बताते हैं, “2014 और 2017 के बीच, हमारा उत्पाद तकनीक पर आधारित था लेकिन शिक्षा की डिलीवरी ऑफलाइन थी। महामारी से पहले हमारे आमदनी में ऑनलाइन का योगदान 10 प्रतिशत से भी कम था। लेकिन हम लॉकडाउन के दौरान एक स्थिर और उच्च प्रदर्शन वाला तकनीकी मंच बनाने में सक्षम रहे। हमने अपने सभी शिक्षकों (4,000) को ट्रेनिंग दी और उन्हें ऑनलाइन क्लासेज में ट्रांसफर कर दिया। शिक्षकों और छात्रों के पास अलग-अलग ऐप हैं और व्यवसाय ने शानदार शुरुआत की है। पिछले 18 महीनों में, हमने भारत के बाहर भी विस्तार करना शुरू कर दिया है।"
क्यूमैथ के कारोबार में आज एक तिहाई से अधिक का योगदान अंतरराष्ट्रीय बाजार करते हैं। स्टाअर्टअप का लक्ष्य उस हिस्से को बढ़ाना है क्योंकि उत्पाद की कीमत भारत के बाहर अधिक हो सकती है, जिसका सीधा असर कंपनी के राजस्व और शिक्षक भुगतान पर पड़ेगा।
संस्थापक कहते हैं
“आमतौर पर, भारतीय छात्र महीने में आठ कक्षाओं के लिए 2,000 रुपये का भुगतान करते हैं। अमेरिका में, मासिक सदस्यता के लिए यह $100 है। भले ही भारत हमारा मुख्य बाजार है, लेकिन अमेरिका उपयोगकर्ताओं के मामले में सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार है।"
दिलचस्प बात यह है कि गैर-भारतीय बाजारों में एंट्री के कारण, क्यूमैथ ने अपने वेब-ओनली लर्निंग प्लेटफॉर्म, Cuemath Leap (क्यूमैथ लीप) पर आने वाले यूजर्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी। कुल मिलाकर, प्लेटफॉर्म का यूजर्स रिटेंशन रेट आज 10 में से 8 छात्र (80 प्रतिशत) है। मनन कहते हैं, "सभी नए दाखिलों में से आधे रेफरल के माध्यम से हुए, जो हमारे लिए एक मजबूत मीट्रिक है।"
शिक्षक को पेमेंट के बारे में क्यूमैथ का दावा है कि उसके कुछ टॉप शिक्षक "एक महीने में 1.5 लाख रुपये से अधिक का पूरा वेतन कमाते हैं" और नौकरी के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।
मनन विस्तार से बताते हैं, "हम Unacademy की तरह 'स्टार' शिक्षकों की भर्ती के व्यवसाय में नहीं हैं। इसलिए, हमारा कंपनेसेशन स्ट्रक्टर और इनसेंटिव अलग हैं। हम ऐसे लोगों को देखते हैं जिनकी गणित की अच्छी पृष्ठभूमि होती है और अच्छी समझ होती है। हमारी शिक्षक चयन दर 3 प्रतिशत है और वे इस काम को पूर्णकालिक रूप से करते हैं।"
तकनीक के साथ सीखने के नुकसान का समाधान
क्यूमैथ ने हाल ही में नीलसन के साथ एक संयुक्त अध्ययन किया था, ताकि महामारी का छात्रों के गणित सीखने पर पड़ने वाले असर का पता लगाया जा सके।
निष्कर्षों से पता चलता है कि ग्रेड V तक के हर चार छात्रों में से एक को पिछले 18 महीनों में गणित "सीखने में गंभीर कमी" (कोचिंग का मौजूद न होना) का सामना करना पड़ा है। और 50 प्रतिशत माता-पिता मानते हैं कि बच्चे "सीखने के नुकसान से बुनियादी अवधारणाओं को भूल जाते हैं और ग्रेड I और ग्रेड V के बीच बुनियादी बातों को समझने में दिक्कत होती है"।
इसके अतिरिक्त, बड़े क्लास के छात्रों के 25 प्रतिशत माता-पिता का विचार था कि "जियोमेट्री और मेंसुरेशन को समझना मुश्किल हो गया है, जो गणित की कमजोर आधारभूत समझ को दर्शाता है।" अध्ययन में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि 44 प्रतिशत माता-पिता ने सीखने के नुकसान के प्रमुख कारक के रूप में गणित को लेकर फैले डर को बताया।
हालांकि यह सर्वे शीर्ष छह महानगरों तक ही सीमित था, लेकिन क्यूमैथ का मानना है कि यह प्रवृत्ति पूरे भारत में दिखाई देने की संभावना है। यह स्कूलों के फिर से खुलने और भौतिक कक्षाओं की वापसी के बाद भी महामारी के बाद के परिदृश्य में इसे एक महत्वपूर्ण विकास अवसर के रूप में देखता है।
मनन कहते हैं, "गणित को मुख्य रूप से स्व-शिक्षा के बजाय दूसरों के निर्देशन में सीखने वाला बनाया गया है। कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से छात्रों की प्रगति में तेजी से गिरावट आई है। बच्चों में सीखने की हानि का उनके भविष्य पर निश्चित रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। आगे वाले समय में, स्कूल के पाठ्यक्रमो को एडटेक प्लेटफॉर्म द्वारा पेश किए जाने वाले स्मार्ट शिक्षण विधियों के जरिए पूरा करने की आवश्यकता होगी।”
सीखने के नुकसान को कम करने के लिए, क्यूमैथ ने इस महीने की शुरुआत में एक साल का मुफ्त एक्सेस कार्यक्रम शुरू किया। यह सीखने में असमानताओं को दूर करने में मदद करने के लिए वंचित बच्चों के लिए कार्यक्रम का विस्तार करने के लिए सरकारी भागीदारी की तलाश में है।
जबकि वैश्विक स्तर पर छात्रों के लिए बुनियादी पाठ्यक्रम मुफ्त होगा, 1:1 लाइव ट्यूटरिंग का लाभ उठाने के लिए, उन्हें प्रति कक्षा 16 डॉलर का भुगतान करना होगा। क्यूमैथ कार्यक्रम के माध्यम से "एक अरब गणित दिमाग" बनाना चाहता है।
फाउंडर बताते हैं, “एक बार [महामारी के चलते आई] एडटेक सेक्टर में तेजी शांत हो जाती है, तब यह भी साफ हो जाएगा कि कौन से खिलाड़ी ऑनलाइन सीखने के परिणाम बनाने में बेस्ट हैं। माउथ पब्लिसिटी सिर्फ अच्छे नतीजों से फैलता है। कई एडटेक खिलाड़ी बड़ी संख्या में यूजर्स को हासिल करने के लिए मार्केटिंग पर डॉलर खर्च कर रहे हैं। लेकिन आपको ऐसे सिस्टम बनाने होंगे जो लाखों शिक्षार्थियों के लिए उनके सीखने के अनुभव को कस्टमाइज करें। इसे हल करना एक गहरी समस्या है।"
बाजार को जीतने के लिए क्यूमैथ की रणनीति "अधिक तकनीक-संचालित मॉडल" के माध्यम से है।
मनन कहते हैं, "हम एक इंटेलीजेंस सिस्टम में विकसित होना चाहते हैं ताकि प्रत्येक छात्र एक अलग गति और शैली से सीख सके। हम उन कंपनियों का अधिग्रहण करने पर भी सक्रिय रूप से विचार कर रहे हैं जो पहले ही एआई और एमएल के साथ समस्या का समाधान कर चुकी हैं।"
वेंचर कैपिटल का बंपर निवेश
अधिकांश स्थापित एडटेक की तरह, क्यूमैथ की कैप टेबल में भी कई मार्की निवेशक हैं।
इसने 2014 में यूनिटस सीड फंड से अपना पहला दौर (1 करोड़ रुपये) जुटाया। दो साल बाद, सिकोइया इंडिया ने स्टार्टअप में $ 4 मिलियन निवेश कर सीरीज ए राउंड की अगुआई की।
सिकोइया और अल्फाबेट के स्वामित्व वाली CapitalG ने 2017 में $15 मिलियन का निवेश कर सीरीज B राउंड का नेतृत्व किया। कुछ ही समय पहले Cuemath ने एक ऑनलाइन कोचिंग मॉडल की ओर रुख किया। 2019 में, मंटा रे वेंचर्स के नेतृत्व में एक विस्तारित सीरीज बी दौर में इसने $5.5 मिलियन जुटाए।
सिकोइया कैपिटल इंडिया के एमडी अभीक आनंद ने फंडिंग के समय कहा,
"क्यूमैथ कार्यक्रम का सबसे रोमांचक पहलू यह है कि कैसे अनूठी तकनीक और सीखने की प्रणाली बहुत कम उम्र से बच्चों में गणित के प्रति प्रेम को प्रेरित करती है। मनन और टीम ने छोटे बच्चों को गणित पढ़ाने का एक नया तरीका बनाने और एक अनोखे पार्टनर मॉडल के जरिए इसे वितरित करने में वर्षों का समय बिताया है।”
साल 2020 से ही एडटेक दुनिया भर में फलफूल रहा है। क्यूमैथ ने तीन दौर की फंडिंग जुटाई - ट्रिफेक्टा कैपिटल से अघोषित वेंचर डेट, जिसने उसके बाद सीरीज बी राउंड में $ 2.9 मिलियन का निवेश किया; और दिसंबर में एलजीटी लाइटस्टोन असपाडा और अल्फा वेव इनक्यूबेशन के नेतृत्व में $40 मिलियन का सीरीज सी दौर में फंडिग जुटाई। सीरीज सी राउंड (अब तक का सबसे बड़ा) फरवरी 2021 में बंद हुआ और इस एडटेक ने शीर्ष डॉलर को आकर्षित करना जारी रखा।
मनन कहते हैं, “पूंजी निवेश के मामले में देखे तो भारतीय एडटेक इंडस्ट्री पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। हम नए बाजारों में विस्तार के लिए और संभावित अधिग्रहण पर विचार करने के लिए छह महीने में 100 मिलियन डॉलर का एक और दौर जुटाने का इरादा रखते हैं।"
भविष्य की योजना और कॉम्पिटीशन
क्यूमैथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश कर रही है। ऐसे में इसने अगले तीन से छह महीनों में अपनी 1,100 लोगों की मजबूत टीम को दोगुना करने की योजना बनाई है। मनन ने बताया, "पार्टनरशिप भी उन एक कारणों में से एक है जिसकी वजह से हम दूसरे देशों में टीमों का निर्माण कर रहे हैं।"
वे बताते हैं, "हालांकि हम बड़े पैमाने पर सेल्स आर्मी नहीं बनाना चाहते हैं। हम रूढ़िवादी होना चाहते हैं क्योंकि भारत के बाहर बार-बार जोर देकर उत्पाद बेचना कठिन है। माता-पिता अपने दम और प्रयासों से किसी सर्विस को लेने को अधिक प्रेरित होते हैं। जैसे-जैसे इंडस्ट्री परिपक्व होती जा रही है, आप पुश-आधारित बिक्री से हटकर पुल-आधारित रणनीतियों की ओर बढ़ते हुए देखेंगे।”
क्या वैश्विक बाजारों में प्रासंगिकता बनाए रखना एक चुनौती होगी? मनन ऐसा नहीं सोचते।
वे कहते हैं, "गणित दुनिया भर में एक जैसा है। पाठ्यक्रम में काफी हद तक आपको समानता दिख जाएगी। हालांकि, हम कभी भी कस्टम पाठ्यक्रम बना सकते हैं।"
कंपनी का मानना है कि भारत में कोई भी कंपनी उससे सीधे मुकाबले में नहीं है क्योंकि यह बड़े पैमाने पर BYJU'S, वेदांतु और टॉपर जैसी होरिजोंटल कंपनियों के दबदबे वाले बाजार में "एक वर्टिकल सेगमेंट का निर्माण" कर रही है।
हालांकि, नए जमाने के वर्टिकल प्लेटफॉर्म जैसे काउंटिंगवेल, स्कूल योरसेल्फ, बी गैलीलियो, माइक्रोसॉफ्ट मैथ सॉल्वर, कुमोन, मालमैथ, ब्रेनली आदि भी अब 20 अरब डॉलर के वैश्विक गणित सीखने के बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं।
निवेशकों का मानना है कि एडटेक इंडस्ट्री में अगली लहर वर्टिकल लर्निंग की आएगी। एक प्रमुख वीसी ने योरस्टोरी को पहले हुई बातचीत में कहा था, “बायजू इस समय एडटेक इंडस्ट्री के साथ वही कर रही है जो कभी फ्लिपकार्ट ने ई-कॉमर्स के लिए किया था। लेकिन एडटेक के असल नायक [वर्टिकल स्टार्टअप] आने अभी बाकी हैं।”
मनन का मानना है कि जब ग्लोबल मैथ ब्रांड बनाने की बात आती है तो भारतीय स्टार्टअप दूसरों से आगे होते हैं। वे कहते हैं, “एक सामान्य धारणा है कि भारतीय गणित में अच्छे हैं। इसके अलावा, हमारे पास एक तटस्थ अंग्रेजी उच्चारण है जो हर जगह अच्छी तरह से समझा जाता है। इसलिए, केवल भारत के ट्यूटर्स के साथ भी, आप दुनिया के लिए एक पाठ्यक्रम तैयार कर सकते हैं। देश के कुछ बेहतरीन गणित के लोग हमारे लिए काम कर रहे हैं।”
भले ही क्यूमैथ मध्यम से अल्पावधि में अंतरराष्ट्रीय ट्यूटर्स की खोज नहीं कर रहा है, लेकिन "ग्लोबल मैथ मार्केट को जीतने" के लिए ऐसा करना पड़ता है, तो यह भविष्य में होगा।
Edited by Ranjana Tripathi