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कैसे Levis और Lee जैसे ब्रांड के बीच जीन्स की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहा भारतीय ब्रांड स्पाईकर

कैसे Levis और Lee जैसे ब्रांड के बीच जीन्स की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहा भारतीय ब्रांड स्पाईकर

Friday February 22, 2019 , 5 min Read

स्पाईकर के फाउंडर संजय वखारिया

जैसे-जैसे भारत ने वेस्टर्न फैशन स्टाइल को अपनाया है, वैसे-वैसे जींस सबसे उपयोगी ऑप्शन में से एक बनकर उभरी है। महानगरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में, हर आयु वर्ग के लोगों में जींस पहनना आम बात है। चाहे वह काम हो, कॉलेज या पारिवारिक समारोहों और पार्टियों में, हर जगह जींस पहनी जा सकती है। भारत में जींस ऑफर करने वाले कई ब्रांड हैं, और सबसे लोकप्रिय लोगों में लेविस (Levis), ली (Lee), रैंगलर (Wrangler), पेपे जींस (Pepe Jeans) आदि शामिल हैं, लेकिन ये सभी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड हैं।


भारतीय डेनिम ब्रांडों में, स्पाईकर लाइफस्टाइल यहां सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते ब्रांडों में से एक है। प्रसाद पबरेकर द्वारा 1992 में लॉन्च किया गया ये ब्रांड, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार में ऊपर-नीचे रहा है। मुंबई स्थित स्पाईकर ने बेहद ही छोटी शुरुआत की थी। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, इसे बड़े प्लेयर्स में से एक के रूप में आकार मिला। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण स्पाईकर लाइफस्टाइल के सीईओ संजय वखारिया रहे। स्पाईकर अब हाई-फैशन डेनिम्स पर फोकस करने वाला एक प्रमुख कैजुअल वियर ब्रांड बन गया है। यह भारतीय ब्रांड अब सीधे अपने विदेशी समकक्षों के साथ कंपटीशन कर रहा है।


स्पाईकर प्रोडक्ट्स वर्तमान में 210 से अधिक आउटलेट, 1,000 से अधिक मल्टी-ब्रांड आउटलेट, बड़े प्रारूप स्टोर और ईकॉमर्स साइटों पर पूरे भारत में उपलब्ध हैं। ब्रांड कैजुअल टॉपवियर, बॉटम-वियर और एक्सेसरीज जैसे बैकपैक्स, फ्लिप-फ्लॉप, परफ्यूम, वॉलेट, डियोडरेंट आदि ऑफर करता है। संजय कहते हैं, 'इकनॉमिक एनवायरमेंट में अभी मंदी चल रही है, लेकिन स्पाईकर ने बतौर ब्रांड तेजी लाने में कामयाबी हासिल की है और मौजूदा वित्त वर्ष में 20 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2016-17 में स्पाईकर की ग्राहक बिक्री 460 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2017-18 में 550 करोड़ रुपये हो गई।" इस साल कंपनी की योजना 700 करोड़ रुपये के आंकड़े को छूने की है। संजय का कहना है कि नोटबंदी और जीएसटी जैसी बड़ी चुनौतियों से प्रभावित होने के बावजूद स्पाईकर ने ग्रोथ को जारी रखा है।


संजय आगे कहते हैं, “हमने पुरुषों के लिए बतौर एक प्योर डेनिम प्लेयर के रूप में शुरुआत की। हमारी डेनिम रेंज युवाओं को काफी पसंद आई। इससे हमें प्रोत्साहन मिला और इसने हमें ट्रेंड पसंद युवाओं के लिए फैशन की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए एक डेस्टीनेशन तक जाने का नेतृत्व किया। उसके बाद स्पाईकर ने अपने पोर्टफोलियो का विस्तार किया और यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए वन-स्टॉप-शॉप बन गया।" कंपनी में निवेश को बढ़ावा देने के लिए, 2014 में स्पाईकर बागरी फैमिली-प्रमोटेड मेटडिस्ट समूह (Metdist Group) का सदस्य बन गया। यह यूके स्थित समूह फैशन, हॉस्पिटैलिटी, टेक्नोलॉजी और मेटल इंडस्ट्री पर केंद्रित है।


भारत में स्पाईकर की सफलता से पता चलता है कि प्रसाद और संजय उपभोक्ता बाजार पर काम करने में पहले से ही काफी सक्षम थे। यह अक्सर नए व्यवसायों के लिए मुश्किल साबित हो सकता है क्योंकि ग्राहकों का बिहेवियर लगातार बदलता रहता है और आपके कंपटीटर्स नए प्रोडक्ट्स डेवलप करते रहते हैं। संजय कहते हैं कि टियर- II और टियर- III बाजारों को टार्गेट करना ब्रांड की सफलता का एक और कारण था।


चुनौतियां और अवसर

संजय कहते हैं, “कोई भी दूसरा ब्रांड अभी तक उस प्राइस प्वाइंट पर नहीं हैं जिस पर हम प्रीमियम क्वालिटी वाले फैशनेबल प्रोडक्ट ऑफर करते हैं।" उन्होंने कहा कि सभी बिक्री प्रारूपों में हमारी राष्ट्रीय उपस्थिति हमारी पहुंच को भी मजबूत करती है। इसके अलावा, उपभोक्ता को समझना उतना आसान भी नहीं है। यह सच है, विशेष रूप से तब जब युवा ग्राहक स्वाभाविक रूप से नहीं जानते हैं कि वे क्या चाहते हैं, और आसानी से ट्रेंड के साथ चले जाते हैं। संजय आगे कहते हैं, “युवाओं पर ध्यान केंद्रित करके, हम निश्चित रूप से एक टफ और डिमांडिंग ग्राहक पर फोकस कर रहे हैं। वे ब्रांड और डेनिम कैटेगरी के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। हम उन्हें अपने सबसे अच्छे प्रोडक्ट के माध्यम से अपने साथ जोड़े रखने में कामयाब रहे हैं और अपनी फिलोस्फी को उनके साथ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं।"


वह कहते हैं कि युवा एक्सपेरिमेंटल हैं और उनसे ब्रांड लॉयल्टी सुनिश्चित करना कोई आसान काम नहीं है। संजय के लिए चुनौतीपूर्ण है कि वे उन्हें स्पाईकर से जोड़े रखें। ब्रांड को भारी छूट की नई संस्कृति के खिलाफ एक कठिन लड़ाई का सामना करना पड़ता है। वे कहते हैं, “इसके अलावा, बढ़ते हुए रियल एस्टेट खर्च भी कुछ ऐसे हैं जिनसे हम निपटते हैं। एक ही बाजार में इंटरनेशनल ब्रांड्स भी बहुत हैं जिनसे हमें निपटना होता है।”


ब्रांड के लिए एक और चुनौती ऑफलाइन और ऑनलाइन फॉर्मट का सह-अस्तित्व है। संजय कहते हैं, “उपभोक्ता को बेहतर सेवा देने के लिए, हमें अपनी पूर्ण क्षमता से दोनों जगह काम करने की आवश्यकता है। इसलिए, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम डिजिटल का लाभ उठाएं और उन माध्यमों पर अच्छी उपस्थिति रखें जहां हमारे ग्राहक अपना समय व्यतीत करते हैं। हम अपने दर्शकों तक पहुंचने और बिक्री को बढ़ाने के लिए इन प्लेटफार्मों का अच्छे से इस्तेमाल करते हैं।"


भविष्य की योजनाएं

बाजार में अनिश्चितता के बावजूद, स्पाईकर विस्तार करना चाहता है। वे कहते हैं, “हम 500 शहरों में अपनी शॉप्स और मल्टी-ब्रांड आउटलेट्स को बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं। हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में हमारे खुद के स्टोर 200 शहरों में फैल जाएंगे।” ऐसा करने के लिए, कंपनी की योजना एक वर्ष में लगभग 30 से 40 एक्सक्लूसिव ब्रांड स्टोर जोड़ने की है। यह ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म पर एक साथ अपनी उपस्थिति को मजबूत करने का प्रयास भी करता है। वे कहते हैं, “आने वाले वर्षों में वूमेन सेगमेंट भी हमारे लिए ध्यान देने योग्य देगा। प्रोडक्ट लाइन के संदर्भ में, हम डेनिम एथलेजर स्पेस में भी जा रहे हैं।”


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