कैसे इन 3 टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने त्वचा रोगों के इलाज के लिए बना दिया AI-प्लेटफॉर्म
स्किनडॉक्टर (eSkinDoctor) छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों के लोगों की त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, जिसे हेल्थकेयर डेवलपमेंट कंपनी पीनैया टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने लॉन्च किया है।
फर्म की स्थापना मई 2020 में अरुण ने की थी, जो एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और इंफोसिस के साथ काम करते थे। उनके साथ इस सफर में नवीन और आनंद जुड़े। नवीन एक कंप्यूटर साइंस स्पेशलिस्ट हैं, जिनके पास इंफोसिस, माइंडट्री और विप्रो जैसी फर्मों में विभिन्न भूमिकाओं में काम करने का दो दशकों से अधिक का अनुभव है। वहीं आनंद, एक एमबीए ग्रैजुएट हैं, जिन्होंने गोदरेज और विप्रो की कंज्यूमर यूनिट्स में दो दशकों से अधिक तक विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है।
अरुण राघवन को एक अच्छे त्वचा रोग विशेषज्ञ को खोजने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में उन्होंने इंफोसिस में काम करने के दौरान उनके बॉस रहे नवीन बाबू एस और आनंद परमेश्वरन के साथ मिलकर इस समस्या पर गहराई से काम करना शुरू कर दिया।
अरुण ने योरस्टोरी को बताया,
“हमारे देश में त्वचा से जुड़ी समस्याओं को कभी गंभीरता से नहीं लिया जाता है। या तो हम किफायती समाधान खोजने की कोशिश करेंगे या हम इसे पूरी तरह से अनदेखा कर देंगे। कभी-कभी, देरी से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और महत्वपूर्ण समस्याओं वाले कई लोग एक अच्छा डॉक्टर नहीं ढूंढ पाते हैं। अगर कोई अच्छा डॉक्टर मिलता भी है तो वह काफी अधिक फीस लेते हैं और उनकी निर्धारित दवाएं मनचाहा परिणाम भी कई बार नहीं देती हैं।” वह कहते हैं, "हम इस अंतर को पाटने की कोशिश कर रहे हैं।"
इन तीनों को मेडिकल स्पेस की पहले से कुछ समझ भी है। अरुण के पिता एक डॉक्टर हैं और नवीन ने इंफोसिस के जरिए लाइफ साइंसेज कंसल्टेंट के रूप में इस क्षेत्र में काम किया है।
उन्होंने मुंबई स्थित अपनी हेल्थकेयर डेवलपमेंट फर्म पीनैया टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के तहत ईस्किनडॉक्टर नाम से एक प्लेटफॉर्म विकसित किया, जिसे सितंबर 2020 में लॉन्च किया गया। इसके कार्यालय बेंगलुरु में भी हैं।
कैसे काम करता है ईस्किनडॉक्टर
इसे पहले इसे एक वेब पोर्टल के रूप में विकसित किया गया, जो लोगों को सीधे अपनी त्वचा की समस्याओं की एक तस्वीर अपलोड करने की इजाजत देता है। इसके बाद प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले बॉट्स का उपयोग करता है, जो संभावित त्वचा रोगों के उपचार के लिए उस तस्वीर को स्कैन करते हैं। इसके बाद मरीज तय कर सकते हैं कि क्या वे आगे बढ़ना चाहते हैं और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहते हैं, जिस पर लगभग 200 रुपये का शुल्क लगता है।
पीनैया टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर अरुण कहते हैं,
“हमने इसे एक मुफ्त संस्करण के रूप में पेश किया है ताकि अधिक से अधिक लोग हमारे सिस्टम का उपयोग कर सकें। तस्वीरे के आधार पर संभावित त्वचा समस्या का सुझाव देने से हमारे पेशेवर त्वचा विशेषज्ञों को बहुत अधिक समय खर्च किए बिना रोगी के केस के बारे में अहम जानकारी मिल जाती है।" पीनैया टेक्नोलॉजीज ही ईस्किनडॉक्टर को चलाती है।
एक आधिकारिक व्हाट्सएप पेज भी बनाया गया है, जहां से लोग परामर्श ले सकते हैं।
नवीन कहते हैं,
“आज हर कोई व्हाट्सएप पर है। व्हाट्सऐप पर मौजूदगी ऐप होने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है क्योंकि हर कोई, चाहे वह शहरों में हो या गांवों में, इस मैसेजिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करता ही है।”
ईस्किनडॉक्टर के ऐंड्रॉयड ऐप पर भी इस समय काम हो रहा है और इसे जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
AI-driven प्लेटफॉर्म को बनाना
फर्म की स्थापना मई 2020 में अरुण ने की थी, जो एक सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और इंफोसिस के साथ काम करते थे। उनके साथ इस सफर में नवीन और आनंद जुड़े। नवीन एक कंप्यूटर साइंस स्पेशलिस्ट हैं, जिनके पास इंफोसिस, माइंडट्री और विप्रो जैसी फर्मों में विभिन्न भूमिकाओं में काम करने का दो दशकों से अधिक का अनुभव है। वहीं आनंद, एक एमबीए ग्रैजुएट हैं, जिन्होंने गोदरेज और विप्रो की कंज्यूमर यूनिट्स में दो दशकों से अधिक तक विभिन्न भूमिकाओं में काम किया है।
अपने शुरुआती दिनों में, संस्थापक मुख्य रूप से त्वचा परामर्श के लिए एआई-संचालित मंच विकसित करने पर केंद्रित थे क्योंकि वे रोगियों की छोटे समस्याओं का उपचार प्रदान करना चाहते थे।
नवीन कहते हैं,
''अरुण ने अपने दम पर पूरा सॉफ्टवेयर विकसित किया है। इससे फर्म को शुरुआती दिनों में कंप्यूटर इंजीनियरों को काम पर न रखने के कारण अपनी लागत कम रखने में मदद मिली। वर्तमान में, टीम में पांच पूर्णकालिक कर्मचारी हैं।"
प्लेटफॉर्म को नवंबर 2020 में हैदराबाद में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) में भी इनक्यूबेट किया गया था, और एंजेल फंडिंग राउंड में 16.6 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच जुटाया गया था।
प्लेटफॉर्म पर आने वाले 60 प्रतिशत यूजर्स उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू और कश्मीर और असम सहित देश भर के छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं।
अरुण कहते हैं, “लोग आमतौर पर पहले मुफ्त परामर्श के लिए जाते हैं और फिर डॉक्टर के साथ सशुल्क परामर्श का विकल्प चुनते हैं। उन्हें प्लेटफॉर्म की आदत पड़ने में कुछ समय लगता है। लेकिन एक बार जब वे इससे जुड़ जाते हैं, तो हमारे साथ उनके जुड़े रहने की दर काफी अधिक है।"
प्रतिस्पर्धा और विकास
हालांकि अरुण और नवीन ने इसका खुलासा नहीं किया कि प्लेटफॉर्म पर रोजाना कितने लोग परामर्श के लिए आते हैं। क्योंकि प्लेटफॉर्म अभी भी विकास के चरण में है और शुरुआती स्तर में काम कर रहा है। उनका अनुमान है कि हर महीने कम से कम 50-60 लोग सशुल्क परामर्श सेवाओं का विकल्प चुनते हैं।
अरुण कहते हैं,
“हमारी ग्रोथ मुख्य रूप से माउथ पब्लिसिटी के जरिए हो रही है क्योंकि हमने प्लेटफॉर्म की मार्केटिंग पर ज्यादा खर्च नहीं किया है। लेकिन अपना सीड राउंड बढ़ाने के बाद हम और मार्केटिंग करेंगे। इसके अलावा, हमारे मंच पर डॉक्टर भी बहुत अच्छे त्वचा विशेषज्ञ हैं।”
हालांकि उन्होंने फंडिंग जुटाने की समय-सीमा का खुलासा नहीं किया, लेकिन कहा कि वे निवेशकों की तलाश कर रहे हैं लेकिन अभी तक चीजों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
फिलहाल फर्म का सीधा मुकाबला वाई-कॉम्बिनेटर के निवेश वाली क्योरस्किन से है, जो हीलो ऑनलाइन हेल्थ एलएलपी द्वारा संचालित बेंगलुरु स्थित स्किन डायग्नोस्टिक्स स्टार्टअप है। कंपनी उपचार के लिए त्वचा निदान, उपचार और यहां तक कि इन-हाउस स्किनकेयर उत्पादों की पेशकश करती है। इसके अलावा काया स्किन क्लिनिक सहित स्थानीय त्वचाविज्ञान फर्म और ब्रांडेड क्लीनिक से भी ईस्किनडॉक्टर का अप्रत्यक्ष रूप से मुकाबला है।
वर्तमान में, प्लेटफॉर्म पर परामर्श देने वाले कम से कम पांच त्वचा विशेषज्ञ हैं, जिन्हें उनके कार्य इतिहास को देखने के बाद ऑनबोर्ड किया गया था। मेडिकल सर्कल के लोगों द्वारा उन्हें "अत्यधिक अनुशंसित" भी किया गया था।
अरुण कहते हैं,
“भारत में त्वचा संबंधी समस्याएं वास्तव में बड़ी हैं। लेकिन चूंकि यह ऐसी चीज नहीं है जिसकी हर किसी को जरूरत है, हमें उच्चतम योग्यता वाले डॉक्टर प्राप्त करने और अपने उत्पाद को विकसित करने की स्वतंत्रता है।”
Edited by Ranjana Tripathi