जानिए कैसे होती है काली हल्दी की खेती, ढेर सारे हैं इसके फायदे, किसानों की हो सकती है तगड़ी कमाई
अगर आप भी एक किसान हैं तो काली हल्दी की खेती से आपको तगड़ा मुनाफा हो सकता है. काली हल्दी का इस्तेमाल दवा की तरह भी होता है और बहुत सारे ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने में भी होता है.
क्या आपने पहले कभी काली हल्दी (Black Turmeric) के बारे में सुना है? अगर सुना है तो क्या आपको इसके फायदों के बारे में पता है? यह हल्दी दर्द निवारक होती है और फेफड़ों से जुड़ी दिक्कतें भी इससे ठीक हो सकती हैं. इतना ही नहीं यह बीपी और वजह को कंट्रोल करने में सहायक होती है. इसमें एंटीऑक्सिडेंट गुण होती हैं. कई तरह की दवाओं में भी इसका इस्तेमाल (Medicinal Benefits of Black Turmeric) होता है. यही वजह है कि यह पीली हल्दी की तुलना में अधिक महंगी (Price of Black Turmeric) होती है. अगर आप इसकी खेती करते हैं तो तगड़ा मुनाफा कमा (profit in Black Turmeric Farming) सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे की जाती है काली हल्दी की खेती (How to do Black Turmeric Farming) और इससे स्वास्थ्य को क्या-क्या फायदे (Health Benefits of Black Turmeric) होते हैं.
सबसे पहले जानिए इसके फायदे
काली हल्दी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल तो दवा के रूप में होता है. इसके अलावा काली हल्दी का इस्तेमाल कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट बनाने में भी खूब होता है. वहीं निमोनिया, खांसी, बुखार, अस्थमा में भी काली हल्दी बड़े काम की होती है. इसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन से राहत मिलती है. ल्यूकोडार्मा और मिर्गी जैसी बीमारियों में भी काली हल्दी फायदेमंद साबित होती है. दूध के साथ मिलाकर इसका लेप चेहरे पर लगाने से निखार आता है. भारत में तो बहुत सारे तांत्रिक भी काली हल्दी को अपने जादू-टोने के लिए इस्तेमाल करते हैं.
कब और कैसे करते हैं हल्दी की खेती
काली हल्दी की खेती करने के लिए सबसे अच्छा वक्त होता है जून के महीने का. काली हल्दी की खेती करने से पहले खेत को अच्छे से जोत लेना चाहिए, ताकि उसकी मिट्टी भुरभुरी हो जाए. हल्दी की खेती के लिए ऐसा खेत चुनना चाहिए, जिसमें पानी ना रुके. अच्छी पैदावार के लिए हल्दी की खेती से पहले खेत में ढेर सारी गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालनी चाहिए. हल्दी की खेती में सबसे अच्छी बात ये होती है कि इसमें किसी भी तरह के कीटनाशक डालने की जरूरत नहीं होती. साथ ही यह छायादार जगह में भी अच्छी पैदावार देती है और इसे सिंचाई की भी बहुत कम जरूरत होती है.
कितनी पैदावार होती है काली हल्दी की?
अगर आप एक एकड़ में काली हल्दी की खेती करते हैं तो आसानी से 50 टन तक कच्ची हल्दी और लगभग 10-12 टन तक सूखी हल्दी पा सकते हैं. हल्दी को पहले उबाला जाता है और फिर उसे सुखाया जाता है, जिसके बाद उसे पीसकर इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में कच्ची हल्दी सूखने के बाद अपने वजह से एक चौथाई से भी कम हो जाती है.
काली हल्दी से होता है तगड़ा मुनाफा?
यह हल्दी थोक के बाजार में 200-250 रुपये किलो तक बिक जाती है, जबकि रिटेल में तो इसकी कीमत 500 रुपये से 1000 रुपये तक भी हो सकती है. अगर आप इंडियामार्ट या अमेजन जैसी वेबसाइट पर देखेंगे तो आपको यही हल्दी 2500 से 5000 रुपये किलो तक भी बिकती हुई दिख जाएगी. यानी अगर आपने थोक में भी 50 टन हल्दी बेची तो 200 रुपये के हिसाब से आपकी कम से कम 10 लाख रुपये की कमाई होगी.
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