मिलें हैदराबाद के उस डॉक्टर से जो करते हैं दिव्यांगों का नि:शुल्क इलाज
हैदराबाद के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विजय भास्कर बीते 25 वर्षों में दिव्यांगों की 18,282 फ्री सर्जरी कर चुके हैं। वे पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते हैं।
गरीब और जरूरतमंद दिव्यांग लोगों की मदद करने के उत्साह से हैदराबाद के एक डॉक्टर उनके 'Disabled Foundation Trust' के माध्यम से उन्हें दूसरा जीवन देने में मदद कर रहे हैं।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम के काम से प्रेरित होकर, हैदराबाद स्थित यह डॉक्टर जरूरतमंद दिव्यांग लोगों का मुफ्त में इलाज करते हैं। और इतना ही नहीं, वह इलाज, दवा और आगे नौकरी पाने में भी इनकी मदद करते हैं।
हैदराबाद स्थित पेशेवर ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विजय भास्कर 1997 से दिव्यांगों की सेवा कर रहे हैं, जिन्हें 'डिसएबल्ड फाउंडेशन ट्रस्ट’ के तहत मुफ्त इलाज और दवा दी जाती है।
समाचार ऐजेंसी एएनआई से बात करते हुए, 'डिसएबल्ड फाउंडेशन ट्रस्ट’ के फाउंडर डॉ. विजय भास्कर ने कहा कि उन्होंने दिव्यांगों की मदद करने के उद्देश्य से 1997 में इस ट्रस्ट की स्थापना की।
उन्होंने आगे कहा, "जब मैं हैदराबाद में निज़ाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (NIMS) में काम कर रहा था, दिवंगत एपीजे अब्दुल कलाम ने एक बार NIMS का दौरा किया और अपने शब्दों से दिव्यांगों की मदद की। मैंने उनसे प्रेरणा लेकर दिव्यांगों के लिए काम करना शुरू किया है। डॉ. कलाम ने हमें उन समस्याओं से अवगत कराया जिनका दिव्यांग लोगों ने सामना किया और कृत्रिम अंगों के निर्माण के बारे में बताया।"
फाउंडेशन की स्थापना के बाद से, डॉ भास्कर विभिन्न जिलों में 7.5 लाख से अधिक विकलांगता स्क्रीनिंग शिविरों का संचालन करने में सक्षम रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वह बीते 25 वर्षों में दिव्यांगों के लिए 18,282 सर्जरी करवाने में सक्षम रहे हैं, इन सभी सर्जरी को उनकी जॉइंट फैमिली ने फायनेंशियली सपोर्ट किया है। साथ ही उन्हें सर्जरी से छह महीने के लिए आवश्यक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी प्रदान करने और आगे चलकर उपचार, व्हीलचेयर और ट्राई साइकिल चलाने में मदद करते थे।
इसके अलावा, डॉ. भास्कर ने उल्लेख किया कि वे विभिन्न फाउंडेशंस और सरकारी संगठनों के साथ जुड़ें हैं जो जरूरतमंद दिव्यांग व्यक्ति की पहचान करने और आगे के उपचार के बाद मदद करते हैं।
डॉ. भास्कर ने कहा, "हैदराबाद सिटी पुलिस और GHMC की मदद से हम अलग-अलग लोगों की पहचान करते हैं, जिन्हें इलाज की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि इलाज करने वाले लोगों को भी नौकरी दी जा रही है। इस डिसएबल्ड फाउंडेशन ट्रस्ट के जरिए डॉ. भास्कर का उद्देश्य विकलांग लोगों को दूसरा जीवन प्रदान करना है और इस प्रकार उनके आत्मविश्वास के स्तर का निर्माण करना और एक नए जीवन की नींव रखना है।