इस IAS ने लगन और इच्छाशक्ति से जर्जर इमारत को बना दिया आदिवासी स्टूडेंट्स के लिए ट्रेनिंग सेंटर, सोशल मीडिया पर हो रही तारीफ
कहा जाता है कि किसी भी काम भी सफलता उसकी अच्छी शुरुआत से तय होती है। शुरुआत अच्छी करने के लिए लगन और जज्बे की जरूरत होती है। कई लोग होते हैं जो करना तो बहुत कुछ चाहते हैं लेकिन उनमें लगन की कमी के कारण अच्छी शुरुआत नहीं कर पाते। ऐसे लोग सिर्फ शिकायत करते रहते हैं।
हालांकि सिविल सेवा अधिकारी मनुज जिंदल ऐसे लोगों में शामिल नहीं हैं। उन्होंने अपनी लगन और इच्छाशक्ति के दम पर कुछ ऐसा कर दिखाया कि आज सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं।
अपने कार्यक्षेत्र में कार्यकाल के सिर्फ तीन महीनों के भीतर उन्होंने एक पुरानी और जर्जर बिल्डिंग को एक खूबसूरत शिक्षा के केंद्र में बदल दिया। जहां अब आदिवासी और जनजाति यानी ट्राइब्स स्टूडेंट्स को शिल्पकारी सिखाई जाती है। यह बात इसलिए खास हो जाती है क्योंकि यह हुआ है नक्सल प्रभावित इलाके गढ़चिरौली में। मनुज ने गढ़चिरौली के भामरागढ़ कस्बे में स्थित एक पुरानी और जर्जर तहसीलदार बिल्डिंग को नया रंग-रूप देकर एक आदिवासी छात्रों के लिए ट्रेनिंग सेंटर में बदल दिया। इसे लेकर खुद मनुज ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए।
आप भी देखिए मनुज का ट्वीट...
ट्वीट्स में मनुज ने कई फोटोज पोस्ट करते हुए लिखा, 'जैसा कि मैंने गढ़चिरौली के भामरागढ़ में काम करते हुए 3 महीने पूरे कर लिए हैं। आपके साथ जानकारी साझा करते हुए मुझे गर्व हो रहा है कि यहां स्थित एक जर्जर और पुरानी तहसीलदार बिल्डिंग को आदिवासी स्टूडेंट्स को कला और शिल्पकारी सिखाने के लिए एक नए ट्रेनिंग सेंटर में परिवर्तित कर दिया है। आप खुद देखिए। फिलहाल यहां 36 PVTG (Particularly Vulnerable Tribal Group) स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी जा रही है।'
ट्वीट में दी गई तस्वीरें पहले और बाद की हैं। तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि पहले बिल्डिंग एकदम जर्जर और खंडहर जैसी थी। फिर स्थानीय लोगों के सहयोग से उसे परिवर्तित कर खूबसूरत ट्रेनिंग सेंटर बना दिया गया। तस्वीरें देखकर आप भी मनुज जिंदल की तारीफ करेंगे। बता दें, मनुज जिंदल ग्रेटर नोएडा निवासी हैं। उन्होंने साल 2017 में अपने तीसरे प्रयास में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा में सफलता पाई। उन्हें 53वीं रैंक मिली थी। इससे पहले वह एनडीए की परीक्षा भी पास कर चुके हैं।