कोरोना के चलते ICC उठा सकती है ये कदम, गेंदबाजों को अब स्विंग कराने में होगी मुश्किल
समिति द्वारा प्रस्तावित एक और बड़े बदलाव के रूप में तीनों प्रारूपों में प्रति पारी अतिरिक्त DRS टीमों को प्रदान करने की बात कही गई है।
कोरोना वायरस का नकारात्मक असर लगभग सभी क्षेत्र पर पड़ा है। दुनिया भर में सभी कमर्शियल गतिविधियों पर जैसे एक ब्रेक सा लग गया है। खेल जगत इससे अछूता नहीं है। भारत देश, जहां क्रिकेट को एक धर्म माना जाता है वहाँ भी इस साल क्रिकेट प्रेमियों के खास त्योहार आईपीएल पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया, इसी के साथ आईसीसी के टी-20 विश्वकप आयोजन पर अभी खतरे की सुई लटक रही है।
इन सब के बीच आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने एक ऐसा सुझाव दिया है, जिससे गेंदबाजों को थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल इंडियन के पूर्व लेग स्पिनर अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली कमेटी ने गेंदबाजों द्वारा गेंद पर थूक लगाए जाने पर प्रतिबंध लगाने की सिफ़ारिश की है।
मालूम हो कि गेंदबाज गेंद पर थूक लगाकर उसे चमकाते हैं, क्रिकेट के खेल में यह बेहद आम है। चमकी हुई गेंद गेंदबाजों को स्विंग फेंकने में मदद करती है। कमेटी द्वारा यह कदम कोविड-19 के खतरे को देखते हुए उठाया गया है। गौरतलब है कि थूक के साथ इस वायरस के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
आईसीसी क्रिकेट समिति ने लार के माध्यम से वायरस के संचरण के बढ़े हुए जोखिम के बारे में आईसीसी मेडिकल सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. पीटर हारकोर्ट की बात सुनने के बाद यह सिफारिश करने पर सहमति जताई है।
हालांकि लार के उपयोग पर प्रतिबंध का प्रस्ताव करते हुए समिति ने कहा कि यह कोरोनोवायरस के पसीने के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस के संचारित होने की संभावना नहीं है, इसलिए इसने गेंद को चमकाने के लिए पसीने के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश नहीं की गई है।
कोरोनोवायरस महामारी के कारण अंतर्राष्ट्रीय यात्राएं प्रभावित होने के साथ समिति ने प्रस्ताव दिया कि आईसीसी को सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए गैर-तटस्थ अंपायरों और रेफरी नियुक्त करने पर विचार करना चाहिए।
समिति द्वारा प्रस्तावित एक और बड़े बदलाव के रूप में तीनों प्रारूपों में प्रति पारी अतिरिक्त DRS टीमों को प्रदान करने की बात कही गई है।