IIT मद्रास ने 2021-22 में पूर्व छात्रों और कॉरपोरेट से जुटाए अब तक सर्वाधिक 131 करोड़ रुपये
महामारी के बावजूद पूर्व छात्रों, आर्थिक योगदान करने वालों और कॉर्पाेरेट फर्मों से यह रकम जुटाने में साल-दर-साल 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक योगदान करने वाली कंपनियों की संख्या पिछले 5 वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है।
IIT मद्रास (IIT Madras) ने अपनी जन कल्याण और समाज कल्याण परियोजनाओं का विस्तार करने के लिए 2021-22 वित्त वर्ष में पूर्व छात्रों, आर्थिक योगदान करने वालों और कॉर्पाेरेट फर्मों से अब तक के इतिहास में सर्वाधिक 131 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
संस्थान पूर्व छात्रों के नेटवर्क को मजबूत कर और कॉरपोरेट, जन कल्याण संगठनों और उच्च आर्थिक क्षमता के लोगों से जुड़ कर तेजी से रकम जुटाने का इच्छुक है। यह रकम जुटाने के प्रयासों का नेतृत्व पूर्व छात्र और कॉर्पाेरेट संबंध कार्यालय कर रहा है, जिसमें प्रोफेशनल्स की खास टीम कॉर्पाेरेट फर्मों, पूर्व छात्रों और आर्थिक योगदान देने वालों के साथ मिल कर काम करती है।
कोविड-19 महामारी के बावजूद पूर्व छात्रों, आर्थिक योगदान करने वालों और कॉर्पाेरेट फर्मों से यह रकम जुटाने में साल-दर-साल 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। IIT मद्रास को सीएसआर के माध्यम से यह योगदान देने वाले कॉर्पाेरेट फर्मों की संख्या पिछले पांच वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है। पिछले वित्त वर्ष में जुटाए गए कुल 131 करोड़ रुपयों में लगभग आधा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) की भागीदारी से प्राप्त हुआ है।
यह रकम जुटाने में आई तेजी की एक खास वजह IIT मद्रास के शिक्षकों का बहुत योग्य होना है जो अभूतपूर्व अनुसंधान कर रहे हैं और सामाजिक रूप से प्रासंगिक परियोजनाओं को पूरे प्रभाव के साथ पूरे करने में संलग्न हैं।
प्रोफेसर महेश पंचग्नुला, डीन (पूर्व छात्र और कॉर्पाेरेट संबंध), IIT मद्रास ने कहा, "हम सभी पूर्व छात्रों और कॉर्पाेरेट भागीदारों के आभारी हैं जिन्होंने प्रभावशाली योगदान देकर हमारी मदद की है।"
प्रो महेश पंचगनुला ने सामाजिक महत्व के प्रोजेक्ट में IIT मद्रास के पूर्व छात्रों के योगदान को अहम् बताते हुए कहा, "IIT मद्रास को गर्व है कि संस्थान के हजारों पूर्व छात्रों ने इसके विकास में समय और धन दोनों का निवेश किया है। संस्थान के भावी विकास में इस समूह के योगदान का विशेष महत्व है।"
बुनियादी सुविधा के विकास, छात्रवृत्ति, चेयर प्रोफेसरशिप, अनुसंधान और विशेष रूप से कोविड-19 महामारी की रोकथाम के प्रयास के लिए यह रकम जुटाना बहुत महत्वपूर्ण है।
महामारी के दौरान संस्थान ने IIT मद्रास के पूर्व छात्रों से कोविड-19 राहत परियोजनाओं के लिए पूरी दुनिया से 15 करोड़ रुपये (लगभग 2 मिलियन अमरीकी डालर) जुटाए जिसका इस्तेमाल तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना की सरकारों को बाइपैप और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे जरूरी चिकित्सा उपकरण देने में किया गया।
मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए आर्थिक योगदान प्राप्त हुए हैं:
- बुनियादी सुविधा
- छात्रों के इनोवेटिव प्रोजेक्ट
- फैकल्टी रिसर्च
- छात्रवृत्ति
- चेयर प्रोफेसरशिप
संस्थान ने यह रकम जुटाने के जो प्रयास किए हैं उनके बारे में कविराज नायर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, संस्थान प्रगति कार्यालय, IIT मद्रास ने कहा, “IIT मद्रास में हमारी टीम स्पष्ट मानक और सख्त क्रियान्वयन के साथ ट्रैकिंग की व्यवस्था की है जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमारी एक प्रोफेशनल डोनर स्टीवर्डशिप टीम है ताकि हमारी सभी परियोजनाओं का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित हो। सभी आर्थिक योगदान करने वाले यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जो रकम उन्होंने दी उसका उपयोग पारदर्शी और प्रभावशाली हो और इस तरह व्यापक समाधान मिले। हम उनके सभी मानकांें को पूरा करते हैं।"
कविराज नायर ने यह भी कहा, "पूरी दुनिया में हमारे एल्युम्नी चैप्टर हैं जिनका संचलान वॉलेंटियर करते हैं। हमारे पूर्व छात्र पूरी दुनिया को प्रभावित करने वाले विश्व स्तरीय अनुसंधान में संलग्न रहते हुए अपने अल्मा मेटर के समर्थन का जुनून रखते हैं।"
यह उपलब्धि पूर्व छात्र एवं कॉर्पाेरेट संबंध कार्यालय के ठोस प्रयासों से मिली है जो IIT मद्रास के पूर्व छात्रों के विभिन्न नेटवर्कों के साथ मिल कर काम करता है। IIT मद्रास के ग्रैजुएट सभी क्षेत्रों, उद्योगों और भौगोलिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और पूरी दुनिया में अपने अल्मा मेटर की उच्च पहचान के लिए जुनून रखते हैं।
वे संस्थान में धन, संसाधन और मार्गदर्शन के रूप में निरंतर निवेश कर रहे हैं जो उच्च सामाजिक प्रभाव के प्रयासों को सफल बनाने के लक्ष्य से छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए महत्वपूर्ण समर्थन नेटवर्क बनाने का काम करता है।