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2021 में भारत में 1 लाख से अधिक लोग बने करोड़पति, फिर से भी तेजी से बढ़ रही आर्थिक असमानता

क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट ने कहा है कि पिछले साल भारत में घरेलू संपत्ति में तेजी से बढ़ोतरी होने और 1 लाख करोड़पतियों के जुड़ने के बाद भी भारत में आर्थिक असमानता बहुत ही तेजी से बढ़ी है.

2021 में भारत में 1 लाख से अधिक लोग बने करोड़पति, फिर से भी तेजी से बढ़ रही आर्थिक असमानता

Monday September 26, 2022 , 3 min Read

तेजी से आर्थिक असमानता की ओर बढ़ रही भारत की अमीरों की आबादी में साल 2021 में 1 लाख से अधिक करोड़पति जुड़े हैं. यह संख्या दुनियाभर में साल 2021 में जुड़ने वाले करोड़पतियों की 1 फीसदी है.

मंगलवार को जारी क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट (The Credit Suisse Global Wealth Report) ने इसकी जानकारी दी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 तक भारत में करोड़पतियों की संख्या दोगुनी से अधिक 16 लाख होने की उम्मीद है.

भारत में तेजी से बढ़ रही आर्थिक अमसमानता

क्रेडिट सुइस ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट ने कहा है कि पिछले साल भारत में घरेलू संपत्ति में तेजी से बढ़ोतरी होने और 1 लाख करोड़पतियों के जुड़ने के बाद भी भारत में आर्थिक असमानता बहुत ही तेजी से बढ़ी है.

रिपोर्ट से पता चला है कि भारत के लिए गिनी इंडेक्स (आर्थिक असमानता) 2020 में 82.3 के शिखर पर पहुंच गई और 2021 के अंत तक भी समान रही. अर्थशास्त्र में गिनी इंडेक्स असमानता का मापक है. इसका मतलब है कि जितनी अधिक बड़ी संख्या होगी असमानता का स्तर उतना ही अधिक होगा.

चीन, इंडोनेशिया और सऊदी अरब जैसी तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की तुलना में भारत की आर्थिक असमानता दूसरी सबसे अधिक है. 86.4 अंकों के साथ सऊदी अरब पहले स्थान पर है. वहीं, इनकी तुलना में चीन और इंडोनेशिया में आर्थिक असमानता बहुत कम क्रमश: 70.1 और 78.2 है.

2021 में भारत की कुल संपत्ति 1224 खरब रुपये बढ़ी

साल 2021 में भारत की कुल संपत्ति 12 फीसदी (1224 खरब रुपये) बढ़कर 11,588 खरब रुपये हो गई. वहीं, हर वयस्क की संपत्ति में भी 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जो कि बढ़कर करीब 13 लाख रुपये हो गई है. हालांकि, प्रति वयस्क की औसत संपत्ति लगभग 7.6 फीसदी की दर से हुई.

2000 और 2021 के बीच, भारत में प्रति वयस्क औसत संपत्ति 8.8 फीसदी की औसत वार्षिक दर से बढ़ी है, जबकि औसत संपत्ति 5.8 फीसदी की दर से बढ़ी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का गिनी गुणांक 2000 में 74.7 से बढ़कर 2021 में 82.3 हो गया है.

50 मिलियन डॉलर वालों की संख्या 4,980 पहुंच गई

वहीं, 50 मिलियन डॉलर (4 अरब रुपये) वाले अल्ट्रा हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (UHNWI) की संख्या भी 720 से बढ़कर 4,980 पहुंच गई है.

शीर्ष 1 फीसदी भारतीयों की संपत्ति का हिस्सा 2000 में 33.2 फीसदी से बढ़कर 2021 में 40.6 फीसदी हो गया। भारत में शीर्ष 10 फीसदी के पास 2021 के अंत में देश की कुल संपत्ति का 72.5 फीसदी हिस्सा था. कुल ग्लोबल संपत्ति 9.8 फीसदी यानि 41.5 ट्रिलियन डॉलर बढ़कर 463.6 ट्रिलियन डॉलर हो गया. साल 2021 में कुल ग्लोबल संपत्ति में 12.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जो अब तक की सबसे तेज बढ़ोतरी है.


Edited by Vishal Jaiswal