अनिल अंबानी के स्विट्जरलैंड में 814 करोड़ हैं जमा! 420 करोड़ रु की टैक्स चोरी का आरोप
अनिल अंबानी पर असेसमेंट ईयर 2012-13 से 2019-20 के दौरान विदेश में अघोषित संपत्ति रख कर टैक्स चोरी करने का आरोप है.
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने काला धन कानून (Black Money Act) के तहत कथित रूप से 420 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी को लेकर रिलायंस समूह (Reliance Group) के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) के खिलाफ मामला चलाने के लिये नोटिस जारी किया है. यह टैक्स स्विट्जरलैंड के दो बैंक खातों में रखे गए 814 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाबी धन से जुड़ा है. विभाग ने 63 वर्षीय अंबानी पर जानबूझकर कर नहीं चुकाने का आरोप लगाया है. कहा है कि उद्योगपति ने जानबूझकर विदेश में बैंक खातों और वित्तीय हितों का ब्योरा कर अधिकारियों को नहीं दिया.
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, अंबानी को इस संदर्भ में कारण बताओ नोटिस अगस्त महीने की शुरुआत में जारी किया गया. विभाग ने कहा कि उनके खिलाफ ब्लैक मनी (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) इंपोजीशन ऑफ टैक्स एक्ट ऑफ 2015 की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाने का मामला बनता है. इसमें जुर्माने के साथ अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है. विभाग ने आरोपों पर 31 अगस्त तक जवाब मांगा है. अनिल अंबानी पर असेसमेंट ईयर 2012-13 से 2019-20 के दौरान विदेश में अघोषित संपत्ति रख कर टैक्स चोरी करने का आरोप है.
इन दो एंटिटी में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ लाभार्थी मालिक
नोटिस के अनुसार, कर अधिकारियों ने पाया कि अनिल अंबानी बहामास स्थित एंटिटी डायमंड ट्रस्ट और एक अन्य कंपनी नार्दर्न एटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (NATU) में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ-साथ लाभार्थी मालिक भी हैं. एनएटीयू का गठन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड (BVI) में किया गया था. बहामास ट्रस्ट के मामले में विभाग ने पाया कि यह ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम की कंपनी थी. स्विस बैंक में खाता कंपनी का है. खाते में 31 दिसंबर 2007 को सबसे अधिक 32095600 डॉलर की राशि थी.
नोटिस में कहा गया है कि ट्रस्ट को शुरू में 2.5 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण प्राप्त हुआ था. विभाग ने कहा है कि इस कोष का स्रोत अनिल अंबानी का व्यक्तिगत खाता था. यह पाया गया है कि अंबानी ने 2006 में इस ट्रस्ट को खोलने के लिये केवाईसी दस्तावेज के रूप में अपना पासपोर्ट दिया था. इस ट्रस्ट के लाभार्थियों में उनके परिवार के सदस्य भी शामिल हैं.
ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड की कंपनी का गठन जुलाई 2010 में हुआ. इसका खाता बैंक ऑफ साइप्रस (ज्यूरिख) में है. विभाग ने दावा किया कि अनिल अंबानी इस कंपनी और उसके कोष के लाभार्थी मालिक हैं. कंपनी पर आरोप है कि उसने कथित रूप से 2012 में बहामास में पंजीकृत PUSA नाम की इकाई से 10 करोड़ डॉलर प्राप्त किये. ऐसा कहा जाता है कि इसके भी सेटलर और लाभार्थी मालिक अंबानी हैं.
एंटिटीज के पास उपलब्ध धन/संपत्ति अनिल अंबानी की कैसे
आयकर विभाग ने कहा कि जो सबूत उपलब्ध हैं, उनसे साफ है कि अनिल अंबानी विदेशी ट्रस्ट डायमंड ट्रस्ट में आर्थिक योगदानकर्ता के साथ लाभार्थी मालिक भी हैं. कंपनी ड्रीमवर्क्स होल्डिंग इंक के बैंक खाते, NATU और PUSA के लाभकारी मालिक भी हैं. अतः उपरोक्त एंटिटीज के पास उपलब्ध धन/संपत्ति अनिल अंबानी ही की है. विभाग ने आरोप लगाया है कि अनिल अंबानी ने इन विदेशी संपत्तियों के बारे में आयकर रिटर्न में जानकारी नहीं दी. उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 2014 में पहली बार सत्ता में आने के तुरंत बाद लाये गये काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया. कर अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की चूक जानबूझकर की गयी है. कर अधिकारियों ने दोनों खातों में अघोषित फंड 8142795784 रुपये होने का आकलन किया है. इस पर कर देनदारी 420 करोड़ रुपये बनती है.
2020 में अनिल ने खुद को बताया था दिवालिया
दो साल पहले उन्होंने साल 2020 में अनिल अंबानी ने ब्रिटेन की एक कोर्ट को घोषणा की थी कि वह दिवालिया हैं और उनकी नेटवर्थ जीरो है. लेकिन अक्टूबर 2021 में 'इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' (ICIJ) ने गुप्त वित्तीय लेन-देन और कारोबार पर 'पेंडोरा पेपर्स' के नाम से बड़ा खुलासा किया था. इसमें सामने आया था कि अनिल अंबानी और उनके प्रतिनिधियों के पास जर्सी, ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड्स और साइप्रस जैसी जगहों पर कम से कम 18 विदेशी कंपनियां हैं. इसके बाद से ही अनिल अंबानी के वाकई में कंगाल होने को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे.