भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते
भारत और ऑस्ट्रेलिया के मंत्रियों ने भी समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले दोनों देशों के बीच संबंधों की बढ़ती ताकत पर अपने विचार व्यक्त किए।
एक वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एस्कॉर्ट मॉरीसन की उपस्थिति में, भारत सरकार की ओर से केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया सरकार के व्यापार पर्यटन एवं निवेश मंत्री डैन तेहान ने शनिवार को भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (IndAus ECTA) पर हस्ताक्षर किए।
हस्ताक्षर संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले एक महीने में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ यह उनकी तीसरी बातचीत है। उन्होंने प्रधानमंत्री मॉरिसन के नेतृत्व और उनके व्यापार दूत तथा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने एक सफल और प्रभावी जुड़ाव के लिए व्यापार मंत्रियों और उनकी टीम की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने कम समय में IndAus ECTA पर हस्ताक्षर करना दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास की गहराई को दर्शाता है। पीएम मोदी ने एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करने के लिए दोनों अर्थव्यवस्थाओं में मौजूद अपार संभावना के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि यह समझौता दोनों देशों को इन अवसरों का पूरी तरह से लाभ उठाने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। इस समझौते के आधार पर, हम एक साथ आपूर्ति श्रृंखलाओं को और भी अधिक सशक्त बनाने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के स्थायित्व में भी योगदान देने में सक्षम होंगे।"
'जन-जन’ के बीच संबंधों को भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों का प्रमुख स्तंभ बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, "इस समझौते से हमारे दोनों देशों के बीच छात्रों, पेशेवरों और पर्यटकों के आदान-प्रदान की सुविधा होगी, जो इन संबंधों को और मजबूत करेगा।"
प्रधानमंत्री ने आगामी विश्व कप फाइनल के लिए ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम को अपनी शुभकामनाएं भी दीं।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन ने भी हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच उल्लेखनीय पैमाने पर सहयोग के बारे में चर्चा की और प्रधानमंत्री मोदी को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया। IndAus ECTA पर हस्ताक्षर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते संबंधों में एक और मील का पत्थर बताते हुए, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समझौता संबंधों को और भी अधिक मजबूत करेगा।
मॉरिसन ने कहा कि व्यापार और आर्थिक सहयोग में वृद्धि के अलावा IndAus ECTA कार्य, अध्ययन और यात्रा के अवसरों का विस्तार करके दोनों देशों के लोगों के बीच निकटतापूर्ण और घनिष्ठ संबंधों को और भी मजबूत करेगा। यह हमारे व्यवसायों को एक जोरदार संकेत होगा कि 'सबसे बड़े दरवाजों में से एक' अब खुला है, क्योंकि दो सशक्त क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाएं और समान विचारधारा वाले लोकतंत्र परस्पर लाभ के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक स्पष्ट संदेश भी देता है कि लोकतंत्र एक साथ काम कर रहे हैं और आपूर्ति श्रृंखला की सुरक्षा और सशक्तता सुनिश्चित कर रहे हैं।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के मंत्रियों ने भी समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले दोनों देशों के बीच संबंधों की बढ़ती ताकत पर अपने विचार व्यक्त किए।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध दोनों देशों के बीच तेजी से विविधीकरण और गहन संबंधों की स्थिरता और मजबूती में योगदान करते हैं। वस्तुओं एवं सेवाओं के क्षेत्र में व्यापार को शामिल करते हुए, IndAus ECTA एक संतुलित और न्यायसंगत व्यापार समझौता है, जो दोनों देशों के बीच पहले से ही गहरे, घनिष्ठ और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करेगा तथा वस्तुओं एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाएगा, नए रोजगार के अवसरों का सृजन करेगा, जीवन स्तर को बढ़ाएगा और दोनों देशों के लोगों के सामान्य कल्याण में सुधार करेगा।