भारत सरकार ने Twitter में अपना एजेंट रखने के लिए बनाया दबाव, पूर्व कर्मचारी ने लगाया आरोप
वाशिंगटन पोस्ट अखबार द्वारा अपलोड की गई और व्हिसलब्लोअर एड में ज़टको के वकील द्वारा सत्यापित शिकायत के एक संशोधित संस्करण के अनुसार, ट्विटर के कमजोर सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण सरकारी एजेंट के पास यूजर्स के संवेदनशील डेटा तक पहुंच संभव हो गई.
ट्विटर के एक पूर्व सिक्योरिटी चीफ ने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी को पेरोल पर एक सरकारी एजेंट को रखने का दबाव डाला. अमेरिकी रेगुलेटर्स में एक व्हिसलब्लोअर ने इसका खुलासा किया है. पीटर 'मज' जटको ने ट्विटर पर कई अन्य सिक्योरिटी लैप्सेस के दावों के बीच अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (US Securities and Exchange Commission) के साथ इस मुद्दे को उठाया.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, जटको ने कहा कि वाशिंगटन पोस्ट अखबार द्वारा अपलोड की गई और व्हिसलब्लोअर एड में ज़टको के वकील द्वारा सत्यापित शिकायत के एक संशोधित संस्करण के अनुसार, ट्विटर के कमजोर सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण सरकारी एजेंट के पास यूजर्स के संवेदनशील डेटा तक पहुंच संभव हो गई.
कंपनी के एक सोर्स ने कहा कि ट्विटर की एक बैठक में भारत सरकार के इस दबाव का मुद्दा उठा था. हालांकि, सोर्स ने इसके आगे कुछ भी नहीं बताया. ट्विटर के एक प्रवक्ता ने जटको के आरोपों पर अपने बयान में कहा कि हमने अब तक जो देखा है वह ट्विटर और हमारी प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी प्रैक्टिसेस के बारे में एक गलत धारणा बनाने की कोशिश की जा रही है जिसमें महत्वपूर्ण संदर्भों का अभाव है.
बता दें कि, जुलाई में ट्विटर ने भारत सरकार को कोर्ट में घसीट लिया था और एक स्थानीय अदालत से सरकार के उन आदेशों का वापस लिए जाने का आदेश देने की मांग की जिसमें सरकार ने ट्विटर से कंटेंट को हटाने की मांग की है. ट्विटर ने भारतीय अधिकारियों पर ताकत के दुरुपयोग का भी आरोप लगा दिया. इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होने वाली है.
जटको ने अपनी शिकायत में कहा है कि कंपनी ने वास्तव में यूजर्स के साथ इस बात का खुलासा नहीं किया कि कार्यकारी टीम भारत सरकार के अनुरोध पर कंपनी के पेरोल पर एजेंटों को रखने में सफल रही है.
वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जटको के दावे के समर्थन वाली जानकारियां अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के नेशनल सिक्योरिटी डिविजन और इंटेलिजेंस पर अमेरिकी सीनेट सेलेक्ट कमिटी के पास भेजी गई हैं.
व्हिसलब्लोअर ने ट्विटर पर रेगुलेटर्स को बॉट अकाउंट्स के बारे में मिसलिड करने का आरोप लगाया
व्हिसलब्लोअर की शिकायत में पीटर जेटको ने यह भी आरोप लगाया है कि हैकर्स और स्पैम अकाउंट्स को लेकर लगे आरोपों के बचाव में ट्विटर संघीय रेगुलेटर्स को गुमराह किया.
अपनी 84 पेज की शिकायत में मज के नाम से जाने जाने वाली हैकर जटको ने आरोप लगाया कि ट्विटर ने मजबूत सिक्योरिटी प्लान को लेकर झूठा दावा किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस (अमेरिका का निचला सदन) के जांचकर्ताओं द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों के अनुसार, उन्होंने सहयोगियों को चेतावनी दी थी कि कंपनी के आधे सर्वर पुराने और कमजोर सॉफ्टवेयर पर चल रहे थे.
इस महीने की शुरुआत में, एक अमेरिकी अदालत ने एक पूर्व ट्विटर मैनेजर को सऊदी अरब के लिए छह आपराधिक मामलों में जासूसी करने का दोषी ठहराया था. उसके ऊपर सऊदी के लिए एक एजेंट के रूप में कार्य करना और सऊदी के शाही परिवार से जुड़े एक अधिकारी से पेमेंट छिपाने की कोशिश करना शामिल था.
व्हिसलब्लोअर की यह फाइलिंग ऐसे समय में सामने आई है जब वह दुनिया के सबसे अमीर शख्स और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के साथ कानूनी लड़ाई में फंसी है. मस्क ने ट्विटर को खरीदने का 44 अरब डॉलर का सौदा बाद में रद्द कर दिया है. अब यह मामला कोर्ट में है.
Edited by Vishal Jaiswal