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भारत आ पहुंचा है! यह घड़ी भारत में होने वाले सबसे शुभ समय में से एक है: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा - समय आ गया है जब भारत न केवल अन्य देशों के साथ खड़ा है, बल्कि उसने यह साबित कर दिया है कि वह दुनिया का नेतृत्व कर सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने अतीत की बेड़ियों को तोड़ दिया है और भारत को विकास के पथ पर बढ़ने के लिए मुक्‍त कर दिया है.

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा, "भारत आ पहुंचा है." उन्होंने कहा, "यह घड़ी भारत में होने वाले सबसे शुभ समय में से एक है."

उन्‍होंने कहा, “भारत इस वर्ष जी-20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है, हम कुछ दिनों बाद नई दिल्ली के भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे; इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष भी मनाया जा रहा है. यह दूसरा अवसर है जब अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद भारत और प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की पहल पर और (भारत की स्वतंत्रता के) 75 वर्षों के बाद ऐसा आयोजन किया जा रहा है. 15 अगस्त को, हम अमृत काल में प्रवेश कर चुके हैं और इस सप्ताह, सिर्फ दो दिन पहले, चंद्रयान सफल हुआ है."

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब समय आ गया है जब भारत न सिर्फ दूसरे देशों के साथ खड़ा हो, बल्कि यह साबित कर दे कि वह दुनिया का नेतृत्व कर सकता है.

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह इंदौर में ई-गवर्नेंस पर दो दिवसीय 26वें राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने अतीत की बेड़ियों को तोड़ दिया है और भारत को विकास के पथ पर अग्रसर होने के लिए मुक्‍त कर दिया है.

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र खोला और आज 150 से अधिक निजी स्टार्टअप हैं."

प्रशासनिक सुधारों का उल्‍लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी ने कई सुधार शुरू किए हैं.

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उन्होंने प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण के जरिए आम लोगों तक लाभों को पहुंचाने का उल्‍लेख करते हुए कहा, "कोविड काल के दौरान, जीवन थम गया था, लेकिन भारत सरकार की प्रशासनिक मशीनरी में कोई देरी नहीं हुई, क्योंकि हम पहले ही डिजिटल हो चुके थे, जबकि अन्य लोग इसकी तैयारी कर रहे थे."

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमें 'न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन' का मंत्र दिया. प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ने राजपत्रित अधिकारियों द्वारा सत्यापन की प्रथा को समाप्त करने, कदाचार को मिटाने के लिए साक्षात्कार को समाप्त करने जैसी पहलें कीं. अधिकांश कामकाज को ऑनलाइन परिवर्तित कर दिया गया और पारदर्शिता, जवाबदारी और नागरिक भागीदारी के लिए, मानवीय हस्‍तक्षेप को न्यूनतम कर दिया गया.

डॉ. सिंह ने कहा, पेंशन और पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग ने डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) और बाद में डीएलसी ऑनलाइन जमा करने के लिए आधार-कार्ड पर आधारित योजना शुरू की. शुरुआत में बायोमेट्रिक उपकरणों के माध्यम से डीएलसी को जमा किया जाता था. अब भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण ने आधार सॉफ्टवेयर के माध्‍यम से चेहरे की पहचान करने वाली प्रौद्योगिकी-आधारित प्रणाली शुरू की है.

शासन में पारदर्शिता और जवाबदारी के बारे में डॉ. सिंह ने कहा कि स्वच्छ और प्रभावी सरकार का पैमाना मजबूत शिकायत निवारण तंत्र होता है. सीपीजीआरएएमएस को हर साल लगभग 20 लाख शिकायतें प्राप्त होती हैं, जबकि पहले यह संख्या केवल दो लाख थी. इसका कारण यह था कि इस सरकार ने समयबद्ध निवारण की नीति अपनाई और लोगों का विश्वास हासिल किया.

डॉ. जितेंद्र सिंह ने जीवन सुगमता की दिशा में प्रौद्योगिकी संचालित सुधारों के जरिए भूमि रजिस्ट्री में पारदर्शिता लाने वाली डिजिलॉकर और स्वामित्व योजना को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करना है और हम ई-गवर्नेंस में डिजिटल परिवर्तनों की क्षमता का लाभ उठाते हुए इस काम को गति देकर और इसका दायरा बढ़ाकर पूरा करेंगे."

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