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भारत की गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं, कहा- हमारे पास पर्याप्त भंडार

ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि मोदी के इस बयान के चार महीनों में सरकार को खाद्यान्न आयात के बारे में विचार कर कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकारी अधिकारी चर्चा कर रहे हैं कि कुछ क्षेत्रों में आटा मिल वालों को अनाज आयात करने में मदद करने के लिए गेहूं पर 40 फीसदी आयात कर में

भारत की गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं, कहा- हमारे पास पर्याप्त भंडार

Monday August 22, 2022 , 3 min Read

सरकार की गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है और देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त भंडार है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास सार्वजनिक वितरण के लिए पर्याप्त भंडार है. एक सूत्र ने कहा, ''भारत की गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है. देश में हमारी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त भंडार है.''

उन्होंने यह टिप्पणी कुछ खबरों के संदर्भ में की, जिनमें कहा गया था कि भारत आने वाले समय में गेहूं का आयात कर सकता है.

बता दें कि, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत दुनिया को खिलाने के लिए तैयार है.

ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि मोदी के इस बयान के चार महीनों में सरकार को खाद्यान्न आयात के बारे में विचार कर कर रही है. रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकारी अधिकारी चर्चा कर रहे हैं कि कुछ क्षेत्रों में आटा मिल वालों को अनाज आयात करने में मदद करने के लिए गेहूं पर 40 फीसदी आयात कर में कटौती की जाए या उन्हें समाप्त कर दिया जाए.

दरअसल, देश के उत्तरी राज्यों- पंजाब और हरियाणा में गेहूं की फसल पकने के समय भीषण गर्मी पड़ने से गेहूं का उत्पादन कम होने का अनुमान है.

फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के अनुसार, अगस्त में राज्यों का रिजर्व स्टॉक गिरकर 14 सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया जबकि उपभोक्ता गेहूं मुद्रास्फीति 12 फीसदी के करीब चल रही है.

भारत का गेहूं उत्पादन लगभग तीन प्रतिशत घटकर 10.684 करोड़ टन रहने का अनुमान है. हालांकि फसल वर्ष 2021-22 में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.572 करोड़ टन होने का अनुमान है.

कृषि मंत्रालय की तरफ से हाल ही में जारी फसल वर्ष 2021-22 के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार चावल, मक्का, चना, दलहन, तिलहन और गन्ने का उत्पादन नया रिकॉर्ड बना है.

बता दें कि, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक होने के बावजूद, भारत कभी भी एक प्रमुख निर्यातक नहीं रहा है. वैश्विक गेहूं निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 1 फीसदी से भी कम है. भारत सालाना करीब 10.75 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है.

बीते वित्त वर्ष में भारत से गेहूं खरीदने वाले टॉप 10 देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया, ओमान और मलेशिया शामिल हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक बाजारों में गेहूं की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है. दोनों ही देश गेहूं के बड़े उत्पादकों में हैं. वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति में रूस-यूक्रेन का हिस्सा करीब 25 फीसदी का है.


Edited by Vishal Jaiswal