India MSME Summit 2022: कोविड-19 के बाद चुनौतियों से कैसे उबर सकते हैं MSMEs
India MSME Summit 2022 के पांचवें दिन इंडियामार्ट IndiaMart के संस्थापक औऱ मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) दिनेश अग्रवाल ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे भारतीय MSMEs मौजूदा चुनौतियों से उबर सकती हैं और कैसे नीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने से छोटे कारोबारों को मदद मिल सकती है.
दो साल से अधिक समय से जारी कोविड-19 महामारी के बाद व्यवसायों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है और उन्हें अपने शॉर्ट और लॉन्ग टर्म गोल्स को लेकर एक बार फिर से रणनीति तैयार करनी पड़ रही है.
खासतौर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को इन चुनौतियों से तत्काल निपटना है ताकि वे अपने उत्पादन को बनाए रख सकें, उनका बाजार से संपर्क न टूटे, कर्मचारियों के साथ जुड़ाव बना रहे औऱ वे एक कंपनी के रूप में पैसे बना सकें.
India MSME Summit 2022 के पांचवें दिन इंडियामार्ट
के संस्थापक औऱ मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) दिनेश अग्रवाल ने इस बात पर चर्चा की कि कैसे भारतीय MSMEs मौजूदा चुनौतियों से उबर सकती हैं और कैसे नीतियों को बेहतर तरीके से लागू करने से छोटे कारोबारों को मदद मिल सकती है.India MSME Summit का चौथा एडिशन:
MSME के सामने आ रही चुनौतियों, उनके लिए मौजूद और आगामी पॉलिसीज, क्रेडिट फैसिलिटी, टेक्नोलॉजी सॉल्युशंस, एक्सपोर्ट आदि को लेकर YourStory और SMBStory, India MSME Summit का चौथा एडिशन आयोजित किया. यह वर्चुअल समिट 21 जून से शुरू होकर 27 जून 2022 तक चला. विभिन्न स्टेकहोल्डर्स, रेगुलेटर्स, पॉलिसीमेकर्स, टेक्नोलॉजी सॉल्युशंस प्रोवाइडर्स, SMB एंटरप्रेन्योर्स ने इस समिट में हिस्सा लिया.
मुख्य बातें:
GST को सरल बनाने की मांग:
पिछले कुछ सालों में सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम जैसी नीतियां लेकर आईं लेकिन कोविड-19 के दौरान MSMEs को इस योजना से कोई खास परिणाम नहीं हासिल हुए.
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार को वस्तु एवं सेवा कर (GST) को सरल बनाना चाहिए ताकि उसे जल्दी एवं बड़े पैमाने पर अपनाया जा सके.
डिजिटल हो रहे बिजनेस:
भारतीय MSMEs बेहद ही तेजी से डिजिटल हो रहे हैं क्योंकि इससे किसी भी कारोबार की लागत कम हो जाती है. दिनेश के अनुसार, लगभग 9 करोड़ लोग हर महीने ही इंडिया मार्ट की वेबसाइट पर आते हैं. इसके साथ ही कंपनी ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित प्रणाली विकसित की है जो कि अलग-अलग भाषाएं समझ सकती है.
मानसिकता में बदलाव:
वास्तव में MSMEs की प्रकृति ही पारंपरिक है. हालांकि, अपने कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए जिस तरह से अधिक छोटे कारोबार शेयर बाजार में हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं उससे उनकी मानसिकता में बदलाव आ रहा है.
पिछले कुछ सालों में कई MSMEs नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के SME एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुए हैं
और इससे और अधिक छोटे कारोबारी स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध होने पर विचार कर रहे हैं.
हाइब्रिड वर्किंग:
कोविड-19 महामारी ने हमें एक और चीज सिखाई है कि हमें कहीं अधिक सुविधाजनक काम करने के माहौल के लिए तैयार रहना चाहिए और अधिक से अधिक संपर्क में बने रहना चाहिए क्योंकि हमेशा आमने-सामने बातचीत का विकल्प उपलब्ध नहीं रह सकता है.
मजबूत सप्लाई चेन बनाना:
महामारी ने हमें सप्लाई चेन और ट्रेड मैनेजमेंट की जरूरत के बारे में भी समझाया है. एक ऐसे समय में जब दुनिया लॉकडाउन में थी तब सप्लाई चेन के कारण ही लोगों को मेडिकल और अन्य सेवाएं व सुविधाएं मिल सकीं. इसने हमें भविष्य के लिए आवश्यक सप्लाई चेन बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है.
Edited by Vishal Jaiswal