अब भारतीय संस्थान सिखायेगा अफ़ग़ान अधिकारियों को इकोनॉमिक्स और लीडरशिप
चार दिवसीय वर्चुअल कोर्स को "इमर्सिंग विद इंडियन थॉट्स" का नाम दिया गया है. यह कोर्स केरल के कोझिकोड स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा कराया जाएगा.
भारत तालिबान के अधिकारियों को अपनी संस्कृति, कानून और कारोबारी माहौल पर एक क्रैश कोर्स में शामिल करेगा. यह कदम अफगानिस्तान की नई सरकार के साथ जुड़े रहने में नई दिल्ली की निरंतर रुचि को बयां करता है. (India offers Taliban officials a crash course in economics, leadership)
मंगलवार से शुरू होने वाले चार दिवसीय वर्चुअल कोर्स को "इमर्सिंग विद इंडियन थॉट्स" (Immersing with Indian Thoughts) का नाम दिया गया है. यह कोर्स केरल के कोझिकोड स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM Kozhikode) द्वारा कराया जाएगा. नामचीन मैनेजमेंट स्कूल भारत के विदेश मंत्रालय (India's Ministry of External Affairs) के प्रशिक्षण के नियमित रोस्टर के हिस्से के रूप में 'इंडिया टेक्नीकल एंड इकॉनोमिक कॉपरेशन प्रोग्राम' के साथ काम कर रहा है.
दोहा, कतर में तालिबान के एक वरिष्ठ राजनयिक सुहैल शाहीन के हवाले से समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने बताया, "मौजूदा सरकार के लिए काम करने वाले सभी लोग संबंधित अधिकारियों द्वारा चयन प्रक्रिया के बाद ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं." तालिबान के नेतृत्व वाले विदेश मंत्रालय ने हाल ही में एक सर्कुलर जारी कर कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन करने के लिए राजनयिकों और कर्मचारियों को आमंत्रित किया.
गौरतलब हो कि भारत सरकार तालिबान सरकार को औपचारिक रूप से मान्यता नहीं देती है, जिसने 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका के बाहर निकलते ही सत्ता पर कब्जा कर लिया था. हालांकि, भारत ने पिछले साल काबुल में अपना दूतावास फिर से खोला था.
ITEC वेबसाइट के मुताबिक, प्रतिभागी भारत के "आर्थिक वातावरण, रेगुलेटरी इकोसिस्टम, लीडरशिप इनसाइट्स, सामाजिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, सांस्कृतिक विरासत, कानूनी और पर्यावरणीय परिदृश्य, उपभोक्ता मानसिकता और व्यावसायिक जोखिमों" के बारे में जानेंगे.
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, नई दिल्ली में अफगान राजदूत फरीद मामुंडजे ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि भारत की ओर से तालिबान को तकनीकी सहायता की कुछ सीधी डिलीवरी दिखाने का प्रयास किया जा रहा है, जो अभी के लिए अच्छे कामकाजी संबंध बनाने में मदद करेगा. पिछली अमेरिकी समर्थित सरकार जो तालिबान का प्रतिनिधित्व नहीं करती है. यह तकनीकी सहायता तालिबान को भारत के एक बड़े मानवीय और सहायता पैकेज का शुरुआती बिंदु हो सकती है."
बता दें कि हाल ही में एक अफगानी नागरिक रजिया मुरादी ने वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में अपने काम के लिए स्वर्ण पदक जीता है.
रजिया ने अपने दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि वह उन अफगान महिलाओं के लिए बोलती हैं जिन्हें अभी भी शिक्षा से वंचित रखा गया है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह तालिबान सरकार को यह दिखाना चाहती हैं कि मौका मिलने पर महिलाएं किसी भी विषय में सफल हो सकती हैं.