भारत आने वाले वर्षों में एक प्रमुख बैटरी मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बन जाएगा: डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय
केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने इलेक्ट्रिक वाहनों में जागरूकता और ग्राहकों का विश्वास बढ़ाने के लिए सियाम (SIAM) द्वारा आयोजित "ग्रीन प्लेट ईवी रैली" को हरी झंडी दिखाई.
भारत के प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली शीर्ष संस्था सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) ने प्रगति मैदान में 'ग्रीन प्लेट ईवी रैली' का आयोजन किया. भारी उद्योग मंत्रालय के साथ मिलकर आयोजित यह रैली पर्यावरण अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है और देश भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने के लिए सियाम की अटूट प्रतिबद्धता दिखाती है.
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय की उपस्थिति में "ग्रीन प्लेट ईवी रैली" को रस्मी तौर पर हरी झंडी दिखाई गई. रैली में 100 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों का एक प्रभावशाली बेड़ा दिखाया गया, जिसमें 2-पहिया, 3-पहिया, कार और बसें शामिल हैं. इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति जागरूकता और ग्राहकों के विश्वास को बढ़ाना तथा भारतीय मोटर वाहन उद्योग की क्षमताओं को दिखाना था, जिसने पिछले कुछ वर्षों में भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई इलेक्ट्रिक वाहनों को विकसित और लॉन्च किया है.
इस अवसर पर भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिज़वी; भारी उद्योग मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ हनीफ कुरैशी, सियाम के अध्यक्ष और वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनोद अग्रवाल; सियाम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ग्रुप के अध्यक्ष और ग्लोबल हेड - गवर्नमेंट एंड पब्लिक अफेयर्स, टाटा मोटर्स लिमिटेड के सुशांत नाइक; सियाम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी समूह सह-अध्यक्ष, और एमडी और सीईओ, महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी सुमन मिश्रा; सियाम इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ग्रुप के सह-अध्यक्ष और वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष विपिन सुराना तथा सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक राजेश मेनन भी उपस्थित थे.
सियाम ने चीन के हांग्जो में आयोजित 19वें एशियाई खेलों 2023 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय महिला कबड्डी टीम की उप-कप्तान प्रियंका पिलानिया को भी सम्मानित किया.
डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने इस अवसर पर कहा, "सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के लिए निरंतर समर्थन प्रदान किया है. हम गर्व से कह सकते हैं कि 9.4 लाख इलेक्ट्रिक वाहन अब भारत की सड़कों पर हैं. बैटरी विकास और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग का समर्थन करने में पीएलआई योजना के परिणाम दूसरों पर हमारी निर्भरता को कम कर रहे हैं और हमें आत्मनिर्भर बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में एक प्रमुख बैटरी मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बन जाएगा. हमें जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार भी मिले हैं और सरकार बिना बिलम्ब भारत को हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास कर रही है. मंत्री महोदय ने बताया, "इलेक्ट्रिक वाहन 2019-20 में 0.13 प्रतिशत से बढ़कर अब 4.3 प्रतिशत हो गए हैं और इस बदलाव का नेतृत्व करने में सियाम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. मैं टीम को बधाई देता हूं. हमें अपने स्थिरता उद्देश्यों को प्राप्त करने और हरित मोबिलिटी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.”
कामरान रिज़वी ने कहा, "एक कहावत है कि परिवर्तन ही निरंतर है. सकारात्मक परिवर्तनों ने हमारे जीवन को अधिक सुविधाजनक बना दिया है और इलेक्ट्रिक वाहन उनमें से एक हैं जो अब व्यापक रूप से स्वीकार किए जाते हैं. भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने इस सकारात्मक बदलाव का समर्थन और सुविधा प्रदान की है. ईवी विनिर्माण एक तकनीकी प्रयास है और मंत्रालय ने फेम और पीएलआई योजनाओं से उद्योग का समर्थन किया है.”
उन्होंने कहा कि इस वर्ष 12 लाख स्कूटर बेचे जाने की उम्मीद है, जिसका अर्थ यह है कि जनता सक्रिय रूप से ईवी को अपना रही है और हमारे पास आगे एक लंबा रास्ता है.
उन्होंने कहा कि हम 2030 तक 60-70 प्रतिशत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों और कुछ वर्षों में, 70-75 प्रतिशत इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों का अनुमान लगाते हैं. कारों के लिए हम एक लाख कारें बेचने और उस संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखते हैं. सियाम नेतृत्व ने सरकार के साथ मिलकर काम किया है और इसके फलस्वरूप हम स्थायी मोबिलिटी के लिए कई सफल प्रयास शुरू करने में सक्षम हैं.
सियाम के अध्यक्ष और वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ विनोद अग्रवाल ने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार द्वारा निर्धारित डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्थिरता की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है. देश ने सक्रिय कार्यों के समर्थन से तेजी से प्रगति की है. उन्होंने बताया कि ई-मोबिलिटी के लिए भारत का संक्रमण अच्छी तरह से चल रहा है और अर्थव्यवस्था के बढ़ने के साथ इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में भी वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि नीति और अवसंरचना के संदर्भ में मजबूत समर्थन की आवश्यकता है. हमारी (विद्युतीकरण) पहल के अंतर्गत सियाम पूरी मूल्य श्रृंखला में सभी हितधारकों के साथ निकट सहयोग करके उद्योग के मुद्दों का समाधान करने के लिए समर्पित है.
भारी उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी ने सियाम को बधाई देते हुए कहा, "यह रैली इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक शानदार पहल है, जो विद्युतीकरण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है. सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने का समर्थन किया है और उद्योग को अपनी भूमिका निभानी होगी तथा सरकार के साथ मिलकर प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में, यूरोप, अमेरिका और चीन में अधिक ईवी की बिक्री है और भारत को उनके बराबर आना होगा."
रैली में भाग लेने वाली कंपनियों को भी कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया गया, जिसमें ऑटोमोबाइल उद्योग के कई वरिष्ठ विशेषज्ञ और गणमान्य व्यक्ति उपस्थिति थे.
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) भारत में प्रमुख वाहन और वाहन इंजन निर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली एक शीर्ष राष्ट्रीय संस्था है. यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत पंजीकृत धर्मार्थ उद्देश्यों वाली एक सोसायटी है. इसके उद्देश्यों में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास में ऑटोमोबाइल उद्योग के योगदान को बढ़ाना, ऑटोमोबाइल उद्योग को अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करने में सहायता करना, सामान्य रूप से उद्योग की दक्षता को प्रोत्साहित करना, विशेष रूप से भारत में और ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण नियंत्रण और बड़े पैमाने पर ऑटोमोबाइल वाहन उपयोगकर्ताओं और जनता की सुरक्षा सहित पर्यावरण में सुधार और संरक्षण शामिल है. इन उद्देश्यों को स्वीकार करते हुए सियाम को आयकर अधिनियम 1961 के अंतर्गत एक धर्मार्थ उद्देश्य के साथ एक संस्थान के रूप में पंजीकरण प्रदान किया गया है.