स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत करेगा वैश्विक नेतृत्व : डब्ल्यूएचओ
नयी दिल्ली, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा है कि भारत इस दिशा में वैश्विक नेतृत्व करेगा और विश्व संस्था के रूप में डब्ल्यूएचओ प्राथमिकता के साथ इसमें सहयोग करेगा।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन की मौजूदगी में डब्ल्यूएचओ के भारत में प्रतिनिधि हेंक बेकडम ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में आपसी सहयोग की अगले पांच साल की कार्ययोजना पेश करते हुये कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को प्राप्त करने में भारत की अहम भूमिका है।
बेकडम ने कहा,
‘‘स्वास्थ्य के क्षेत्र में एसडीजी को हासिल करने के लिहाज से भारत की वैश्विक अहमियत है। चिकित्सा क्षेत्र में एसडीजी को प्राप्त करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका के मद्देनजर डब्ल्यूएचओ ने 2019 से 2023 तक की अवधि के लिये आपसी सहयोग की कार्ययोजना तय की है। इसके लागू होने से भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करेगा।’’
उन्होंने बताया कि भारत सरकार की स्वास्थ्य संबंधी महत्वाकांक्षी योजनाओं, आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन आरोग्य को सफलतापूर्वक लागू करने में डब्ल्यूएचओ निगरानी तंत्र विकसित करने में तकनीकी सहयोग करेगा। साथ ही तपेदिक, कालाजार और मलेरिया सहित अन्य रोगों पर रोकथाम के त्वरित उपाय भी किये जायेंगे जिससे भारत पोलियो उन्मूलन की तर्ज पर इन बीमारियों का भी उन्मूलन कर सके।
उल्लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ ने डिजिटल तकनीक क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय प्रगति के मद्देनजर स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने की पहल के तहत द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की है।
इस मौके पर डा. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में एसडीजी से भी आगे जाकर भारत इस दिशा में काम कर रहा है जिसमें ढांचागत सुविधाओं के अभाव में एक भी गर्भवती महिला, मां अथवा नवजात शिशु की मौत नहीं हो।
उन्होंने कहा कि भारत स्वास्थ्य सेवाओं का तेजी से विस्तार कर रहा है जिससे टीबी और मलेरिया जैसे रोगों से मानव संसाधन के हृास को न्यूनतम किया जा सके।