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मिलें कोच्चि की शीला के. से, जिन्होंने बैंक लोन और अपनी मेहनत के दम पर खड़ी कर ली 100 करोड़ की कंपनी

एक हाउस वाइफ से बिज़नस विमिन बनने तक का सफर कुछ इस तरह तय किया कोच्चि की शीला के. ने...

मिलें कोच्चि की शीला के. से, जिन्होंने बैंक लोन और अपनी मेहनत के दम पर खड़ी कर ली 100 करोड़ की कंपनी

Tuesday October 01, 2019 , 4 min Read

शीला के. कोच्चि के प्रमुख व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखती हैं, लेकिन उन्होंने अपने बिज़नेस वेंचर वी-स्टार क्रिएशन्स को शून्य से उठाकर सफलता के मुक़ाम पर पहुंचाया है। वी-स्टार क्रिएशन्स की फ़ाउंडर का इनरवियर मार्केट में अच्छा नाम है। शीला ने एक घरेलू महिला से व्यवसाई बनने के अपने सफ़र को योरस्टोरी के साथ कुछ इस तरह साझा किया।


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शीला के.

शीला के पति के. चिट्टिलपिल्ली वी-स्टार ग्रुप (वी गार्ड इलेक्ट्रॉनिक्स, वंडरला थीम पार्क्स आदि) के मालिक हैं। जब शीला ने उन्हें बताया कि वह अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहती हैं तो उनके पति ने उनके सामने दो शर्तें रखीं। पहली यह कि शीला को फ़ंड्स के लिए बैंक से लोन लेना होगा और उनकी ओर से शीला को सिर्फ़ एक ख़ाली ऑफ़िस मिलेगा और शीला को हर महीने किराया भी देना होगा।


इस तरह से 1995 में वी-स्टार क्रिएशन्स की शुरुआत हुई। शीला बताती हैं कि उनके परिवार के पास काफ़ी पैसा था और इसलिए जब उन्होंने अपने स्टार्टअप की बात सामने रखी तो लोगों को काफ़ी आश्चर्य हुआ।


उन्होंने बताया,


"मेरे पिता का टेक्स्टाइल और जूलरी का बिज़नेस था। फ़ैब्रिक के साथ मेरा काफ़ी समय गुज़रा था। हमारे घर में सिलाई मशीन थी और मैं छोटी ड्रेसेज़ बनाया करती थी।"


शीला ने 10 लोगों की टीम के साथ अपने सफ़र की शुरुआत की। उन्होंने सलवार कमीज़ जैसे भारतीय परिधानों के साथ वी-स्टार क्रिएशन्स शुरू किया। पांच सालों बाद एक कॉन्फ़्रेंस में शीला से पूछा गया कि वह इनरवियर सेगमेंट में काम क्यों नहीं करती क्योंकि केरल इनरवियर्स के लिए अच्छे ब्रैंड मौजूद नहीं थे। 


उन्होंने इस सवाल को एक चुनौती के रूप में लिया मुंबई से अच्छी क्वॉलिटी के ब्रा और पैंटी का स्टॉक ख़रीदा और उनकी सिलाई खोल दी ताकि वह शुरुआत से उन्हें बनाना सीख सकें।


वह बताती हैं,


"इस समय तक मेरे पास कोई पैटर्न मेकर नहीं था, जो सब्जेक्ट को समझ सके। मुझे यह ख़ुद ही सीखना था और दूसरों को सिखाना भी था। इस तरह से ही मैं लॉन्जरी बिज़नेस में आई।"


शुरुआत में, शीला को जो भी मुनाफ़ा होता था, वह उसे वापस बिज़नेस में ही लगा देती थीं। वह बताती हैं,


"केरल में काम करने अच्छा माहौल नहीं है। हम स्टिचिंग का काम कॉनवेंट्स की नन को देते थे। उनके पास पैसा था, जगह थी और वे ज़रूरतमंद परिवारों से आने वाली महिलाओं को आजीविका का साधन भी दे सकती थीं। इन महिलाओं ने इससे पहले तक कभी सिलाई मशीन नहीं देखी थी और इन्हें मूलभूत तरीक़े से सबकुछ सिखाया गया। आज हमारे पास 16 यूनिट्स हैं, जहां पर 1 हज़ार से ज़्यादा महिलाएं काम करती हैं।" 



एक विमिन ऑन्त्रप्रन्योर होने के नाते उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इस बारे में बात करते हुए शीला बताती हैं,


"बतौर महिला मुझे इस क्षेत्र में किसी भी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा। मुझे एक व्यवसाई के तौर पर अच्छे काम करने वाले लोगों को ढूंढने में काफ़ी मेहनत करनी पड़ी। "


वी-स्टार क्रिएशन्स महिलाओं के लिए लॉन्जरी, लेगिंग्स और रेडी-मेड ब्लाउज़ आदि बनाता है। इसके अलावा पुरुषों के लिए वेस्ट्स भी बनाता है। कंपनी केरल में अपने प्रोडक्ट्स बेचती है और कुछ खाड़ी देशों में निर्यात भी करती है। पिछले साल कंपनी ने 100 करोड़ रुपए रेवेन्यू का आंकड़ा छुआ है। 


शीला मानती हैं कि उनके पति ने उनके सामने जो शर्तें रखी थीं, उनकी बदौलत शीला ने अपने बिज़नेस में बहुत सोच-समझकर फ़ैसले लिए। वह बताती हैं कि उनके पति अपने बिज़नेस में अपने स्टाफ़ को बोनस देते थे और उन्होंने शीला से ऑपरेशन्स शुरू होने के पहले साल के भीतर ही अपने कर्मचारियों को बोनस देने की सलाह दी। शीला ने बताया कि कर्मचारियों को बोनस देने के लिए उन्हें एक और लोन लेना पड़ा।


शीला ने जानकारी दी कि रेडीमेड ब्लाउज़ उनका लेटेस्ट क्रिएशन है और यह मार्केट में उपलब्ध रेंज से बहुत अलग है। इन्हें तैयार करने में 95 प्रतिशत विस्कोज़ और 5 प्रतिशत लाइक्रा का इस्तेमाल किया गया है और इस वजह से पहनने के बाद ये आपको ठंडक भी देते हैं और साथ ही, स्ट्रेचबल होने की वजह से आरामदायक भी होते हैं।