कैसे 'सेवा' के कॉन्सेप्ट से भारतीय अमेरिकी डॉक्टर भव्या रेहानी को 110 देशों में Health4TheWorld शुरू करने की प्रेरणा मिली
भव्या रेहानी Health4TheWorld की को-फाउंडर और सीईओ हैं। Health4TheWorld कैलिफोर्निया स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है, जिसमें डॉक्टर, नर्स, चिकित्सक, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, मार्केटिंग पेशेवर आदि शामिल हैं। यह 110 देशों में चैप्टर्स के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल सहायता और जागरूकता प्रदान करता है।
जब भव्या रेहानी भारत में हाई स्कूल में पढ़ रही थीं, तब उनके दादा को दिल का दौरा पड़ा। वह एक ऐसे गांव में रहते थे जिसका सबसे नजदीकी शहर नई दिल्ली था जोकि गांव से काफी दूर था। जब उन्हें दौरा पड़ा तो उनके आधे शरीर ने काम करना बंद कर दिया और उनकी आवाज भी चली गई, ऐसी परिस्थिति में योग्य डॉक्टरों या फिजिकल थेरेपिस्ट तक बहुत कम पहुंच थी।
इस घटना ने और निस्वार्थ सेवा में उनके दादाजी के पूर्ण विश्वास ने उन्हें एक ऐसे बच्चे के रूप में तैयार किया जिससे उन्होंने आगे जाकर चिकित्सा शिक्षा को अपनाने का विकल्प चुना। उन्हें याद है कि कैसे उनके दादा गांव के लोगों की मदद के लिए अपनी बाइक से गांव-गांव जाते थे। इसके अलावा उनके माता-पिता भी दोनों डॉक्टर थे, जिसने उनके निर्णय को और भी दृढ़ कर दिया।
(वीडियो एडिटिंग: अंजलि अचल)
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाल में मेडिसिन की पढ़ाई करते हुए, भव्या ने रोटारैक्ट क्लब और अन्य के माध्यम से क्षेत्र के आस पास के गांवों में स्वेच्छा से काम किया। उन्हें याद है कि उन्होंने कई बार पोलियो वैक्सीन भी पिलाई। मणिपाल में, वह अपने पति अंकुर भारिजा से भी मिलीं, और दिल्ली लौटने पर, उन्होंने अपनी सेवा जारी रखी।
हेल्थकेयर फर्स्ट
हायर स्टडी के लिए कपल अमेरिका चला गया, पहले बोस्टन और बाद में छह साल पहले सिलिकॉन वैली गए। भव्या कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को के लिए एक संकाय (faculty) के रूप में काम करती हैं।
वह बताती हैं,
“सिलिकॉन वैली में रहते हुए, हमने महसूस किया कि स्वास्थ्य देखभाल के लिए तकनीक कितनी प्रभावी हो सकती है। इससे एक ही समय में बड़ी संख्या में लोगों को मदद मिल सकती है। मेरी एक इच्छा थी कि लोगों का एक गैर-लाभकारी व अच्छा तंत्र हो जो दुनिया भर में कम संसाधन वाले क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य सहायता, तकनीकी सहायता के साथ-साथ मानवीय उपाय प्रदान करे। इसी ने पांच साल पहले Health4TheWorld की स्थापना के लिए प्रेरित किया।”
Health4TheWorld एक गैर-लाभकारी संस्था है जिसके 110 देशों में चैप्टर्स हैं।
यह संस्था स्वयंसेवकों के एक विशाल नेटवर्क के साथ चलती है जिसमें डॉक्टर, चिकित्सक, ऐप डेवलपर्स और तकनीकी कर्मचारी, प्रसव में सहायता देने वाली दाई और अन्य शामिल हैं।
वह कहती हैं, "हमारे पास वे डॉक्टर हैं जो हम तक पहुंचते हैं और कहते हैं कि वे हमारे साथ काम करना चाहते हैं। युगांडा में, एक गैर-लाभकारी संस्था हमारे साथ साझेदारी करना चाहती थी, और ब्राजील में, हमारे पास एक डॉक्टर है जो स्वास्थ्य सेवा के बारे में बहुत जुनूनी है और वह अमेजॉन के जंगलों में गांवों की मदद करने के लिए हमारी सेवाओं का इस्तेमाल करता है। भारत में, हम रिलायंस फाउंडेशन जैसे अस्पतालों से जुड़े हैं और छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों के ग्रामीण इलाकों में काम करते हैं।"
Health4TheWorld का मिशन वंचित लोगों की सेवा करना है, खासतौर पर उन जगहों पर जहां स्वास्थ्य सेवा के बारे में ज्यादा जागरूकता नहीं है, या तकनीकि को पहुंचने में लंबा वक्त लगता है। भव्या इसे कई उदाहरणों के साथ समझाती हैं।
वह बताती हैं, "मैंने जहां भी यात्रा की, वहां उसी तरह का संघर्ष देखा कि जहां सबसे ज्यादा जरूरत होती है वहीं टेक्नोलॉजी नहीं पहुंच पाती है - चाहे वह थाईलैंड का रेड क्रॉस अस्पताल हो या भारत में एक स्वास्थ्य केंद्र में। लेकिन तब हमें एक चीज समझ आई कि परिवार में कम से कम एक व्यक्ति - आमतौर पर पोते के पास एक स्मार्टफोन तो होता है और यह इन समुदायों तक पहुंचने का एक शक्तिशाली तरीका था।"
Health4TheWorld ने स्ट्रोक ऐप डेवलप किया है जिसे ऐसे मरीज डाउनलोड कर सकते हैं जिनके पास दूर-दराज के इलाकों में डॉक्टर या थेरेपिस्ट तक पहुंच नहीं है। इसमें वह सब कुछ है जो उन्हें चाहिए - जैसे कि एनिमेटेड एक्सरसाइज से लेकर परिवार के साथ बातचीत करने के लिए एक स्पीच मशीन तक। ऐप स्ट्रोक रिहैबिलिटेशन के एक हिस्से के रूप में वर्चुअल रियलिटी और 360-डिग्री वीडियो का भी उपयोग करता है।
इस ऐप को केवल डाउनलोड करने की जरूरत है और उसके बाद ऐप को इंटरनेट के बिना भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसे भी अन्य स्थान हैं जहां स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता सर्वोपरि मानी जाती है। भव्या कहती हैं कि म्यांमार में कुछ जगहों पर, जहां लोगों की डॉक्टरों तक पहुंच थी, लेकिन वे विज्ञान या चिकित्सा में विश्वास नहीं करते थे और दवा से इनकार करते थे।
कोविड-19 और भारत में बढ़ते मामले
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के साथ, Health4TheWorld ने दुनिया भर में अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया है।
भारत के लिए इसने खासतौर पर तीन गुना फोकस किया है। भव्या बताती हैं, “पहला फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स की रक्षा करना है ताकि वे अपने रोगियों का प्रभावी ढंग से इलाज कर सकें। हम भारत सहित दुनिया भर में 3डी प्रिंटर पीपीई किट दान कर रहे हैं। दूसरा टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाना और तीसरा सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के महत्व को दोहराना है जिसमें हर समय मास्क लगाना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और खुद की, परिवार व दोस्तों की सुरक्षा के लिए स्वच्छता को अपनाना शामिल है।”
वह यह भी मानती हैं कि इस कठिन समय के दौरान कोविड शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। वह कहती हैं, “हमने एम्स के एक डॉक्टर को आमंत्रित किया, जो भारत में हमारे प्रयासों का नेतृत्व कर रहे हैं और रोगियों का इलाज करने वाले हमारे स्वास्थ्य कर्मियों को शिक्षित करने में मदद कर रहे हैं। हम अधिक लोगों तक पहुंचने और जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न भाषाओं में सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील मटेरियल बनाने के अलावा दवा, इमेजिंग में भी मदद करते हैं।”
इसकी अन्य पहलों में स्थानीय गैर-लाभकारी संस्थाओं के सहयोग से एक COVID होम केयर किट बनाना और उसका प्रसार करना शामिल है। इस किट में पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर, मास्क, आवश्यक दवाएं आदि शामिल हैं। यह भारत में ऑक्सीजन वितरण और टेलीमेडिसिन का भी समर्थन करेगा।
Health4TheWorld के सभी प्रोजेक्ट्स पूरी तरह से स्वयंसेवकों द्वारा संचालित हैं जो व्यक्तियों और फाउंडेशनों से जुटाए गए फंड और डोनेशन से चलते हैं।
वह बताती हैं, "हर दिन, मैं अपने साथ काम करने वाले सही लोगों को पाकर धन्य महसूस करती हूं। ये लोग कुछ अच्छा करना चाहते हैं। पूरी दुनिया में लोग अपने समय के अनुसार छोटा-मोटा काम स्वेच्छा से करते हैं और यही काफी है। यह एक सामूहिक प्रयास है जिसके दूरगामी परिणाम हैं।”
भव्या का कहना है कि यह मानवतावाद है जो सबसे कठिन परिस्थितियों में भी जीतता है।
वह कहती हैं, "मेरा मानना है कि हमारे जीवन का उद्देश्य सेवा है, निस्वार्थ सेवा के साथ उन लोगों की मदद करना है जो खराब स्वास्थ्य से गुजर रहे हैं और अपने जीवन में सबसे कमजोर मुकाम पर खड़े हैं। मिशन एक व्यक्ति से बड़ा है।"
Edited by रविकांत पारीक