अपनी पैठ बढ़ाने के लिए MNC's का नया पैंतरा; लीज पर दे रहीं EVs, नैनीज का उठा रहीं खर्च
यह देखते हुए कि सिर्फ वेतन वृद्धि अब काफी नहीं है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी नियुक्ति नीतियों को मजबूत करने के लिए भारत में हायरिंग और पायलटिंग बेनिफिट प्रोग्राम्स पर दुनियाभर में अपनाई गई सफल कहानियों से सबक ले रही हैं.
भारतीय कंपनियों और स्टार्टअप्स के साथ तेजी से बढ़ रही प्रतिद्वंदिता और योग्य कर्मचारियों की सीमित संख्या के बीच बहुराष्ट्रीय कंपनियां (MNCs) उन्हें लुभाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं. इसके तहत वे उन्हें लीज पर इलेक्ट्रिक कार मुहैया कराने, छोटी उपलब्धियों पर पुरस्कृत करने और बच्चों की देखभाल करने वाले नैनीज को सैलरी देने जैसे कदम उठा रही हैं.
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, यह देखते हुए कि सिर्फ वेतन वृद्धि अब काफी नहीं है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपनी नियुक्ति नीतियों को मजबूत करने के लिए भारत में हायरिंग और पायलटिंग बेनिफिट प्रोग्राम्स पर दुनियाभर में अपनाई गई सफल कहानियों से सबक ले रही हैं.
उदाहरण के लिए भारत में 40,000 कर्मचारियों की संख्या वाला HSBC का 6 साल से कम उम्र के बच्चों की मांओं या एकल माता या पिता की सहायता के लिए नैनीज को सैलरी देने के लिए 10,000-15,000 एक अलग पैकेज है. कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में शुरू की गई यह योजना अब अन्य मार्केट्स में भी कर्मचारियों को दी जा रही है.
वहीं, युवाओं को आकर्षित करने के लिए HSBC इलेक्ट्रिक वाहन नीति पर भी काम कर रही है. हाल ही में HSBC ब्रिटेन ने अपने 35,000 कर्मचारियों को ईवी लीज दी है. ईवी में टेस्ला की कार भी शामिल है और उन्हें चार साल की लीज पर दिया गया है. वहीं, लीज की अवधि समाप्त होने पर कर्मचारी अपनी कार के मालिक बन जाएंगे. दरअसल, ईवी पर कम टैक्स लगता है और वे युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं.
वहीं, उनकी तुलना में भारतीय कंपनियां ऐसी सुविधाएं देने में सक्षम नहीं हैं. बल्कि वे आने वाली आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए ऑफसाइट मीटिंग्स, यात्राओं और बड़े मार्केटिंग पहल करने में संकोच कर रही है.
क्रिसिल (CRISIl) के अध्यक्ष और मुख्य एचआर अधिकारी अनुपम कौर कहते हैं कि अप्रैल, 2021 से योग्य कर्मचारियों को नियुक्त करने या उन्हें कहीं और जाने से रोकने के लिए हमने 2021 की दूसरी छमाही से स्पॉट अवॉर्ड्स (नकद भुगतान) की शुरुआत की.
इसके साथ कामकाजी महिलाओं को आकर्षित करने और कार्यरत कर्मचारियों को रोकने के लिए अमेजन नैनीज की सैलरी का खर्च उठा रही है.