अर्थव्यवस्था के तेजी से पटरी पर आने के संकेत, दूसरी तिमाही में संकुचन 7.5 प्रतिशत तक हुआ सीमित
वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
भारत की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में उम्मीद से बेहतर रहा है। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में तेजी से जीडीपी(सकल घरेलू उत्पाद) में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि इससे बड़े संकुचन का अनुमान लगाया जा रहा था।
आने वाले समय में बेहतर उपभोक्ता मांग से इसमें और सुधार की उम्मीद जतायी जा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
कोरोना वायरस महामारी फैलने से रोकने के लिए लागू सख्त सार्वजनिक पाबंदियों के बीच चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आयी थी।
कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन’ लगाया जाना था जिससे आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप हो गयी थी। जून से ‘लॉकडाउन’ से छूट दिये जाने के बाद से अर्थव्यवस्था में तेजी देखी जा रही है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार जुलाई-सितंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि इससे पूर्व तिमाही में इसमें 39 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। कृषि क्षेत्र का पदर्शन बेहतर बना हुआ है और इसमें दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
वहीं व्यापार और सेवा क्षेत्र में 15.6 प्रतिशत की गिरावट आयी जो अनुमानों की तुलना में कम है। सार्वजनिक व्यय में इस दौरान 12 प्रतिशत की कमी आयी।
उल्लेखनीय है कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.9 प्रतिशत रही। वहीं अप्रैल-जून तिमाही में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
हालांकि जुलाई-सितंबर तिमाही में गिरावट के साथ भारत तकनीकी रूप से मंदी में आ गया है लेकिन अनुमान के विपरीत बेहतर सुधार से चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले अर्थव्यवस्था के बेहतर स्थिति में आने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ‘लॉकडाउन’ के बाद से पुनरूद्धार उम्मीद के विपरीत तेज है और चौथी तिमाही में वृद्धि दर सकारात्मक रह सकती है।
अर्थव्यवस्था में सुधार की खबर आरबीआई की अगले सप्ताह पेश होने वाली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले आयी है। साथ ही दैनिक आधार पर देश में संक्रमण के मामले में भी कम हो रहे हैं सितंबर के मध्य में 97,000 प्रतिदिन संक्रमण के मामलों के मुकाबले यह संख्या लगभग आधी रह गयी है।