तेजी से स्मार्ट हो रहे हैं भारत के किसान, टेक्नोलॉजी की मदद से बचा रहे पैसा और बढ़ा रहे कमाई
भारत के किसान अब हल-बैल वाले नहीं रहे, बल्कि तेजी से स्मार्ट हो रहे हैं. ऐप से लेकर ड्रोन तक इस्तेमाल कर रहे हैं. एग्रिटेक स्टार्टअप्स से बदल रही किसानों की तकदीर.
पिछले कुछ सालों में खेती में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है. अच्छी बात तो ये है कि अब नई जनरेशन के लोग खेती में तकनीक का भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. स्मार्ट फार्मिंग तेजी से बढ़ रही है. अगर आईटी सेक्टर की संस्था नैस्कॉम के आंकड़ों की मानें तो 2019 तक देश में करीब 450 ऐसे स्टार्टअप थे, जो कृषि आधारित टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर रहे थे. अनुमान है कि इनकी संख्या में सालाना करीब 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उम्मीद है कि इस साल के अंत तक ऐसे स्टार्टअप्स की संख्या 700 से भी अधिक हो जाएगी.
सरकार की तरफ से कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं और साथ ही तकनीक के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इससे आने वाले सालों में ना सिर्फ कृषि उत्पादन बढ़ने का अनुमान है, बल्कि इससे किसानों की आय भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. स्मार्ट फार्मिंग में सेंसर और ऑटोमेटेड सिंचाई से जुड़े ऐप्स का इस्तेमाल भी खूब हो रहा है. इनसे खेत का तापमान और मिट्टी में नमी की निगरानी करने में भी मदद मिल रही है. अब तकनीक की मदद से किसान अपने खेतों से दूर रहते हुए भी अपनी फसल की निगरानी कर पा रहे हैं.
खेती के लिए हो रहा ड्रोन का इस्तेमाल
आज के वक्त में तकनीक की मदद से किसानों का खर्च कम हो रहा है, जिससे उनका मुनाफा बढ़ रहा है. अब किसान खेती के लिए ड्रोन से लेकर नई-नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. तकनीक के चलते किसानों का बहुत सारा वक्त भी बच रहा है और उनकी प्रोडक्टिविटी भी बढ़ रही है. कृषि आधारित स्टार्टअप किसानों की खूब मदद कर रहे हैं, क्योंकि ये किसानों को उनके खर्च और वक्त बचाने के तकनीकी तरीके बताते हैं. इस तरह किसानों का पैसा बच रहा है, इसलिए वह भी एग्रिकल्चर से जुड़ी तकनीकों को जानना चाह रहे हैं. वहीं तमाम वेबसाइट और यूट्यूब के जरिए खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले नए-नए तरीकों को जानकर किसानों की नई जनरेशन तकनीक का तेजी से इस्तेमाल कर रही है.
आईसीएआर ने बनाए किसानों से जुड़े 187 ऐप
ईवाई की एक रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक देश में एग्रीटेक का बिजनेस करीब 2 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा. इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चर रिसर्च यानी आईसीएआर ने 2014 से लेकर 2021 के बीच में किसानों को मोबाइल के जरिए करीब 91 करोड़ सलाह दी हैं. इतना ही नहीं, आईसीएआर ने खेती और किसानों से जुड़े करीब 187 ऐप भी बनाए हैं, जिनसे किसानों को मदद मिलती है. बता दें कि भारत की जीडीपी में करीब 15 फीसदी योगदान एग्रिकल्चर से आता है.