शहीदों की विधवाओं के लिए इंडियन नेवी ने बनाया 'सहारा हॉस्टल'
सेना के बहादुर सिपाही देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं। हम सभी उनकी शहादत को सलाम जरूर करते हैं, लेकिन उनके परिजनों पर क्या बीतती है इसका अंदाजा किसी को नहीं होता है। इंडियन नेवी ने नौसेना के शहीद जवानों की विधवाओं के लिए एक हॉस्टल की शुरुआत की है। पति के शहीद होने के बाद उन्हें यहां रहने की पूरी व्यवस्था होगी और उनकी हर तरह से देखभाल की जाएगी।
दिल्ली के उपराज्यपाल श्री अनिल बैजल ने बीते शुक्रवार को नई दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित 'वीर नारियों' के लिए सहारा नौसेना हॉस्टल का उद्घाटन किया। भारतीय नौसेना द्वारा नौसेना की वीर नारियों ’के लिए यह विशेष परियोजना शुरू की गई है। इस परियोजना का निर्माण नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) के साथ कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) की साझेदारी में किया गया है।
यह हॉस्टल नौसेना की वीर नारियों के पुनर्वास की दिशा में लंबे समय से अनुभव की जा रही जरूरत का समाधान करेगा और वीर नारियों को एक संरक्षित और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करायेगा, जिससे उनके जीवन को नये सिरे से शुरू करने में मदद मिलेगी। सहारा हॉस्टल में गरिमापूर्ण जीवन के लिए सभी आवश्यक सुविधाओं से सुसज्जित कमरों के सैट बनाए गये हैं। इसके साथ-साथ कॉमन डाइनिंग हॉल और एक सामुदायिक हॉल का भी निर्माण किया गया है।
सहारा हॉस्टल के रहने वाली नारियों के लिए मौके पर ही सहज सहायता उपलब्ध कराने के लिए नौसेना की रेजिमेंटल प्रणाली का कार्यालय भी यहां स्थापित किया गया है। वीर नारियां यहां पर एक साल तक रह सकती हैं। इस अवसर नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पीवीएसएम, एवीएसएम, एडीसी और नेवल वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (एनडब्ल्यूडब्ल्यूए) की अध्यक्षा श्रीमती रीना लांबा, नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
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