भारतीय मूल की जीनियस सुंदरी भाषा मुखर्जी ने जीता मिस इंग्लैंड का खिताब
"नौ साल की उम्र में ही अपने माता-पिता के साथ डरबी (लंदन) में जा बसीं भारतीय मूल की जीनियस सुंदरी डॉ भाषा मुखर्जी ने 'मिस इंग्लैंड-2019' का खिताब जीता है। अब दिसंबर में 69वीं मिस वर्ल्ड सौंदर्य प्रतियोगिता में वह इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करेंगी। आइंस्टीन का आईक्यू लेवल 160 था तो भाषा का आईक्यू लेवल 146 है।"
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की मेजबानी इस बार लंदन कर रहा है। भारत के लिए इससे बड़ी सूचना ये है कि जूनियर डॉक्टर के तौर पर अपना मेडिकल करियर शुरू करने वाली भारतीय मूल की जीनियस सुंदरी डॉ भाषा मुखर्जी 'मिस इंग्लैंड-2019' का खिताब जीतने के बाद अब आगामी दिसंबर में आयोजित होने वाली 69वीं मिस वर्ल्ड सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लेंगी। भाषा नॉटिंघम विश्वविद्यालय से मेडिसिन और सर्जरी में स्नातक हैं। इसके अलावा वह पांच भाषाएं बोल सकती हैं।
मुखर्जी अंग्रेजी और हिंदी के साथ बांग्ला, जर्मन और फ्रेंच भाषा बोल सकती हैं। वह साल 2013 से एक जेनरेशन ब्रिज प्रोजेक्ट के नाम से चैरिटी भी कर रही हैं। यह प्रोजेक्ट डरबी में फन डेज और टैलेंट शो का आयोजन कराने में सहायता करता है। मशहूर वैज्ञानिक आइंस्टीन का आईक्यू लेवल 160 था। भाषा का आईक्यू भी 146 है, जो अच्छी बुद्धिमत्ता को प्रदर्शित करता है। इस समय तेईस वर्षीय भाषा नौ साल की उम्र में ही अपने माता-पिता के साथ भारत से लंदन चली गई थीं।
इंग्लैंड के पूर्व-मध्य क्षेत्र में स्थित डरबी में जा बसीं भाषा ने उत्तर-पूर्वी इंग्लैंड में न्यूकासल अपॉन टाइन में मिस इंग्लैंड का खिताब जीतने के कुछ घंटे बाद ही लिंकनशायर, बॉस्टन के पिलग्रिम अस्पताल में अपनी नई नौकरी भी ज्वॉइन कर ली। भाषा बहुत मेहनती हैं और कई संस्कृतियों के घर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने के लिए न्यूकासल अपॉन टाइन में मिस का खिताब जीतने वाली आदर्श उम्मीदवार रही हैं।
मिस इंग्लैंड प्रतियोगिता के निदेशक एंजी बीजली कहते हैं कि भाषा को सेलेब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट जॉगी कांग ने प्रायोजित किया था और प्रतियोगिता के समय उन्होंने डिजाइनर पुनीत ब्रांडाओ का तैयार किया हुआ रोजगोल्ड रंग का गाउन पहना था। टैलेंट राउंड के दौरान उन्होंने भारतीय शैली में नृत्य प्रस्तुत किया। इस प्रतियोगिता में मिस इंग्लैंड का खिताब जीतने पर भाषा को 30 हजार ब्रिटिश पाउंड यानी लगभग 25 लाख रुपये कीमत के उपहार मिले हैं। इसके साथ ही, विजेता के रूप में उनकी मॉरिशस की एक लग्जरी यात्रा भी शामिल है।
डॉ भाषा मुखर्जी बताती हैं कि इस साल अपना मेडिकल फाइनल पूरा करने के बीच ही उनके लिए मिस इंग्लैंड प्रतियोगिता की तैयारी के साथ संतुलन बनाना बहुत कठिन रहा। प्रतियोगिता जीत लेने के बाद अब वह दक्षिण-एशियाई समुदाय, अल्पसंख्यक समुदाय और डरबी का प्रतिनिधित्व कर स्वयं को बहुत गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। इस दौड़ में दर्जनों मॉडल थीं, लेकिन आखिरकार ताज उनके सिर पर सजा। उनके पास मेडिकल की दो अलग-अलग डिग्रियां हैं। उन्होंने नॉटिंघम विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की। मेडिकल साइंस और मेडिसिन व सर्जरी दोनों विषयों पर उनके पास स्नातक की डिग्री है। अब वह मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करेंगी।
भाषा कहती हैं कि कई लोग सोचते हैं, सौंदर्य प्रतियोगिताएं जीतने वाली लड़कियां बुद्धू होती हैं लेकिन हम सब किसी न किसी मकसद से ही यहां हैं। मेडिकल की पढ़ाई के बीच उन्होंने इस तरह की प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से पहले काफी सोच-विचार किया था। इसके लिए उन्हे खुद को बहुत समझाना पड़ा था। अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए वह कहती हैं कि कुछ नया सीखने के लिए वह हमेशा उत्साहित रहती रही हैं। इसलिए स्कूली जीवन में वह अपने शिक्षकों की भी चहेती रही हैं। क्लास में सबसे होशियार होने के लिए उन्हें आइंस्टीन अवार्ड भी मिला था। वर्ष 2017 में उन्होंने जो अपना 'जेनेरेशन ब्रिज' प्रोजेक्ट शुरू किया था, वह अकेलेपन से जूझ रहे बुजुर्गो की मदद करता है।