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भारत में SKO फुटवियर शुरू करने के लिए छोड़ दी थी लंदन की नौकरी, 1 साल में हासिल किया 1.5 करोड़ रुपये का रिवेन्यू

भारत में SKO फुटवियर शुरू करने के लिए छोड़ दी थी लंदन की नौकरी, 1 साल में हासिल किया 1.5 करोड़ रुपये का रिवेन्यू

Friday August 02, 2019 , 5 min Read

कहते हैं कि घर वही होता है जहां आपका दिल लगता है। इस बात को एसकेओ फुटवियर के संस्थापक निशांत कनोडिया से अच्छा भला और कौन जानता होगा जो 13 साल तक निवेश बैंकर के रूप में विदेश में काम करते रहे और उन्हें वो काम छोड़कर वापस अपने घर यानी भारत आना पड़ा। निशांत लंदन में रहते थे, लेकिन उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने और अपनी जड़ों में वापस जाने का फैसला किया। वह भारत वापस आना चाहते थे और उद्यमी बनना चाहते थे। दरअसल उनका परिवार 30 वर्षों से एक फुटवियर बिजनेस चला रहा था। इसलिए ये स्वभाविक था कि निशांत भी वह इस सेक्टर में जाएं। 


उनका बिजनेस घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडों के लिए फुटवियर का मैन्युफैक्चरिंग का काम कर रहा था, लेकिन भारतीय सेक्टर पूरी तरह से बिखरा हुआ था। रिसर्च एंड मार्केट्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 75 प्रतिशत के करीब फुटवियर का प्रोडक्शन असंगठित लोगों द्वारा किया जाता है।


इन लोगों से लड़ना और नए फुटवियर लेबल के साथ बाजार में प्रवेश करना चुनौतीपूर्ण था। निशांत ने योरस्टोरी को बताया, "मैंने लंदन के काररेडकर (CarreDucker) में एक फुटवियर हैंडक्राफ्टिंग कोर्स करने का फैसला किया। वहां जॉन लॉब और सैविले रो में उपलब्ध कस्टमाइज शूज के एक बड़े हिस्से का श्रेय काररेडकर को जाता है।"



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SKO फुटवियर के संस्थापक निशांत कनोडिया



38 वर्षीय निशांत ने महसूस किया कि भारत में होमग्रोन बुटीक फुटवियर स्पेस में गैप था। वह कहते हैं, “भारत में फुटवियर की बात करें तो वहां अच्छे फुटवियर की कमी थी। मैं एक ऐसे फुटवियर ब्रांड को शुरू करना चाहता था जिसमें वॉल्यूम की बजाय टिकाऊपन, आराम और डिजाइन के लिए प्रीमियम क्वालिटी के कच्चे माल का इस्तेमाल किया गया हो। '


2018 में, निशांत ने खुद पर विश्वास किया और एसकेओ शुरू करने के लिए अपनी खुद की पूंजी निवेश कर दी। एसकेओ एक स्कैंडिनेवियाई डिजाइन वाला लक्जरी फुटवियर ब्रांड है। निशांत कहते हैं, "एसकेओ का मतलब डेनिश में 'जूते' होता है और इसकी खूबसूरती नॉर्डिक डिजाइन से प्रेरित है।" 


बिजनेस सेटअप

एसकेओ पुरुषों के लिए स्नीकर्स, एस्पैड्रिल, सैंडल और लोफर्स बनाता है, और महिलाओं के लिए फ्लैट और हाई-हील्स के जूते और सैंडल बनाता है। एसकेओ के पुरुषों के जूते की कीमत वेबसाइट पर औसतन लगभग 4,500 रुपये है, लेकिन कुछ मॉडल Myntra, Flipkart और Amazon पर छूट के साथ उपलब्ध हैं। इसके पुरुषों के सैंडल और लोफर्स और महिलाओं के हाई-हील्स जूते और फ्लैट भी वेबसाइट या ई-कॉमर्स ऐप और साइटों पर खरीदे जा सकते हैं।


ये सभी फुटवियर प्रोडक्ट यूरोपीय डिजाइनरों के सहयोग से मुंबई में एसकेओ के स्टूडियो में डिजाइन किए जाते हैं। इसके बाद प्रोडक्ट्स को देहरादून में एक लार्ज-स्केल युनिट में मैन्युफैक्चर किया जाता है, और इस पूरे ऑपरेशन में 150 लोग लगते हैं। निशांत कहते हैं, ''मैंने अपनी खुद की पूंजी से ब्रांड की शुरुआत की, और इस स्तर पर व्यवसाय में लगभग 1 करोड़ रुपये का निवेश किया है।"


एसकेओ 21 से 40 साल के लोगों की डिमांड को पूरा करता है। निशांत का कहना है कि ब्रांड मुख्य रूप से मेट्रो शहरों को टारगेट कर रहा है क्योंकि इसके ऑडियंस वे हैं जो "फैशन के प्रति जागरूक और अच्छी तरह से फैशन को समझते हैं"


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ब्रांड स्ट्रेटजी

फुटवियर ब्रांड का उद्देश्य ऑनलाइन चैनलों के साथ-साथ अपनी वेबसाइट और ई-मार्केटप्लेस के माध्यम से ऑनलाइन मार्केट में अपनी पकड़ बनाना है। स्कैंडिनेवियाई से प्रेरित डिजाइन और प्रीमियम पोजीशनिंग ने एसकेओ के लिए अच्छी तरह से काम किया है, जिससे ये ब्रांड लॉन्च के एक साल बाद ही 1.5 करोड़ रुपये का राजस्व कमाने में सफल रहा। वे कहते हैं, “यूरोपीय डिजाइनर हमें हर प्रोडक्ट्स के अनुसार हाई-क्वालिटी वाले वास्तविक चमड़े और कपड़ों के साथ समकालीन डिजाइन बनाने में मदद करते हैं। यह खूबसूरत डिजाइन आधुनिक समय के उपभोक्ताओं से आकर्षित करती है क्योंकि वे खूब ट्रैवल करते हैं और इसके बारे में अच्छे से जानते हैं।” 


एसकेओ अपने जूते में शाकाहारी चमड़े का उपयोग करता है। निशांत दावा करते हैं कि ब्रांड ने अजा फैशन, निकोबार, रीगल शूज, अल्मारी, क्यूरेटो और इवोलुजियोन के साथ कोलाब्रेशन किया है। निशांत कहते हैं, “हमारा उद्देश्य हमेशा से भारतीय उपभोक्ता की फुटवियर की जरूरतों को पूरा करने के लिए वन-स्टॉप शॉप होना है। हमने पुरुषों की सैंडल के साथ शुरुआत की और तब से हम पुरुषों की कैटेगरी में लगातार प्रोडक्ट्स जोड़ रहे हैं।" 


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SKO शू

भविष्य की योजनाएं

एसकेओ की विभिन्न ब्रांडों से कंपटीशन है, जिनमें मेट्रो शूज से लेकर Myntra पर बेचे जा रहे फुटवियर लेबल शामिल हैं। लेकिन निशांत को लगता है कि एसकेओ की खास डिजाइन उन्हें इस असंगठित बाजार में दूसरों से बेहतर बनाती है। हालांकि इस भरे हुए बाजार में अपने ब्रांड की विजिबिलिटी और रिकग्निशन हासिल करना आसान नहीं है - इस बात को निशांत भी मानते हैं और इस पर काम कर रहे हैं। 


वे बताते हैं, “एसकेओ सही ब्रांड प्रतिध्वनि प्राप्त करने के लिए अपनी तरह से काम कर रहा है और सही दुकानों के लिए हमारे ऑफलाइन आउटरीच इसे बनाने में मदद कर रहे हैं।” निशांत अब ब्रांड को निखारने के साथ-साथ डिजाइनरों को एक नई प्रोडक्ट लाइन देने में मदद करने के लिए अधिक समान दिमाग वाले डिजाइनरों के साथ सहयोग करने की योजना बना रहे हैं। एसकेओ जरूरी ग्रोथ को टारगेट कर रहा है और इस तरह से भविष्य में कुछ फंड भी जुटाना चाह रहा है। निशांत कहते हैं, 'फंडिंग हमेशा अनुशासन पाने और विकास प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है, इसलिए हम भविष्य में फंडिंग की योजना बनाते हैं।'