अगले साल Audi की बैटरी लगे ई-रिक्शा चल सकते हैं बंगलुरु की सड़कों पर, जनहित में काम करने वाले स्टार्टअप Nunam का है प्रोजेक्ट
इंडो-जर्मन स्टार्ट-अप Nunam (नूनाम) ने लग्जरी कार कम्पनी ऑडी (Audi) की इलेक्ट्रिकल कार में इस्तेमाल होने वाली बैटरी को ई-रिक्शा में लगाकर भारत में तीन इलेक्ट्रिक रिक्शा को अगले साल तक लॉंच करने वाली है. यह स्टार्ट-अप अपने इस प्रोजेक्ट के ज़रिये यह जानना चाहता है कि हाई-वोल्टेज वाली इन बैटरियों को री-यूज करने पर क्या परिणाम सामने आते हैं. साथ ही इस प्रोजेक्ट का मकसद इन पुरानी बैटरियों को सेकिंड लाइफ़ देना है ताकि संसाधनों को री-यूज करके उनकी उम्र बढाई जा सके.
नूनाम (Nunam) बर्लिन, जर्मनी और भारत के बेंगलुरु से काम करने वाला एक ग़ैर-लाभकारी स्टार्ट-अप है जिसकी फंडिंग ऑडी के एनवायरमेंट फाउंडेशन द्वारा की जाती है. इसीलिए यह इनका साझा प्रोजेक्ट है.
कब तक शुरू होगा?
ऑडी की बैटरी वाले ई-रिक्शा को 2023 के शुरूआती महीने में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत वितरण किया जायेगा.
इस वितरण के तहत ये ई-रिक्शा लोगों तक नॉन-प्रॉफिट ओर्ग्नायिजेशन (NGO) के जरिये पहुंचाए जायेंगे. इस योजना में महिलाओं को प्रमुखता देते हुए इन इलेक्ट्रिक रिक्शा को विशेष रूप से महिलाओं को ही दिया जाएगा.
क्यों किया जा रहा है यह प्रोजेक्ट?
इलेक्ट्रिकल वाहनों का मार्केट बढ़ रहा है और पर्यावरण विशेषज्ञों की चिंता इसकी बैटरी को लेकर बढ़ रही है. क्योंकि ज्यादातर गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली बैटरी लिथियम-आयोन (Lithium-Ion) की होती है जो आसानी से डिस्पोज नहीं होतीं. लिथियम-आयोन पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक होते हैं और इनके एक्स्प्लोड होने का भी खतरा होता है. नुनाम का यह प्रोजक्ट बैटरी-डीस्पोजल की समस्या को हल करने की दिशा में है. इस प्रोजेक्ट से बैटरी को सेकेंड-लाईफ देने की कोशिश की जा रही है जो सफल हो जाने पर इस समस्या को काफी हद तक कम कर सकता है.
क्या होगी खासियत
ऑडी की बैटरी के उपयोग से इन ई-रिक्शा को काफी पावर मिल सकती है. रिक्शा के हल्के वजन और हाई-एनर्जी-डेंसिटी वाली ऑडी बैटरी के कारण इलेक्ट्रिक मोटर पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता है जिसकी वजह से ई-रिक्शा को लम्बी रेंज मिलेगी. इसके अलावा इसे सोलर एनर्जी से चार्ज किया जा सकेगा और ऐसा अनुमान है कि सिंगल चार्ज में ई-रिक्शा को लम्बी दुरी तक चलाया जा सकेगा.
इस प्रोजेक्ट की परफ़ॉर्र्मेंस को देखकर इससे जुड़े डाटा को नूनाम सार्वजनिक करेगा ताकि दूसरे संगठन और शहर भी सर्कुलर बैटरी को अपने यहाँ प्रैक्टिस कर सकें.
यह अपनी तरह का पहला इनिशियेटिव नहीं है. जापानी कार कंपनी निसान [Nissan] अपने लीफ ई वी [Leaf e v] मॉडल की बैटरी को खुद से चलने वाली उन गाडियों में लगाती है जो उनकी फैक्टरियों में गाड़ियों के पार्ट्स को डिलिवर करने के लिए इस्तेमाल की जाती है.
भारत के संदर्भ में यह प्रोजेक्ट काफी कारगर सिद्ध हो सकता है क्योंकि यहाँ थ्री-व्हीलर्स का काफी बड़ा मार्केट है और काफी बड़े लेवल पर यूज होने की वजह से पर्यावरण में बढ़ रहे धुएं के प्रदुषण को कम सकता है.