जरूरतमंद लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है ‘दानपात्र’, लाखों लोगों को मिल रहा है लाभ

साल 2018 में शुरू हुए इस एनजीओ के साथ आज 7 हज़ार से अधिक वॉलंटियर्स जुड़े हुए हैं, ये सभी वॉलंटियर्स लोगों के घरों में दान लेने जाते हैं और फिर उन सभी सामान को आगे इस्तेमाल करने योग्य बनाने के लिए रिसाइकल भी करते हैं।

जरूरतमंद लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर रहा है ‘दानपात्र’, लाखों लोगों को मिल रहा है लाभ

Monday February 28, 2022,

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अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को मदद मुहैया कराने के उद्देश्य से इंदौर में भाई-बहन की एक जोड़ी बड़ी ही सराहानीय पहल संचालित कर रही है। इस जोड़ी ने एक खास ऐप तैयार की है, जिसके जरिये स्थानीय लोग अपने पुराने कपड़े, खिलौने, किताबें और अन्य सामान को दान करने के लिए एनजीओ से संपर्क कर सकते हैं।

साल 2018 में शुरू हुए इस एनजीओ के साथ आज 7 हज़ार से अधिक वॉलंटियर्स जुड़े हुए हैं, ये सभी वॉलंटियर्स लोगों के घरों में दान लेने जाते हैं और फिर उन सभी सामान को आगे इस्तेमाल करने योग्य बनाने के लिए रिसाइकल भी करते हैं।

यश गुप्ता और आकांक्षा गुप्ता द्वारा शुरू किए गए दानपात्र एनजीओ के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोग बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोगों की मदद करने को सक्षम हुए हैं।

DAANPATRA

11 लाख लोगों को मिला फायदा

एनजीओ की इस पहल के साथ बीते 4 सालों में करीब 11 लाख से अधिक लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है। एनजीओ कैसे काम करता है इस बारे में बात करते हुए यश ने बताया है कि सबसे पहले उन्हें लोगों के घर से दान इकट्ठा करने का अनुरोध मिलता है, जिसके बाद वॉलंटियर्स की टीम वहाँ पर जाती है।

दान मिले हुए सभी समान को एनजीओ की सुविधा में लाया जाता है और वहाँ पर उस समान से बेकार और अनुपयोगी सामान को अलग कर बाकी सामान को वर्गीकृत करने का काम किया जाता है। इसके बाद समान को रिसाइकल करने के बाद उसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है।

ऐसे हुई थी शुरुआत

आकांक्षा के अनुसार कुछ साल पहले वे अपने एक दोस्त की शादी में गई थी, जहां उन्होंने देखा कि आयोजन के दौरान बहुत सारा खाना बर्बाद हो गया था। बतौर एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर आकांक्षा के लिए इस तरह कि बर्बादी को रोकने के लिए एक मोबाइल एप्लिकेशन को डिजाइन करना आसान था।

संस्थापकों के अनुसार, दानपात्र एक फ्री एप्लिकेशन है, जो विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर जरूरतमंद लोगों की मदद करने की अनुमति देता है।

DAANPATRA

ऐप के जरिये मिलने वाले सामान के प्राप्तकर्ताओं की फोटो को अपलोड किया जाता है, ताकि दानकर्ता देख सकें कि उनके द्वारा दिये गए दान का इस्तेमाल सही जगह हुआ है। इसी के साथ करीब 15 व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोग एनजीओ से जुड़े हैं।

ये है आगे की योजना

मालूम हो कि बीती दिवाली पर टीम ने एक ही दिन में करीब ढाई लाख जरूरतमंद परिवारों को कपड़े, किताबें, राशन, बच्चों के लिए खिलौने और अन्य सामान पहुंचाने का काम किया था।

फिलहाल इंदौर में अपनी सेवाओं का संचालन कर रहे एनजीओ के संस्थापक अब अन्य शहरों में इस सेवा का विस्तार करने की उम्मीद कर रहे हैं। एनजीओ अपने इस मिशन के लिए जरूरी धन के लिए जल्द ही दान लेना शुरू कर सकता है।


Edited by रविकांत पारीक