अब टीवी के सेट-टॉप बॉक्स से मिलेगा छुटकारा, जानिए कैसे?
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Information and Broadcasting Minister Anurag Thakur) ने सोमवार को कहा कि 200 से अधिक चैनल देखने के लिए टेलीविजन सेट में एक इन-बिल्ट सैटेलाइट ट्यूनर (built-in satellite tuner in television sets) लगाने के प्रयास जारी हैं. यह एक ऐसा कदम है जिससे दर्शक बिना सेट-टॉप बॉक्स (set-top boxes) टीवी देख सकेंगे. बिल्ट-इन सैटेलाइट ट्यूनर के साथ टेलीविजन सेट किसी भी जगह जैसे किसी बिल्डिंग की छत या साइड की दीवार पर एक छोटा एंटीना लगाकर फ्री-टू-एयर टेलीविज़न और रेडियो चैनलों को एक्सेस कर सकेंगे.
मीडिया से बात करते हुए, ठाकुर ने कहा कि दूरदर्शन के फ्री डिश (Doordarshan's Free Dish) पर सामान्य मनोरंजन चैनलों का भारी विस्तार हुआ है, जिससे करोड़ों दर्शकों को आकर्षित करने में मदद मिली है.
"मैंने अपने डिपार्टमेंट में एक नई शुरुआत की है. यदि आपके टेलीविजन में बिल्ट-इन सैटेलाइट ट्यूनर है, तो अलग से सेट-टॉप बॉक्स रखने की आवश्यकता नहीं होगी. एक रिमोट क्लिक पर आप 200 से अधिक चैनल देख सकते हैं", उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए ये बात कही.
हालांकि मंत्री ने साफ किया कि इस मामले में अभी फैसला होना बाकी है.
दूरदर्शन एनालॉग ट्रांसमिशन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की प्रक्रिया में है, और फ्री-टू-एयर चैनल डिजिटल सैटेलाइट ट्रांसमिशन का उपयोग करके प्रसारित होते रहेंगे.
पिछले साल दिसंबर में, ठाकुर ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Electronics and Information Technology Minister Ashwini Vaishnaw) को लिखा था कि वे टेलीविजन निर्माताओं को औद्योगिक मानक ब्यूरो (Bureau of Industrial Standards - BIS) द्वारा निर्मित सैटेलाइट ट्यूनर के लिए जारी मानकों को अपनाने के निर्देश जारी करें.
वर्तमान में, टेलीविजन दर्शकों को विभिन्न पेड और फ्री चैनल देखने के लिए एक सेट-टॉप बॉक्स खरीदना पड़ता है.
दूरदर्शन द्वारा प्रसारित फ्री-टू-एयर चैनल (नॉन-एन्क्रिप्टेड) देखने के लिए भी दर्शकों को सेट-टॉप बॉक्स खरीदना होता है.
दूरदर्शन फ्री डिश वाले परिवारों की संख्या 2015 से दोगुनी से अधिक हो गई है.
KPMG की एक रिपोर्ट ने 2015 में फ्री डिश उपयोगकर्ताओं की संख्या 20 मिलियन आंकी थी. 2021 में यह संख्या बढ़कर 43 मिलियन हो गई थी.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार, COVID-19 महामारी के दौरान रिकॉर्ड समय में कक्षा 1 से 12 तक के लिए SWAYAM Prabha चैनल शुरू किए गए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की पढ़ाई ठप न हो.
उन्होंने कहा, "आज लगभग 55 ऐसे चैनल हैं और राज्य सरकारें अलग से अपने चैनल शुरू कर रही हैं. न्यूज चैनलों के अलावा फ्री डिश पर सामान्य मनोरंजन चैनलों का जबरदस्त विस्तार हुआ है."