देश में अनुकूल कारोबारी माहौल के लिए सरकार ने उठाए हैं कौन से कदम
यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी.
भारत सरकार का उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT), व्यवसाय करने में आसानी और अनुपालन बोझ को कम करने के तहत कई पहल कर रहा है. इनका उद्देश्य एक अनुकूल कारोबारी माहौल बनाना है. इन पहलों का उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों ;एमएसएमईद्ध सहित अर्थव्यवस्था की सभी एंटिटीज/क्षेत्रों/उद्योगों को लाभ पहुंचाना है.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of MSME) ने भी MSME के प्रमोशन और डेवलपमेंट के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने के लिए निम्नलिखित पहल की हैं-
- उद्यम पंजीकरण पोर्टल को पूरी तरह से ऑनलाइन, कागज रहित और पारदर्शी MSME पंजीकरण प्रक्रिया प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है. MSME को पंजीकृत करने के लिए किसी दस्तावेज या प्रमाण को अपलोड करने की आवश्यकता नहीं है. पंजीकरण के लिए केवल आधार संख्या और स्थायी खाता संख्या यानी PAN ही पर्याप्त है. उद्यमों के निवेश और टर्नओवर को लेकर PAN एवं वस्तु एवं सेवा कर से लिंक्ड डिटेल्स, ऑटोमेटिक तरीके से सरकारी डेटाबेस से ले ली जाती हैं.
- MSME मंत्रालय की योजनाओं के लाभों को डिजिटल पेमेंट गेटवे के माध्यम से प्रसारित करने के लिए डिजिटल भुगतान की शुरुआत की गई है.
- MSME संबंध पोर्टल विकसित किया गया है, जो सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए सार्वजनिक खरीद नीति के कार्यान्वयन की निगरानी में मदद करता है.
- MSME समाधान पोर्टल विकसित किया गया है, जो देश भर में सूक्ष्म और लघु उद्यमियों को विलंबित भुगतान से संबंधित मामलों को दर्ज कराने में सशक्त बनने में मदद करता है.
- शिकायतों के शीघ्र निवारण के लिए चैंपियंस पोर्टल विकसित किया गया है.
- सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) को MSME से, विभिन्न सरकारी विभागों/संगठनों/CPSE के लिए आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करने के लिए निर्देश दिया गया है.
किन प्रमुख क्षेत्रों पर इन पहलों का फोकस
यह जानकारी वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी.अनुकूल कारोबारी माहौल बनाने के लिए शुरू की गई पहलों का फोकस जिन प्रमुख क्षेत्रों पर है, वे हैं-
- आवेदन, रिन्युअल्स, निरीक्षण, रिकॉर्ड फाइलिंग्स आदि से संबंधित प्रक्रियाओं का सरलीकरण
- निरर्थक कानूनों को निरस्त, संशोधित या सम्मिलित करके रेशनलाइजेशन
- मैनुअल फॉर्म्स और रिकॉर्ड्स को खत्म करते हुए ऑनलाइन इंटरफेसेज बनाकर डिजिटलीकरण
- मामूली तकनीकी या प्रक्रियात्मक चूकों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना.
Edited by Ritika Singh