IOC ने भारत को ओलंपिक से सस्पेंड करने की धमकी दी, जानिए कारण क्या है?
आईओसी के कार्यकारी बोर्ड (ईबी) ने गुरुवार को एक बैठक में भारतीय स्टेकहोल्डर्स को उनके आंतरिक विवादों, शासन की कमियों और चल रहे अदालती मामलों को हल करने के लिए एक अंतिम चेतावनी जारी की, जिसके कारण दिसंबर 2021 में होने वाले चुनाव हैं अभी तक लंबित हैं.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) की कार्यकारी समिति ने भारत को ओलंपिक से सस्पेंड करने की धमकी देते हुए मुंबई में होने वाली IOC की 140वीं बैठक को मई 2023 से पोस्टपोन करके उसी साल सिंतबर, अक्टूबर में आयोजित करने का फैसला किया है. IOC ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है जब भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) अदालती मुकदमे के चक्कर में फंसा है और उसके आंतरिक चुनाव लगातार टलते जा रहे हैं.
आईओसी के कार्यकारी बोर्ड (ईबी) ने गुरुवार को एक बैठक में भारतीय स्टेकहोल्डर्स को उनके आंतरिक विवादों, शासन की कमियों और चल रहे अदालती मामलों को हल करने के लिए एक अंतिम चेतावनी जारी की, जिसके कारण दिसंबर 2021 में होने वाले चुनाव हैं अभी तक लंबित हैं.
यदि भारतीय स्टेकहोल्डर्स ईबी द्वारा सामने लाए गए इन मुद्दों को हल करने में विफल रहते हैं, तो आईओसी ने कहा कि वह राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) को निलंबित करने में संकोच नहीं करेगा। अगर IOC भारत को सस्पेंड करने का कदम उठाता है तो हाल के समय में यह दूसरी बार होगा जब भारत को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा. इससे पहले ऐसे ही कारणों भारत को 2012 से 2014 के बीच सस्पेंड किया गया था.
इस समय IOA दो गुटों में विभाजित है. इसमें एक नरिंदर ध्रुव बत्रा का धड़ा है, जिन्हें अदालत के आदेश पर अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा और दूसरा महासचिव राजीव मेहता का धड़ा है। वहीं, खेल मंत्रालय भी इस मामले में किसी भाजपा नेता को पद पर बैठाकर अपने हित साधने में लगा है, जैसा कि वह अखिल भारतीय फुटबाल फेडरेशन (AIFF) में करने में सफल रहा है.
बता दें कि, IOA के चुनाव पिछले साल दिसंबर में होने वाले थे लेकिन चुनाव प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए इसे रोक दिया गया था.
दिसंबर में ही IOA चुनाव से पहले अपने संविधान के संशोधनों की जांच करने के लिए एक 6 सदस्यीय समिति बनाई थी.
मई में दिल्ली हाईकोर्ट ने IOA प्रमुख बत्रा के हॉकी इंडिया का लाइफ मेंबर पद को समाप्त कर दिया था जिसके बाद उन्हें IOA प्रमुख के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. हॉकी इंडिया लाइफ मेंबर होने के कारण ही उन्होंने 2017 में IOA प्रमुख का पद जीता था.
इससे पहले 16 अगस्त को पिछले 85 साल के इतिहास में पहली बार विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा (FIFA) ने तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को निलंबित कर दिया था. इसके साथ ही फीफा ने एआईएफएफ से अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार छीन लिए थे. भारत को 11 से 30 अक्टूबर के बीच फीफा टूर्नामेंट की मेजबानी करनी है.
इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) के कामकाज के संचालन के लिये नियुक्त तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (CoA) को बर्खास्त कर दिया. इसके साथ ही एआईएफएफ पर से फीफा द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के हटने का रास्ता खुल गया.
वहीं, हाल ही मे हुए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा नेता कल्याण चौबे ने पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया को हरा दिया.
Edited by Vishal Jaiswal