इफको IoTechWorld Avigation से खरीदेगा 500 कृषि ड्रोन
इफको से मिले आर्डर पर विस्तृत जानकारी देते हुए आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के को-फाउंडर अनूप उपाध्याय ने कहा "कृषि-ड्रोन की खरीद के लिए इफको से मिले सबसे बड़े खरीदी आदेश को प्राप्त करना हमारे लिए वास्तव में सम्मान की बात है. कंपनी इस वर्ष के अंत तक इफको को 500 ड्रोन मुहैया करा देगी."
अग्रणी कृषि-ड्रोन निर्माणकर्ता आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन प्राइवेट लिमिटेड (IoTechWorld Avigation Pvt Ltd) ने सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि उसे सहकारी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी इफको से 500 कृषि ड्रोन मुहैया करने का बड़ा आर्डर (अनुबंध) प्राप्त हुआ है. इन कृषि ड्रोन का इस्तेमाल मुख्यतया नैनो तरल यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव में किया जायेगा.
इंडियन फार्मर्स फ़र्टिलाइज़र को—आपरेटिव लिमिटेड (इफको - IFFCO) नैनो यूरिया और नैनो डीएपी जैसे अपने उत्पादों के छिड़काव के लिए 2500 ड्रोन की खरीदी की योजना पर कार्य कर रही है. साथ ही इफको की 5000 ग्रामीण उद्यमी तैयार करने की योजना है, जिन्हें ड्रोन से छिड़काव के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा.
भारत का सर्वप्रथम डीजीसीए टाइप सर्टिफिकेट (टीसी) प्राप्त ड्रोन ‘एग्रीबोट’ की निर्माता कंपनी आयोटेकवर्ल्ड की सह-स्थापना दीपक भारद्वाज और अनूप उपाध्याय ने वर्ष 2017 में की थी.
इफको से मिले आर्डर पर विस्तृत जानकारी देते हुए आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन के को-फाउंडर अनूप उपाध्याय ने कहा, "कृषि-ड्रोन की खरीद के लिए इफको से मिले सबसे बड़े खरीदी आदेश को प्राप्त करना हमारे लिए वास्तव में सम्मान की बात है. कंपनी इस वर्ष के अंत तक इफको को 500 ड्रोन मुहैया करा देगी."
उन्होंने आगे कहा कि आयोटेकवर्ल्ड की स्थापना के समय से ही हमारा प्रयास कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने का रहा है, इसीलिए कंपनी देश में कृषि-ड्रोन की अगुआ (पायनियर) रही है.
कंपनी के दूसरे को-फाउंडर दीपक भारद्वाज ने आगे बताया कि ड्रोन बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है और उर्वरक एवं कीटनाशक दवा कंपनियों सहित विभिन्न कंपनियों के साथ-साथ किसानों व ग्रामीण उद्यमियों से बड़ी मांग आ रही है. हमारे एग्रीबोट (कृषि ड्रोन) को उर्वरकों के लिए विशेष तौर पर डिजाइन और प्रोग्राम किया गया है. इफको का परचेज-ऑर्डर कृषि-ड्रोन क्षेत्र में हमारी विशेषज्ञता और सामर्थ्य का परिचायक है.
इफको के अलावा आयोटेकवर्ल्ड एविगेशन ने कृषि-रसायन कंपनी सिंजेंटा के साथ भी साझेदारी की है, और देश के विभिन्न हिस्सों में 17,000 किलोमीटर की ड्रोन यात्रा भी तय की है.
वित्त वर्ष 2023—24 में कंपनी के लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए उपाध्याय ने कहा "इस वित्त वर्ष में 3,000 ड्रोन की बिक्री के साथ पिछले वर्ष के मुकाबले हमारा लक्ष्य इस वर्ष में 5-6 गुना बिक्री का है. इसके आलावा हम निर्यात की सम्भावनाएं भी तलाश रहे हैं. सरकार द्वारा ड्रोन निर्यात की नीति के उदारीकरण के हालिया निर्णय ने कई संभावनाएं खोल दी हैं, और विदेशी बाजार में मांग भी काफी अच्छी है."
कंपनी सार्क, दक्षिण-पूर्व एशिया, लैटिन अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, ब्राज़ील, ओमान, बांग्लादेश, वियतनाम, फिलीपीन्स, नेपाल और अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में निर्यात की सम्भावनायें भी तलाश रही है, जो कि निर्यात बिक्री हेतु आयोटेक के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं.
कंपनी कृषि में ड्रोन उपयोग के लाभों की जागरूकता पर काफी ध्यान दे रही है. आयोटेक ने कई रिमोट पायलट ट्रेनिंग संगठन भी स्थापित किये हैं, जहाँ ड्रोन उड़ाने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाता है.
"इन कृषि-ड्रोन के उपयोग से न केवल समय और धन की बचत होती है, बल्कि खेत की पैदावार में भी वृद्धि होती है. ड्रोन के उपयोग के फसल पर कीटनाशक दवाओं के छिड़काव जैसी कृषि गतिविधियों के अतिरिक्त किसानों के लिए स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी है," भारद्वाज ने कहा.
अपने साझीदारों के साथ कंपनी गाँव स्तर पर उद्यमियों को बढ़ावा देने और देश भर में रिमोट पायलट ट्रेनिंग संगठन स्थापित करवाने में सहायता कर रही है, उन्होंने कहा.