भारत की टॉप 10 एग्रीटेक कंपनियां जो किसानों के लिए खेती करना बना रही है आसान
यहां हम भारत की टॉप 10 एग्रीटेक कंपनियों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो इनोवेशन्स के साथ देश में कृषि क्षेत्र में बदलाव ला रही हैं.
हमेशा से कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण सेक्टर रहा है. और देश में कृषि प्रथाओं का समृद्ध इतिहास है. हालांकि बढ़ती आबादी के साथ, कृषि क्षेत्र में उत्पादकता एवं क्षमता बढ़ाने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी को अपनाना बहुत ज़रूरी हो गया है. हाल ही के वर्षों में एग्रीटेक स्टार्ट-अप्स द्वारा पेश किए गए आधुनिक समाधानों के चलते भारतीय कृषि में बड़े बदलाव आए हैं, जो पारम्परिक तरीकों के दायरे से बढ़कर कृषि को अधिक प्रभावी बना रहे हैं.
वर्तमान में भारत में कई एग्रीटेक कंपनियां हैं जो आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग कर कृषि को अधिक प्रभावी एवं स्थायी बनाने के लिए काम कर रही हैं. ये कंपनियां किसानों को उनकी फसलों के बेहतर प्रबन्धन, उत्पादकता बढ़ाने, व्यर्थ कम करने में मदद करती हैं. साथ ही आधुनिक उत्पादों एवं सेवाओं जैसे ड्रोन्स, प्रेसीज़न फार्मिंग, फार्म मैनेजमेन्ट सॉफ्टवेयर, क्रॉप मॉनिटरिंग टूल एवं ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से किसानों का मुनाफ़ा बढ़ाने में योगदान देती हैं.
यहां हम भारत की टॉप 10 एग्रीटेक कंपनियों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो इनोवेशन्स के साथ देश में कृषि क्षेत्र में बदलाव ला रही हैं.
Gramik
(इसे पहले AgriJunction के नाम से जाना जाता था) के साथ राज यादव और गौरव कुमार देश के अन्नदाता किसानों को शिक्षित और सशक्त बनाना चाहते हैं. वे किसानों के लिए उनकी खेती की उपज में सुधार लाने और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्टार्टअप का हेडक्वार्टर लखनऊ में जबकि इसका कॉर्पोरेट ऑफिस पूणे में है.
Gramik किसानों, महिलाओं और ग्रामीण युवाओं को क्वालिटी फार्म इनपुट्स, एक्सपर्ट नॉलेज, टेक्नीकल इनोवेशंस और बिजनेस स्किल्स के जरिए ग्रामीण समुदायों को मजबूत बनाकर ग्रामीण भारत की तस्वीर बदल रहा है. स्टार्टअप पूरी सप्लाई चेन को शामिल करके, इनपुट क्वालिटी सुनिश्चित करके और बेहतर उपज के लिए किसानों को सटीक शोध मुहैया करके भारत में खेती की तस्वीर बदल रहा है.
एग्रीटेक स्टार्टअप को भारत के पहले पीयर कॉमर्स स्टार्टअप की संज्ञा दी गई है. इसे आसान भाषा में समझे तो यह ग्रामीण महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए उल्लेखनीय प्रयास करके एक अधिक सोशल रिस्पोंसिबल इकोसिस्टम तैयार कर रहा है. स्टार्टअप न केवल 1.50 लाख से अधिक किसानों की 300 फीसदी तक आय बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है, बल्कि इसने 350 से अधिक लोगों को रोजगार देकर उनके लिए आजीविका भी बनाई है.
AVPL
एक प्रमुख कृषि प्रशिक्षण, विदेशी प्लेसमेन्ट एवं ड्रोन मैनुफैक्चरिंग कंपनी है. इसकी स्थापना दिसम्बर 2016 में पहली पीढ़ी के उद्यमी दीप सिसाई ने की थी. सरकारी योजनाओं एवं एनबीएफसी के माध्यम से ड्रोन पायलट्स को प्रशिक्षण देकर स्व-रोज़गार को बढ़ावा देना और भारत के लाखों किसानों को सहयोग प्रदान करना इसका मुख्य उद्देश्य है. कंपनी ने अगले 5 सालों में 64,800 ड्रोनोप्रेन्योर्स को प्रशिक्षित करने और 80,000 मार्ट्स खोलने की योजना बनाई है. AVPL अगले 5 सालों में 100 रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन, उत्कृष्टता केन्द्र्र स्थापित करेगी.
AVPL के पास कई मान्यताएं हैं जैसे यह राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) और हरियाणा कौशल विकास मिशन के साथ प्रशिक्षण प्रदाता के रूप में जुड़ी हुई है, तथा DDU-GKY (ग्रामीण विकास मंत्रालय) के साथ परियोजना कार्यान्वयन एजेन्सी के रूप में कार्यरत है. AVPL विभिन्न राज्य सरकारों एवं सेक्टर कौशल परिषदों की पंजीकृत प्रशिक्षण पार्टनर भी है. उल्लेखनीय है कि कंपनी के प्रशिक्षित उम्मीदवारों को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा सिलवासा में दमन और दादरा नगर हवेली में प्रमाणपत्र दिए गए हैं.
AVPL ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे एडसिल इंडिया लिमिटेड, टेलीकम्युनिकेशंस कन्सलटेन्ट्स इंडिया लिमिटेड, इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्री लिमिटेड और भारत स्काउट्स एण्ड गाईड के साथ कई साझेदारियां की हैं.
Absolute
एक प्रमुख बायोसाइंस कंपनी है जो पिछले लाखों सालों से संचित, प्रकृति की इंटेलीजेन्स की क्षमता का उपयोग कर मानवता की सबसे बड़ी चुनौतियों को हल करने के लिए प्रयासरत है. अगम खरे ने 2015 में इस कंपनी की स्थापना की और बाद में प्रतीक रावत उनके साथ सह-संस्थापक के रूप में जुड़ गए. Absolute का मुख्यालय दिल्ली में है, यह फाइटोलोजी, माइक्रोबायोलोजी एवं एआई टेक्नोलॉजी के उपयोग से प्रेसीज़न कृषि समाधानों में विशेषज्ञ है. कंपनी के सॉफ्टवेयर समाधान फार्म हार्डवेयर सिस्टम्स को नियन्त्रित करते हैं और विभिन्न स्रोतों जैसे आईओटी डिवाइसेज़, सेंसर स्यूट्स, हार्डवेयर सिस्टम्स एवं सैटेलाईट से नियमित रूप से डेटा संग्रहित करते हैं. इसके बाद इस डेटा को प्रॉपराइटरी मशीन-लर्निंग एल्गोरिदम में डाला जाता है जो कार्ययोग्य रूझान देता है.
वर्तमान में Absolute के तीन प्लेटफॉर्म्स हैं- बायोएक्स, एक प्लांट बायोसाइंस आर एण्ड डी प्लेटफॉर्म; फार्म ओएस, फार्म ऑपरेटिंग सिस्टम; और उत्पाद के लिए ग्लोबल ट्रेड प्लेटफॉर्म. फार्म ओएस विभिन्न स्रोतों जैसे सेंसर्स, सैटेलाईट फीड्स आदि स्रोतों से प्राप्त डेटा के आधार पर किसानों के लिए कार्ययोग्य रूझान प्रस्तुत करता है, तथा पूरे फसल चक्र के दौरान अनुकूल परिस्थितियों को सुनिश्चित करता है. Absolute ने अपने समाधानों को 15,000 से अधिक किसानों तक पहुंचाया है और 100 से अधिक वैज्ञानिकों की टीम तैयार की है.
AgNext Technologies
Technologies भारत के प्रमुख एग्री-टेक उद्यमों तथा सबसे तेज़ी से विकसित होती एग्री-टेक कंपनियों में से एक है. यह डीप-टेक-बेस्ड फूड क्वालिटी असेसमेन्ट, मॉनिटरिंग एवं मैनेजमेन्ट समाधानों में विशेषज्ञ है. 2016 में तरनजीत सिंह भामरा और मृगांक शरद द्वारा स्थापित AgNext कृषि में आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि मूल्य श्रृंखला में दक्षता एवं स्थायित्व में सुधार लाती है.
आधुनिक टेक्नोलॉजी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), कम्प्यूटर विज़न और अडवान्स्ड डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से कंपनी ने फुल-स्टैक समाधान ‘क्वालिक्स’ विकसित किया है, जो रैपिड फूड क्वालिटी असेसमेन्ट (भोजन की गुणवत्ता के तीव्र मूल्यांकन) को सुनिश्चित करता है. उनके पास फसलों की गुणवत्ता के मूल्यांकन, भोजन सुरक्षा एवं ट्रेसेबिलिटी, आपूर्ति श्रृंखला प्रबन्धन एवं प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स में कई ऐप्लीकेशन्स हैं. AgNext के समाधान सटीक तरीके से फसलों के पोषक कंटेंट, परिपक्वता एवं संदूषण का विश्लेषण करते हैं, ताकि किसान सोच समझ कर सही फैसला ले सकें. ये ट्रेसेबिलिटी समाधान भोजन सुरक्षा को सुनिश्चित कर विनियामक ज़रूरतों को पूरा करते हैं, साथ ही उनके प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स फसल प्रबन्धन प्रथाओं के अनुकूलन के लिए डेटा-उन्मुख पूर्वानुमान उपलब्ध कराते हैं.
DeHaat
एक भारतीय एग्रीटेक कंपनी है जो एक ऑनलाईन प्लेटफॉर्म के रूप में काम करते हुए किसानों को कृषि समाधान उपलब्ध कराती है. 2012 में शशांक कुमार एवं मनीष कुमार द्वारा स्थापित DeHaat अपनी व्यापक सेवाओं के साथ किसानों को सशक्त बनाती है, जैसे गुणवत्तापूर्ण एग्री-इनपुट के लिए एक्सेस, परामर्श सेवाएं, मार्केट के साथ लिंक और फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स. ये सभी समाधान डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए सुलभ बनाए जाते हैं.
DeHaat एक एग्री-टेक प्लेटफॉर्म है जो किसानों को आपूर्तिकर्ताओं, फसल सलाहकारों एवं खरीददारों के नेटवर्क के साथ जोड़ता है. यह पर्सनलाइज़्ड क्रॉप अडवाइज़री सेवाएं उपलब्ध कराता है. तथा कृषि उत्पादों जैसे बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि के लिए एक्सेस देता है.
DeHaat भारत के कई राज्यों में काम करते हुए लाखों किसानों को अपनी सेवाएं प्रदान करती है. टेक्नोलॉजी एवं डेटा-उन्मुख समाधानों माध्यम से कृषि की दक्षता, स्थायित्व एवं मुनाफे को बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य है.
CropIn
की स्थापना 2010 में कृष्णा कुमार और कुनाल प्रसाद द्वारा की गई. इसका मुख्यालय बैंगलोर, भारत में है. कंपनी ने कृषि मूल्य श्रृंखला के कई हितधारकों जैसेकिसानों, कृषि कारोबारों, भोजन कंपनियों एवं सरकारों के साथ साझेदारी की है, तथा कृषि को स्थायी बनाने एवं इसका मुनाफा बढ़ाने के लिए आधुनिक समाधान उपलब्ध कराती है. CropIn को कई निवेशकों जैसे चिराटे वेंचर्स, इन्वेस्टड डेवलपमेन्ट और अंकुर कैपिटल्स से फंडिंग प्राप्त हुई है.
CropIn एक एग्रीटेक स्टार्टअप है जो किसानों के फसल उत्पादन को अनुकूलित करने के लिए डिजिटल फार्म मैनेजमेन्ट प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है, ताकि वे डेटा पर आधारित फैसले ले सकें. यह प्लेटफॉर्म एआई, एमएल एवं डेटा एनालिटिक्स का उयोग कर कार्य योग्य रूझान प्रस्तुत करता है, जिससे फार्म की उत्पादकता और संचालन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है.
CropIn का प्लेटफॉर्म क्रॉप मॉनिटरिंग, कीट एवं रोग प्रबन्धन, मौसम के पूर्वानुमान, फार्म एनालिटिक्स, ट्रेसेबिलिटी समाधान उपलब्ध कराता है. इनके ज़रिए किसान रिमोट तरीकों से अपनी फसलों पर निगरानी रख सकते हैं. रियल टाईम में मौसम और कीटों का एलर्ट पा सकते हैं तथा डेटा-उन्मुख फसल अडवाइज़री पा सकते हैं. यह प्लेटफॉर्म उत्पाद की ट्रैकिंग एवं ट्रेसिंग को आसान बनाकर खाद्य सुरक्षा मानकों के साथ अनुपालन को सुनिश्चित करता है.
Ninjacart
कंपनी की स्थापना साल 2015 में थिरूकुमारन नागराजन, कार्थेस्वरन के के, आशुतोष विक्रम, शरथ लोगानाथ और वासुदेवन चिन्नाथाम्बी द्वारा की गई. तब से
ने अपने संचालन को भारत के कई शहरों जैसे बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई और पुणे में विस्तारित किया है.Ninjacart एक भारतीय एग्रीटेक स्टार्टटप है, जो कृषिक्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं को हल करने के लिए कार्यरत है. उन्होंने टेक्नोलॉजी-उन्मुख प्लेटफॉर्म विकसित किया है जो आूपर्ति श्रृंखला में बिचौलियों को खत्म कर किसानों को सीधे रीटेलरों के साथ जोड़ता है तथा बाज़ार में उचित दामों पर ताज़ा उत्पाद पहुंचाता है.
Ninjacart बी2बी मॉडल पर अपना संचालन करता है. वे सीधे किसानों से उत्पाद खरीद कर इसे रीटेलरों, रेस्टोरेन्ट एवं अन्य कारोबारों को बेचते हैं. वे डेटा एनालिटिक्स एवं लॉजिस्टिक्स ऑप्टिमाइज़ेशन के द्वारा सुनिश्चित करते हैं कि उनका उत्पाद कटाई के 12 घण्टें के भीतर उपभोक्ताओं तक पहुंच जाए. Ninjacart ने कई निवेशकों जैसे एक्सेल, टाइगर ग्लोबल एवं स्टीडव्यू कैपिटल आदि से धनराशि जुटाई है.
AgroStar
एक भारतीय एग्रीटेक कंपनी है जो डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में संचालन करते हुए किसानों को कृषि इनपुट एवं सेवाएं प्रदान करती है. 2013 में शरदुल शेठ एवं सीतांशु शेठ द्वारा स्थापित AgroStar कृषि आधुनिक तकनीक के द्वारा कृषि को प्रभावी बनाने और किसानों का मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह किसानों को गुणवत्तापूर्ण एग्री-इनपुट, एग्रोनोमी अडवाइज़री एवं मार्केट लिंकेज के साथ जोड़ती है.
AgroStar किसानों को मोबाइल ऐप और वेबसाइट उपलब्ध कराती है, उनके लिए कृषि उत्पादों जैसे बीजों, उर्वरकों, कीटनाशकों एवं उपकरणों को सुलभ बनाती है. कंपनी ने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को सुलभ बनाने के लिए इनपुट मैनुफैक्चरर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ साझेदारी की है. किसान प्रोडक्ट्स को ब्राउज़ कर सकते हैं, कीमतों की तुलना कर सकते हैं और ऑनलाईन ऑर्डर कर अपने घर में डिलीवरी पा सकते हैं.
AgroStar की एग्रोनोमी अडवाइज़री सेवाएं फसलों की अवस्था, मिट्टी के प्रकार, मौसम, कीटों, रोगों के आधार पर पर्सनलाइज़़्ड फसल प्रबन्धन के सुझाव देती हैं. उन्हें मोबाइल ऐप या फोन के माध्यम से अनुभवी कृषि विशेषज्ञों द्वारा सुझाव दिए जाते हैं. AgroStar भारत के कई राज्यों में अपना संचालन करती है. डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से किसानों की उत्पादकता एवं आय बढ़ाना तथा उनके आजीविका के साधनों में सुधार लाना इसका मुख्य उद्देश्य है.
FarmERP
का लक्ष्य खेती और कृषि व्यवसाय को टेक्नोलॉजी के जरिए आसान करना है. संजय बोरकर और संतोष शिंदे इसके को-फाउंडर हैं. यह सॉफ्टवेयर कृषि उद्योग में भविष्य के लिए संस्थाओं और हितधारकों की एक विस्तृत श्रृंखला को सिंक करने और तैयार करने के लिए इंटेलीजेंट और अगली पीढ़ी का कृषि प्रबंधन मंच है. यह अत्यधिक स्केलेबल, कॉन्फ़िगर करने योग्य और भविष्य के लिए तैयार सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म हितधारकों को लाभदायक और टिकाऊ कृषि व्यवसाय प्राप्त करने के लिए डिजिटल कृषि 4.0 का अभ्यास करने में मदद करता है. यह कृषि क्षेत्र में उप-उद्योगों, जैसे वृक्षारोपण खेती, अनुबंध खेती, प्रोसेसर और निर्यातकों को सेवा प्रदान करता है. प्लेटफ़ॉर्म की कुछ अनूठी पेशकशों में शामिल हैं - क्लाइमेट स्मार्ट एडवाइजरी, कीट रोग का पता लगाना, एआई का उपयोग करके गुणवत्ता विश्लेषण, आईओटी डिवाइस एकीकरण, व्यावसायिक प्रक्रियाओं में क्यूआर आधारित पहुंच नियंत्रण आदि.
बदलाव लाने के जुनून से प्रेरित - FarmERP 3P पर ध्यान केंद्रित करता है - व्यवसायों के लिए उत्पादकता (Productivity), लाभप्रदता (Profitability) और पूर्वानुमान (Predictability). मंच मूल रूप से चार महत्वपूर्ण बिंदुओं के इर्द-गिर्द घूमता है: खाद्य सुरक्षा, पता लगाने की क्षमता, पुनर्योजी कृषि और जलवायु लचीलापन. ये संयुक्त राष्ट्र के दो सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप हैं: शून्य भूखमरी और जलवायु परिवर्तन.
कंपनी ने आज तक, लगभग 30 से अधिक देशों में खेती के लिए काम किया है और अपने सॉफ्टवेयर को अफ्रीका, यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में तैनात किया है. इसका उपयोग 675,000 एकड़ भूमि पर 120 फसल किस्मों में किया जाता है और यह कई अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में उपलब्ध है. FarmERP ने 1.5 मिलियन किसानों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद की है और उन्हें उच्च उत्पादकता, राजस्व, व्यवहार्यता और ट्रेसेबिलिटी हासिल करने में सहायता की है.
Kheyti
को प्रतिष्ठित 'अर्थशॉट' पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. इस स्टार्टअप ने छोटे किसानों के लिए ग्रीनहाउस-इन-ए-बॉक्स (Green-House-In-A-Box) डिजाइन किया है. यह स्टार्टअप 2016 में शुरू हो गया था, लेकिन किसानों के साथ 2017 से जुड़ना शुरू किया. इसकी शुरुआत Kaushik Kappagantulu ने 3 अन्य को-फाउंडर्स सत्या रघु, सौम्या और आयुष शर्मा के साथ मिलकर की थी.खेती स्टार्टअप क्लाइमेट चेंज की वजह से फसलों पर पड़ने वाले प्रभाव से उसकी रक्षा करने वाली टेक्नोलॉजी लाया है. इसका मिशन है कि छोटे किसानों को ग्रीन हाउस की सुविधा सस्ते दाम पर मिल सके. यह स्टार्टअप खास तौर पर उन किसानों के साथ काम करता है, जिनके पास 5 एकड़ से कम जमी है और भारत में ऐसे किसान करीब 10 करोड़ हैं. मौसम में बदलाव की वजह से फसलों को काफी नुकसान होता है. क्लाइमेट चेंज की वजह से भी नुकसान का रिस्क लगातार बढ़ता ही जा रहा है. खेती का मकसद है कि किसानों को इस रिस्क से सुरक्षा मुहैया कराई जाए.
यह स्टार्टअप सीधे-सीधे ग्रीन हाउस तकनीक को बेचकर पैसे कमाता है. ग्रीन हाउस एक बार लगाने के बाद अगले 15 सालों तक चलता है. ऐसे में इस बीच में कंपनी किसानों को एडवाइजरी मुहैया कराती है, जिसके पैसे नहीं लेती. हालांकि, कंपनी की तरफ से ग्रीन हाउस को और बेहतर करने वाले कुछ इक्विपमेंट्स भी दिए जाते हैं, जो बीच-बीच में कंपनी बेचती है और उससे भी कुछ पैसे कमाती है.