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तो क्या अब ग्राहकों के डेटा से कमाई करेगी IRCTC?

IRCTC आमदनी के रास्ते तलाश रही है. कंपनी ने अब अपनी वेबसाइट के यूजर्स के डेटा को बेचने का फैसला किया है. इसके लिए कंपनी ने बाकायदा टेंडर भी जारी कर दिया है.

भारत में रेल का सफर करने वाले लगभग सभी यात्री भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी IRCTC की वेबसाइट पर अपना टिकट बुक कराते हैं. इस वेबसाइट पर हर एक यूजर की डिटेल मौजूद रहती है, जैसे कि उसका नाम, जन्मतिथि, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल एड्रेस, आदि. अब इन डिटेल्स के जरिए IRCTC आमदनी के रास्ते तलाश रही है. कंपनी ने अब अपनी वेबसाइट के यूजर्स के डेटा को बेचने का फैसला किया है. इसके लिए कंपनी ने बाकायदा टेंडर भी जारी कर दिया है.

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CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अब IRCTC डेटा मोनेटाइजेशन करने जा रही है. इसके तहत IRCTC वेबसाइट यूजर्स का डेटा बेचेगी. कंपनी का डेटा मोनेटाइजेशन के जरिए कमाई बढ़ाने का लक्ष्य है. कमाई बढ़ाने के लिए डेटा मोनेटाइजेशन को लेकर कंपनी ने टेंडर भी जारी किया है.

IRCTC इसके जरिए 1,000 करोड़ रुपये हासिल चाहती है. इसमें मदद के लिए सलाहकारों की नियुक्ति के मकसद से कंपनी ने टेंडर जारी की है. IRCTC मानती है कि होटलों से लेकर एनर्जी, इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर हेल्थ सेक्टर आदि में काम करने वाली कंपनियां यह डेटा ले सकती हैं.

IRCTC के टेंडर में कहा गया है, "भारतीय रेलवे ग्राहक/वेंडर ऐ​प्लिकेशन तथा अपने आंतरिक ऐ​​प्लिकेशन पर मौजूद जानकारी से कमाई करना चाहती है. इसके तहत कंपनी रेवेन्यू हासिल करने तथा सेवाओं में आगे और सुधार लाने के लिए अलग-अलग सरकारी और प्राइवेट कंपनियों जैसे टूर एवं ट्रैवल्स, होटल, फाइनेंस, इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों, इंश्योरेंस सेक्टर, हेल्थ सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, ​​शिपिंग, एविएशन, बंदरगाह विकासकर्ताओं, कंटेनर परिचालकों, खनन, ऊर्जा कंपनियों आदि के साथ काम करेगी."

अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स ने सूत्रों के हवाले से कहा कि मामला अभी शुरुआती चरण में है लेकिन रेलवे बोर्ड मोनेटाइजेशन की यह कवायद आगे बढ़ाने के लिए स्पष्ट तौर पर जोर दे रहा है. यह कदम तब उठाया जा रहा है जब रेलवे अपनी फिजिकल एसेट्स को मोनेटाइज करने के लिए जूझ रहा है. इसलिए रेलवे डिपार्टमेंट इस वित्त वर्ष का मोनेटाइजेशन का भारीभरकम लक्ष्य पूरा करने के लिए अपनी डिजिटल एसेट्स और डेटा बैंक के जरिये अतिरिक्त आमदनी की कोशिश कर सकता है.

इसके तहत IRCTC द्वारा ट्रैवलिंग पैटर्न, हिस्ट्री और लोकेशन से जुड़ा डेटा शेयर किया जाएगा. ऐसा करते समय भी आईटी एक्ट के तहत यूजर्स की वित्तीय निजता का ख्याल रखा जाएगा. सूत्रों का कहना है कि डेटा मोनेटाइजेशन के तहत यूजर्स के बैंक और ट्रांजेक्शन का डेटा शेयर नहीं किया जाएगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, IRCTC के एक अ​धिकारी ने बताया कि टेंडर में कहा गया है कि इस मोनेटाइजेशन कैंपेन के लिए सलाहकार को प्रवर्तन की समस्या हल करनी होगी क्योंकि मामला गोपनीयता से जुड़ा है. IRCTC के पास जारी होने वाले प्रत्येक रेलवे टिकट का व्यापक डेटा बैंक है क्योंकि यह अकेला रेलवे टिकटिंग प्लेटफॉर्म है.      

गौरतलब हो कि अभी तक प्राइवेट कंपनियों के अपने ग्राहकों की व्यक्तिगत जानकारी बाजार में बेचे जाने की ही खबरें आती थीं मगर अब IRCTC भी यात्रियों की जानकारी दूसरी कंपनियों को देकर कमाई करने जा रही है. IRCTC यात्रियों का डेटा निजी और सरकारी कंपनियों के साथ साझा करेगी मगर इससे रेल यात्रियों का डेटा प्रभावित हो सकता है. इसका खाका तैयार करने और अनुमानित आय का पता लगाने के लिए कंपनी ने सलाहकारों की मदद मांगी है.